आईपीसी धारा 341 क्या है | IPC 341 in Hindi | धारा 341 में सजा और जमानत


आईपीसी (IPC) धारा 341 क्या है

आज के इस आर्टिकल में यहाँ इस पेज पर हम उस IPC की धारा पर बात करेंगे जिसमे किसी के द्वारा किसी को अवरुद्ध किया जाये | यहाँ हम आपकोबताने जा रहे हैं IPC (आईपीसी) की धारा 341 क्या है, IPC की इस धारा 341 के अंतर्गत क्या अपराध वर्णित है साथ ही इसमें क्या सजा होती है, इस धारा पर हम आज पूरा आर्टिकल समर्पित करेंगे जो भारतीय दंड संहिता में दिया गया है | इस आर्टिकल में  IPC की धारा 341 में सजा और जमानत के प्रावधान क्या है  इसके भी हम सम्मलित करेंगे अपने इस लेख में |

आईपीसी धारा 332 क्या है

IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा ) की धारा 341 के अनुसार :-

IPC की धारा 341 का विवरण:

जो भी व्यक्ति किसी व्यक्ति को गलत तरीके से रोकता है, तो उसे किसी एक अवधि के लिए साधारण कारावास की सजा जो एक महीने तक हो सकती है, या पांच सौ रूपये का आर्थिक दंड, या दोनों से दंडित किया जाएगा ।

SECTION 341

Whoever wrongfully restrains any person shall be punished with simple imprisonment for a term which may extend to one month, or with fine which may extend to five hundred rupees, or with both.

आईपीसी धारा 336 क्या है



इस धारा में लागू अपराध हुआ – किसी व्यक्ति को गलत तरीके से रोकना | इसके लिए सजा – 1 महीने का साधारण कारावास या 500 रूपये का आर्थिक दंड, या दोनों किया जा सकता है। आपको बता दें कि यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी मॅजिस्ट्रेट के द्वारा इसका विचरण किया जा सकता है।

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 341 का अर्थ

यह धारा भारतीय दंड संहिता चैप्टर 16 के अंतर्गत आती है जिसमे मानव शरीर पर प्रभाव डालने वाले अपराधों के बारे में बताया गया है | इस चैप्टर की धारा 339 के अपराध की सजा का वर्णन धारा 341 में बताया गया है |   

जब कभी कोई आदमी किसी दूसरे व्यक्ति को गलत तरीके से रोकता है या उस पर अंकुश लगता है, तब यह अपराध माना जायेगा धारा 339 में ये वर्णित है और इसके लिए धारा 341 में  सजा कि बारे में बताया गया है इसके अनुसार  उसको सजा दी जाएगी | यहाँ आपको बता दें कि प्रत्येक भारतीय नागरिक को निर्बाध रूप से कही आने जाने कि स्वतंत्रता संविधान द्वारा प्रदत्त है यह मौलिक अधिकार के अंतर्गत आता है | इसका हनन अपराध होगा और इसकी सजा जो एक महीने तक हो सकती है, या पांच सौ रूपये का आर्थिक दंड, या दोनों हो सकती है |

आईपीसी धारा 338 क्या है

अवरोध के मुख्य तत्व

यहाँ इस अपराध के करीत होने में दो तत्वों का होना बेहद जरुरी है

  • किसी मानव के लिए स्वेक्षित रूकावट पैदा करना |
  • रूकावट उस दिशा में होनी चाहिए जिस दिशा में उस व्यक्ति का विधि पूर्वक जाने का अधिकार संविधान द्वारा प्रदत्त हो |

आईपीसी धारा 356 क्या है

आईपीसी (IPC) की धारा 341में सजा (Punishment)

IPC की इस धारा 341 में सजा का प्रावधान 1 माह तक का कारावास या 500 रूपये का आर्थिक दंड, या दोनों से दंडित किया जा सकता है | इसके अंतर्गत आप जान ले कि यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी न्यायधीश द्वारा विचारणीय है |

आईपीसी (IPC) की धारा 341 में जमानत (BAIL)

यहाँ अब हम यह जान लते हैं कि इस धारा में जमानत के क्या प्रावधान बताये गए हैं यहाँ जब हम देखते है तो पाते हैं कि धारा 341 के अंतगत अपराध एक संज्ञेय अपराध है, लेकिन इसकी प्रकृति दंड प्रक्रिया संहिता में जमानती बताई गई है | यह अपराध पीड़ित व्यक्ति (जिसे ग़लत तरीके से नियंत्रित किया हो) द्वारा समझौता करने योग्य नहीं है।

आपने यहाँ भारतीय दंड संहिता की धारा 341 के विषय में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त की तथा इसमें सजा और जमानत के प्रावधान क्या होते हैं जाना, यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित कुछ भी शंका आपके मन में हो या इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप हमसे बेझिझक पूँछ सकते है |

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