साक्ष्य अधिनियम धारा 62 क्या है | Indian Evidence Section 62 in Hindi


साक्ष्य अधिनियम की धारा 62 क्या है

आज हम आपके लिए इस पेज पर साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की धारा 62 की जानकारी लेकर आये है | यहाँ हम आपको बताएँगे  कि साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की धारा 62 किस प्रकार से परिभाषित की गई है और इसका क्या अर्थ है ? साक्ष्य अधिनियम की धारा 62 क्या है, इसके बारे में आप यहाँ जानेंगे |

प्राथमिक साक्ष्य

इस पोर्टल के माध्यम से यहाँ साक्ष्य अधिनियम की धारा 62 क्या बताती है ? इसके बारे में पूर्ण रूप से बात होगी | साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर अन्य साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |



[Indian Evidence Act Sec. 62 in Hindi]

साक्ष्य अधिनियम धारा 30 क्या है

Indian Evidence Act (साक्ष्य अधिनियम) की धारा 62 के अनुसार :-

प्राथमिक साक्ष्य

प्राथमिक साक्ष्य से न्यायालय के निरीक्षण के लिए पेश की गई दस्तावेज स्वयं अभिप्रेत है।

स्पष्टीकरण 1

जहां कि कोई दस्तावेज कई मूल प्रतियों में निष्पादित है वहां हर एक मूल प्रति उस दस्तावेज का प्राथमिक साक्ष्य है।

जहां कि कोई दस्तावेज प्रतिलेख में निष्पादित है और हर एक प्रतिलेख पक्षकारों में से केवल एक पक्षकार या कुछ पक्षकारों द्वारा निष्पादित किया गया है, वहां हर एक प्रतिलेख उन पक्षकारों के विरुद्ध, जिन्होंने उसका निष्पादन किया है. प्राथमिक साक्ष्य है।

स्पष्टीकरण 2–

जहां कि अनेक दस्तावेजें एकरूपात्मक प्रक्रिया द्वारा बनाई गई हैं जैसा कि मुद्रण, शिला मुद्रण या फोटो चित्रण में होता है, वहां उनमें से हर एक शेष सबकी अन्तर्वस्तु का प्राथमिक साक्ष्य है, किन्तु जहां कि वे सब किसी सामान्य मूल की प्रतियां हैं वहां वे मूल की अन्तर्वस्तु का प्राथमिक साक्ष्य नहीं है।

दृष्टांत

यह दर्शित किया जाता है कि एक ही समय एक ही मूल से मुद्रित अनेक प्लेकार्ड किसी व्यक्ति के कब्जे में रखे हैं। इन प्लेकार्डों में से कोई भी एक अन्य किसी की भी अन्तर्वस्तु का प्राथमिक साक्ष्य है किन्तु उनमें से कोई भी मूल की अन्तर्वस्तु का प्राथमिक साक्ष्य नहीं है।

साक्ष्य अधिनियम धारा 32 क्या है

According to Indian Evidence Act Section 62  “ Primary evidence”–

Primary evidence means the document itself produced for the inspection of the Court.

Explanation 1.

Where a document is executed in several parts, each part is primary evidence of the document. Where a document is executed in counterpart, each counterpart being executed by one or some of the parties only, each counterpart is primary evidence as against the parties executing it.

Explanation 2.

Where a number of documents are all made by one uniform process, as in the case of printing, lithography or photography, each is primary evidence of the contents of the rest; but, where they are all copies of a common original, they are not primary evidence of the contents of the original.

Illustration

A person is shown to have been in possession of a number of placards, all printed at one time from one original. Any one of the placards is primary evidence of the contents of any other, but no one of them is primary evidence of the contents of the original.

साक्ष्य अधिनियम धारा 17 क्या है

मित्रों उपरोक्त वर्णन से आपको आज साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की धारा 62 के बारे में जानकारी हो गई होगी | कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा ?  इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप  हमें  कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है | इसको अपने मित्रो के साथ शेयर जरूर करें |

साक्ष्य अधिनियम धारा 16 क्या है

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