आईपीसी धारा 354C क्या है | IPC Section 354C in Hindi – सजा का प्रावधान


आईपीसी धारा 354C क्या है

आज हम आपके लिए इस पेज पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 354C की जानकारी लेकर आये है | यहाँ हम आपको बताएँगे  कि भारतीय दंड सहिता (IPC) की धारा 354C किस प्रकार से परिभाषित की गई है और इसका क्या अर्थ है ? भारतीय दंड संहिता यानि कि आईपीसी (IPC) की धारा 354C क्या है,  इसके बारे में आप यहाँ जानेंगे |

दृश्यरतिकता

इस पोर्टल के माध्यम से यहाँ धारा 354C क्या बताती है ? इसके बारे में पूर्ण रूप से बात होगी | साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर अन्य भारतीय दंड संहिता (IPC) की महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |

आईपीसी धारा 302 क्या है



IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा) की धारा 354C के अनुसार :-

दृश्यरतिकता 

कोई पुरुष, जो प्राइवेट कार्य में संलग्न स्त्री को उन परिस्थितियों में देखेगा या का चित्र खींचेगा, जहां उसे सामान्यता या तो अपराधी द्वारा या अपराधी की पहल पर किसी अन्य व्यक्ति द्वारा देखे न जाने की प्रत्याशा होगी, या ऐसे चित्र को प्रसारित, प्रथम दोषसिद्धि पर दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि एक वर्ष से न्यून न होगी, किन्तु जो तीन वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा एवं जुर्माने से भी दंडनीय होगा और द्वितीय या पश्चात्वर्ती दोषसिद्धि पर दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष से न्यून नहीं होगी, किन्तु जो सात वर्ष तक को हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।

स्पष्टीकरण 1

इस धारा के प्रयोजनों के लिए, “प्राइवेट कार्य” के अंतगर्त उस स्थान में किया गया देखने का कार्य भी शामिल है, जो परिस्थियों में युक्तियुक्त रूप से एकांतता उपलब्ध कराने के लिए प्रत्याशित होगा और जहां पीड़िता की जननेंद्रिय, नितम्ब या वक्ष स्थल प्रकट होते है या केवल अधोवस्त्र में ही ढंके होते है या पीड़िता शौचालय का प्रयोग कर रही है या पीड़िता मैथुन कार्य कर रही है, जो इस प्रकार का कार्य नहीं है, जिसे साधारणतया सार्वजनिक रूप से किया जाता है।

स्पष्टीकरण 2

 जहां पीड़िता चित्रों या किसी अभिनय का चित्र को खींचने की, किन्तु पर-व्यक्ति के समक्ष उन्हें प्रसारित न करने की सम्मति देती है और जहां ऐसे चित्र या अभिनय का प्रसारण किया जाता है, वहां ऐसा प्रसारण इस धारा के अधीन अपराध माना जाएगा।

आईपीसी धारा 303 क्या है

Section 354C –   “Voyeurism”—–

“Any man who watches, or captures the image of a woman engaging in a private act in circumstances where she would usually have the expectation of not being observed either by the perpetrator or by any other person at the behest of the perpetrator or disseminates such image[1] shall be punished on first conviction with imprisonment of either description for a term which shall not be less than one year, but which may extend to three years, and shall also be liable to fine, and be punished on a second or subsequent conviction, with imprisonment of either description for a term which shall not be less than three years, but which may extend to seven years, and shall also be liable to fine.”

Explanations

For the purpose of this section, “private act” includes an act of watching carried out in a place which, in the circumstances, would reasonably be expected to provide privacy and where the victim’s genitals, posterior or breasts are exposed or covered only in underwear; or the victim is using a lavatory; or the victim is doing a sexual act that is not of a kind ordinarily done in public.

Where the victim consents to the capture of the images or any act, but not to their dissemination to third persons and where such image or act is disseminated, such dissemination shall be considered an offence under this section.

[1] Criminal Law (Amendment) Act, 2013

आईपीसी धारा 304 क्या है

मित्रों उपरोक्त वर्णन से आपको आज भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 354C के बारे में जानकारी हो गई होगी | कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा ?  इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप  हमें  कमेंट  बॉक्स  के  माध्यम  से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है | इसको अपने मित्रो के साथ शेयर जरूर करें |

आईपीसी धारा 307 क्या है

अपराधसजासंज्ञेयजमानतविचारणीय
दृश्यरतिकता  पहले बार अपराध के लिए1 – 3 साल कारावास + जुर्माना  पहले बार अपराध के लिएसंज्ञेयजमानतीयकोई भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय
दृश्यरतिकता  दूसरी बार और उसके आगे दोबारा अपराध के लिए3 – 7 साल कारावास + जुर्माना  दूसरी बार और उसके आगे दोबारा अपराध के लिएसंज्ञेयगैर -जमानतीयकोई भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय

आईपीसी धारा 308 क्या है


टॉप आईपीसी धारा | Important IPC in Hindi

आईपीसी धारा 307आईपीसी धारा 420आईपीसी धारा 304 ए
आईपीसी धारा 97आईपीसी धारा 377आईपीसी धारा 354 बी
आईपीसी धारा 304आईपीसी धारा 354 डीआईपीसी धारा 308
आईपीसी धारा 295आईपीसी धारा 304 बीआईपीसी धारा 323
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