आईपीसी धारा 290 क्या है | IPC Section 290 in Hindi – विवरण, सजा का प्रावधान


आईपीसी धारा 290 क्या है

कोई किसी ऐसे मामले में लोक बाधा उत्पन्न करना,जो इस संहिता द्वारा अन्यथा दण्डनीय नहीं है – एक अपराध है,  इसके लिए दंड का विधान (IPC) की धारा 290 में  किया गया है | यहाँ हम आपको ये बताने का प्रयास करेंगे कि भारतीय दंड सहिता (IPC) की धारा 290 किस तरह अप्लाई होगी | भारतीय दंड संहिता यानि कि IPC की धारा 290 क्या है ? इसके सभी पहलुओं के बारे में विस्तार से यहाँ समझने का प्रयास करेंगे | आशा है हमारी टीम द्वारा किया गया प्रयास आपको पसंद आ रहा होगा |

आईपीसी धारा 292 क्या है

(IPC Section 290) अन्यथा अनुपबन्धित मामलों में लोक न्यूसेन्स(लोक बाधा) के लिए दण्ड–

इस पेज पर भारतीय दंड सहिता की धारा 290 में “कोई किसी ऐसे मामले में लोक बाधा उत्पन्न करना,जो इस संहिता द्वारा अन्यथा दण्डनीय नहीं है – एक अपराध है और इस अपराध को करीत करने पर दण्ड के बारे में क्या प्रावधान बताये गए हैं, और इसमें कितनी सजा देने की बात कही गई है? इनके बारे में पूर्ण रूप से इस धारा में चर्चा की गई है | साथ ही भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 290 में जमानत के बारे में क्या बताया गया है ? इसको भी यहाँ जानेंगे, साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर अन्य महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी  ले सकते हैं |



आईपीसी धारा 294 क्या है

IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा ) की धारा 290 के अनुसार :-

अन्यथा अनुपबन्धित मामलों में लोक न्यूसेन्स के लिए दण्ड–

“ जो कोई किसी ऐसे मामले में लोक न्यूसेन्स करेगा जो इस संहिता द्वारा अन्यथा दण्डनीय नहीं है, वह जुर्माने से, जो दो सौ रुपए तक को हो सकेगा, दण्डित किया जाएगा “ |

S. 290 – “Punishment for public nuisance in cases not otherwise pro­vided for”–

Whoever commits a public nuisance in any case not otherwise punishable by this Code, shall be punished with fine which may extend to two hundred rupees.

आईपीसी धारा 295 क्या है

लागू अपराध (IPC Section 290)

कोई किसी ऐसे मामले में लोक बाधा उत्पन्न करना,जो इस संहिता द्वारा अन्यथा दण्डनीय नहीं है।

सजा – 200 रुपए तक आर्थिक दण्ड दिया जायेगा।

यह एक जमानती, गैर-संज्ञेय अपराध है और किसी भी मेजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।

आईपीसी धारा 279 क्या है

आईपीसी की धारा 290 में सजा (Punishment) क्या होगी

कोई किसी ऐसे मामले में लोक बाधा उत्पन्न करना,जो इस संहिता द्वारा अन्यथा दण्डनीय नहीं है। एक अपराध है,  इसके लिए दंड का विधान किया गया है जो कि भारतीय दंड संहिता में धारा 290 में परिभाषित है  | जो कोई किसी ऐसे मामले में अपराधी पाया जायेगा उसे भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 290 में ऐसा अपराध करने पर –  200 रुपए तक आर्थिक दण्ड, दिया जायेगा।

आईपीसी धारा 201 क्या है

आईपीसी (IPC) की धारा 290 में  जमानत  (BAIL) का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 290 में जिस अपराध की सजा के बारे में बताया गया है उस अपराध को एक जमानती और गैर- संज्ञेय अपराध बताया गया है | यहाँ आपको मालूम होना चाहिए कि जमानतीय अपराध होने पर इसमें जमानत मिल जाती है, क्योकि  इसको  CrPC में  गैर- संज्ञेय श्रेणी का जमानतीय अपराध में बताया गया है |

आपको आज भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 290 के बारे में जानकारी हो गई होगी | इसमें  क्या अपराध बनता है, कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा | इस अपराध को कारित करने पर क्या सजा होगी ?  इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, साथ ही इसमें जमानत के क्या प्रावधान होंगे ? यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप  कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है |

आईपीसी धारा 302 क्या है

अपराधसजासंज्ञेयजमानतविचारणीय
कोई किसी ऐसे मामले में लोक बाधा उत्पन्न करना,जो इस संहिता द्वारा अन्यथा दण्डनीय नहीं है।200 रुपए तक आर्थिक दण्ड, दिया जायेगा।गैर -संज्ञेयजमानतीयकिसी भी मेजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय (ट्रायल किया जा सकता)

आईपीसी धारा 304 क्या है


टॉप आईपीसी धारा | Important IPC in Hindi

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