सीआरपीसी की धारा 30 क्या है
दंड प्रक्रिया सहिता में “जुर्माना देने में व्यतिक्रम होने पर कारावास का दंडादेश“ इसका प्रावधान सीआरपीसी (CrPC) की धारा 30 में किया गया है | यहाँ हम आपको ये बताने का प्रयास करेंगे कि दंड प्रक्रिया सहिता (CrPC) की धारा 30 के लिए किस तरह अप्लाई होगी | दंड प्रक्रिया सहिता यानि कि CrPC की धारा 30 क्या है ? इसके सभी पहलुओं के बारे में विस्तार से यहाँ समझने का प्रयास करेंगे | आशा है हमारी टीम द्वारा किया गया प्रयास आपको पसंद आ रहा होगा |
(CrPC Section 30) Dand Prakriya Sanhita Dhara 30 (जुर्माना देने में व्यतिक्रम होने पर कारावास का दंडादेश)
इस पेज पर दंड प्रक्रिया सहिता की धारा 30 में “जुर्माना देने में व्यतिक्रम होने पर कारावास का दंडादेश “ इसके बारे में क्या प्रावधान बताये गए हैं ? इनके बारे में पूर्ण रूप से इस धारा में चर्चा की गई है | साथ ही दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 30 कब नहीं लागू होगी ये भी बताया गया है ? इसको भी यहाँ जानेंगे, साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की अन्य महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी ले सकते हैं |
CrPC (दंड प्रक्रिया संहिता की धारा ) की धारा 30 के अनुसार :-
जुर्माना देने में व्यतिक्रम होने पर कारावास का दंडादेश–
(1) किसी मजिस्ट्रेट का न्यायालय जुर्माना देने में व्यतिक्रम होने पर इतनी अवधि का कारावास अधिनिर्णीत कर सकता है जो विधि द्वारा प्राधिकृत है: परंतु वह अवधि
(क) धारा 29 के अधीन मजिस्ट्रेट की शक्ति से अधिक नहीं होगी;
(ख) जहां कारावास मुख्य दंडादेश के भाग के रूप में अधिनिर्णीत किया गया है, वहां वह उस कारावास की अवधि के चौथाई से अधिक न होगी जिसको मजिस्ट्रेट उस अपराध के लिए, न कि जुर्माना देने में व्यतिक्रम होने पर दंड के तौर पर, देने के लिए सक्षम है।
(2) इस धारा के अधीन अधिनिर्णीत कारावास उस मजिस्ट्रेट द्वारा धारा 29 के अधीन अधिनिर्णीत की जा सकने वाली अधिकतम अवधि के कारावास के मुख्य दंडादेश के अतिरिक्त हो सकता है।
According to Section. 30 – “ Sentences of imprisonment in default of fine ”–
(1) The Court of a Magistrate may award such term of imprisonment in default of payment of fine as is authorised by law:
Provided that the term-
(a) is not in excess of the powers of the Magistrate under section 29;
(b) shall not, where imprisonment has been awarded as part of the substantive sentence, exceed one- fourth of the term of imprisonment which the Magistrate is competent to inflict as punishment for the offence otherwise than as imprisonment in default of payment of the fine.
(2) The imprisonment awarded under this section may be in addition to a substantive sentence of imprisonment for the maximum term awardable by the Magistrate under section 29.
आपको आज दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 30 “जुर्माना देने में व्यतिक्रम होने पर कारावास का दंडादेश“ इसके बारे में जानकारी हो गई होगी | कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा ? इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है |