सीआरपीसी की धारा 8 क्या है
दंड प्रक्रिया सहिता में “महानगर क्षेत्र“ इसका प्रावधान सीआरपीसी (CrPC) की धारा 8 में किया गया है | यहाँ हम आपको ये बताने का प्रयास करेंगे कि दंड प्रक्रिया सहिता (CrPC) की धारा 8 के लिए किस तरह अप्लाई होगी | दंड प्रक्रिया सहिता यानि कि CrPC की धारा 8 क्या है ? इसके सभी पहलुओं के बारे में विस्तार से यहाँ समझने का प्रयास करेंगे | आशा है हमारी टीम द्वारा किया गया प्रयास आपको पसंद आ रहा होगा |
(CrPC Section 8) Dand Prakriya Sanhita Dhara 8 (महानगर क्षेत्र)
इस पेज पर दंड प्रक्रिया सहिता की धारा 8 में “महानगर क्षेत्र“ इसके बारे में क्या प्रावधान बताये गए हैं ? इनके बारे में पूर्ण रूप से इस धारा में चर्चा की गई है | साथ ही दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 8 कब नहीं लागू होगी ये भी बताया गया है ? इसको भी यहाँ जानेंगे, साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की अन्य महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी ले सकते हैं |
CrPC (दंड प्रक्रिया संहिता की धारा ) की धारा 8 के अनुसार :-
महानगर क्षेत्र–
(1) राज्य सरकार, अधिसूचना द्वारा, घोषित कर सकती है कि उस तारीख से ; जो अधिसूचना में विनिर्दिष्ट की जाए, राज्य का कोई क्षेत्र जिसमें ऐसा नगर या नगरी समाविष्ट है जिसकी जनसंख्या दस लाख से अधिक है. इस संहिता के प्रयोजनों के लिए महानगर क्षेत्र होगा।
(2) इस संहिता के प्रारंभ से, मुंबई, कलकत्ता और मद्रास प्रेसिडेन्सी नगरों में से प्रत्येक और अहमदाबाद नगर, उपधारा (1) के अधीन महानगर क्षेत्र घोषित किए गए समझे जाएंगे।
(3) राज्य सरकार, अधिसूचना द्वारा, महानगर क्षेत्र की सीमाओं को बढ़ा सकती है, कम कर सकती है या परिवर्तित कर सकती है, किंतु ऐसी कमी या परिवर्तन इस प्रकार नहीं किया जाएगा कि उस क्षेत्र की जनसंख्या दस लाख से कम रह जाए।
(4) जहां किसी क्षेत्र के महानगर क्षेत्र घोषित किए जाने या घोषित समझे जाने के पश्चात् ऐसे क्षेत्र की जनसंख्या दस लाख से कम हो जाती है वहां ऐसा क्षेत्र, ऐसी तारीख को और उससे, जो राज्य सरकार, अधिसूचना द्वारा इस निमित्त विनिर्दिष्ट करे, महानगर क्षेत्र नहीं रहेगा ; किंतु महानगर क्षेत्र न रहने पर भी ऐसी जांच, विचारण या अपील जो ऐसे न रहने के ठीक पहले ऐसे क्षेत्र में किसी न्यायालय या मजिस्ट्रेट के समक्ष लंबित थी इस संहिता के अधीन इस प्रकार निपटाई जाएगी मानो वह महानगर क्षेत्र हो।
(5) जहां राज्य सरकार उपधारा (3) के अधीन, किसी महानगर क्षेत्र की सीमाओं को कम करती है या परिवर्तित करती है वहां ऐसी जांच, विचारण या अपील पर जो ऐसे कम करने या परिवर्तन के ठीक पहले किसी न्यायालय या मजिस्ट्रेट के समक्ष लंबित थी ऐसे कम करने या परिवर्तन का कोई प्रभाव नहीं होगा और ऐसी प्रत्येक जांच, विचारण या अपील इस संहिता के आधीन उसी प्रकार निपटाई जाएगी मानो ऐसी कमी या परिवर्तन न हुआ हो।
स्पष्टीकरण— इस धारा में, “जनसंख्या” पद से नवीनतम पूर्ववर्ती जनगणना में यथा अभिनिश्चित वह जनसंख्या अभिप्रेत है जिसके सुसंगत आंकड़े प्रकाशित हो चुके हैं।
According to Section. 8 – “ Metropolitan areas ”–
(1) The State Government may, by notification, declare that, as from such date as may be specified in the notification, any area in the State comprising a city or town whose population exceeds one million shall be a metropolitan area for the purposes of this Code.
(2) As from the commencement of this Code, each of the Presidency towns of Bombay, Calcutta and Madras and the city of Ahmedabad shall be deemed to be declared under sub- section (1) to be a metropolitan area.
(3) The State Government may, by notification, extend, reduce or alter the limits of a metropolitan area but the reduction or alteration shall not be so made as to reduce the population of such area to less than one million.
(4) Where, after an area has been declared, or deemed to have been declared to be, a metropolitan area, the population of such area falls below one million, such area shall, on and from such date as the State Government may, by notification, specify in this behalf, cease to be a metropolitan area; but notwithstanding such cesser, any inquiry, trial or appeal pending immediately before such cesser before any Court or Magistrate in such area shall continue to be dealt with under this Code, as if such cesser had not taken place.
(5) Where the State Government reduces or alters, under sub- section (3), the limits of any metropolitan area, such reduction or alteration shall not affect any inquiry, trial or appeal pending immediately before such reduction or alteration before any Court or Magistrate, and every such inquiry, trial or appeal shall continue to be dealt with under this Code as if such reduction or alteration had not taken place.
Explanation.- In this section, the expression” population” means the population as ascertained at the last preceding census of which the relevant figures have been published.
आपको आज दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 8 “महानगर क्षेत्र“ इसके बारे में जानकारी हो गई होगी | कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा ? इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है |