लिखित संविधान का क्या अर्थ है ? यहाँ से जानिए !!!


अगर ये कहा जाये कि संविधान हमारे देश की शासन व्यवस्था की रीढ़ है तो ये बात अतिशयोक्ति नहीं होगी | जब हम किसी भी देश के संविधान की बात करते हैं तो हम पाते हैं कि ये दो प्रकार के होते है, एक लिखित और दूसरा अलिखित, विश्व का प्रथम लिखित संविधान संयुक्त राज्य अमेरिका का है लेकिन वही संसार का सबसे बड़ा लिखित संविधान की बात कि जाये तो वह भारत का ही है | भारतीय संविधान के बनाने के लिए एक सभा बनायीं गई जिसके अस्थायी अध्यक्ष श्री सच्चिदानंद सिन्हा को निर्वाचित किया गया था, उसके बाद डॉ राजेन्द्र प्रसाद को संविधान सभा का स्थायी अध्यक्ष बनाया गया | आज के आर्टिकल में हम बात करेंगे कि संविधान किसे कहते है ? लिखित संविधान का क्या अर्थ है ?

इस पोर्टल के माध्यम से यहाँ संविधान किसे कहते है ? लिखित संविधान का क्या अर्थ है? के बारे में पूर्ण रूप से बात होगी | साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर अन्य संविधान की महत्वपूर्ण बातों और उसकी प्रमुख विशेषताओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से संविधान के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |

भारतीय संविधान की 9वीं अनुसूची क्या है



संविधान क्या होता है ? (What is Constitution)

किसी भी संस्था के द्वारा या फिर देश के द्वारा बनाये गए  वो नियम जिनके माध्यम से उस देश या संस्था का ठीक प्रकार से संचालन किया जा सके, इसको ही उस देश या संस्था का संविधान की संज्ञा दी जाती है | किसी भी देश का संविधान उस देश की राजनीतिक व्यवस्था, न्याय व्यवस्था, नागरिकों के हितों की रक्षा करनें का एक मूल दस्तावेज होता है, जिसमें लिखे हुए नियमो के आधार पर  उस राष्ट्र के विकास की दिशा का निर्धारण होता है |

भारतीय संविधान सभा का गठन कब हुआ था

भारत के संविधान के बारे में (About Constitution of India)

आपको मालूम होना चाहिए कि भारत के संविधान को संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर 1949 को आंशिक रूप से लागू किया गया था और 26 जनवरी 1950 इसे पूर्ण रूप से सम्पूर्ण देश में लागू कर दिया गया, इस कारण ही प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को गणतन्त्र दिवस के रूप में मनाया जाता है | भारतीय संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है | ये कितना बड़ा है अगर हम देखे तो पाते हैं कि भारतीय संविधान में 22 भाग, 444 अनुच्छेद, तथा 12 अनुसूचियां हैं, लेकिन यहाँ गौर करने वाली बात ये है कि संविधान निर्माण के समय इसमें 22 भाग, 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचियां ही थी |

भारतीय संविधान की 11वीं अनुसूची क्या है

लिखित  संविधान का अर्थ (Meaning of Written Constitution)

लिखित संविधान का अर्थ किसी भी संस्था के द्वारा या फिर देश के द्वारा बनाये गए नियमों का एक लिखित दस्तावेज | इस लिखित दस्तावेज में ही उस देश या  संस्था की शासन व्यवस्था को सम्पूर्ण रूप से संचालित करने के प्रावधान समाहित होते हैं, यह किसी भी राष्ट्र के शासन का आधार होता है, संविधान के आधार पर ही देश की आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक पृष्ठभूमि का निर्माण संभव होता है | भारत देश के संविधान को बनाने के लिए संविधान सभा का निर्माण किया गया और इसमें कुछ प्रमुख समितियों को बनाया गया जिनका उल्लेख आगे किया गया है |

संविधान को राष्ट्र के प्रति समर्पित एक महान ग्रन्थ के रूप में देखा जाता है, इसमें सभी नियम लिखित रूप से होते है और उन्ही नियमों के आधार पर सम्पूर्ण देश को  संचालित  किया जाता है, उन नियमों की अवहेलना कोई भी व्यक्ति या संगठन नहीं कर सकता |

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संविधान सभा की समितियां (Committees of Constituent Assembly)

संविधान सभा ने संविधान बनाने के विभिन्न पहलुओं पर अध्ययन के लिए आठ प्रमुख समितियों का गठन किया था-

  • केंद्रीय शक्तियों वाली समिति
  • केंद्रीय संविधान समिति
  • प्रांतीय संविधान समिति
  • मसौदा समिति
  • मौलिक अधिकारों और अल्पसंख्यकों के लिए सलाहकार समिति
  • प्रक्रिया समिति के नियम
  • राज्यों की समिति (राज्यों के साथ बातचीत के लिए समिति)
  • जवाहर लाल नेहरू संचालन समिति।

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मित्रों उपरोक्त वर्णन से आपको आज संविधान किसे कहते है ? लिखित संविधान का क्या अर्थ  है ? इसके बारे में जानकारी हो गई होगी | लिखित संविधान का क्या अर्थ  है इसके बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इससे सम्बन्धित या अन्य किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप  हमें  कमेंट  बॉक्स  के  माध्यम  से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है | इसको अपने मित्रो के साथ शेयर जरूर करें |

भारतीय संविधान में कितने भाग हैं

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