आईपीसी धारा 28 क्या है | IPC Section 28 in Hindi – विवरण


आईपीसी धारा 28 क्या है

आज हम आपके लिए इस पेज पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 28 की जानकारी लेकर आये है | जिसमे विश्वास करने का कारण के बारे में बताया गया है, यहाँ हम आपको बताएँगे  कि भारतीय दंड सहिता (IPC) की धारा 28 किस प्रकार से परिभाषित की गई है और इसका क्या अर्थ है ? भारतीय दंड संहिता यानि कि आईपीसी (IPC) की धारा 28 क्या है, इसके बारे में आप यहाँ जानेंगे |

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कूटकरण का अर्थ | Counterfeit meaning | 28 Ipc in Hindi

इस पोर्टल के माध्यम से यहाँ धारा 28 क्या बताती है ? इसके बारे में पूर्ण रूप से बात होगी | साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर अन्य भारतीय दंड संहिता (IPC) की महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |



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IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा ) की धारा 28 के अनुसार :-

कूटकरण

यदि कोई व्यक्ति एक चीज को दूसरी चीज के सदृश दिखना इस आशय से कारित करता है कि वह उस सादृश्य से छल / कपट करे, या यह संभाव्य जानते हुए करता है कि तद्द्वारा छल / कपट किया जाएगा, उसे कूटकरण करना कहा जाता है।

स्पष्टीकरण 1 – कूटकरण के लिए यह आवश्यक नहीं है कि नकल ठीक वैसी ही हो।

स्पष्टीकरण 2 – जब कि कोई व्यक्ति एक चीज को दूसरी चीज के सदृश कर दे और सादृश्य ऐसा है कि तद्द्वारा किसी व्यक्ति को धोखा हो सकता हो, तो जब तक कि तत्प्रतिकूल साबित न किया जाए, यह उपधारणा की जाएगी कि जो व्यक्ति एक चीज की दूसरी चीज के इस प्रकार सदृश बनाता है उसका आशय उस सादृश्य द्वारा छल / कपट करने का था या वह यह सम्भाव्य जानता था कि तद्द्वारा छल / कपट किया जाएगा।

According to Section 28 – “Counterfeit”

A person is said to “counterfeit” who causes one thing to resemble another thing, intending by means of that resemblance to practise deception, or knowing it to be likely that deception will thereby be practised.

Explanation 1.— It is not essential to counterfeiting that the imitation should be exact.

Explanation 2.— When a person causes one thing to resemble anoth­er thing, and the resemblance is such that a person might be deceived thereby, it shall be presumed, until the contrary is proved, that the person so causing the one thing to resemble the other thing intended by means of that resemblance to practise deception or knew it to be likely that deception would thereby be practiced.

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मित्रों उपरोक्त वर्णन से आपको आज भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 28 के बारे में जानकारी हो गई होगी | कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा ?  इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप  हमें  कमेंट  बॉक्स  के  माध्यम  से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है | इसको अपने मित्रो के साथ शेयर जरूर करें |

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