सीआरपीसी की धारा 61 क्या है
दंड प्रक्रिया सहिता में “समन का प्ररूप“ इसका प्रावधान सीआरपीसी (CrPC) की धारा 61 में किया गया है | यहाँ हम आपको ये बताने का प्रयास करेंगे कि दंड प्रक्रिया सहिता (CrPC) की धारा 61 के लिए किस तरह अप्लाई होगी | दंड प्रक्रिया सहिता यानि कि CrPC की धारा 61 क्या है ? इसके सभी पहलुओं के बारे में विस्तार से यहाँ समझने का प्रयास करेंगे | आशा है हमारी टीम द्वारा किया गया प्रयास आपको पसंद आ रहा होगा |
(CrPC Section 61) Dand Prakriya Sanhita Dhara 61 (समन का प्ररूप)
इस पेज पर दंड प्रक्रिया सहिता की धारा 61 में “समन का प्ररूप“ इसके बारे में क्या प्रावधान बताये गए हैं ? इनके बारे में पूर्ण रूप से इस धारा में चर्चा की गई है | साथ ही दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 61 कब नहीं लागू होगी ये भी बताया गया है ? इसको भी यहाँ जानेंगे, साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की अन्य महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी ले सकते हैं |
CrPC (दंड प्रक्रिया संहिता की धारा ) की धारा 61 के अनुसार :-
समन का प्ररूप-
न्यायालय द्वारा इस संहिता के अधीन जारी किया गया प्रत्येक समन लिखित रूप में और दो प्रतियों में, उस न्यायालय के पीठासीन अधिकारी द्वारा या अन्य ऐसे अधिकारी द्वारा, जिसे उच्च न्यायालय नियम द्वारा समय-समय पर निदिष्ट करे, हस्ताक्षरित होगा और उस पर उस न्यायालय की मुद्रा लगी होगी।
According to Section. 61 – “ Form of summons ”–
Every summons issued by a Court under this Code shall be in writing, in duplicate, signed by the presiding officer of such Court or by such other officer as the High Court may, from time to time, by rule direct, and shall bear the seal of the Court.
आपको आज दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 61 “समन का प्ररूप“ इसके बारे में जानकारी हो गई होगी | कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा ? इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है |