साक्ष्य अधिनियम की धारा 138 क्या है
आज हम आपके लिए इस पेज पर साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की धारा 138 की जानकारी लेकर आये है | यहाँ हम आपको बताएँगे कि साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की धारा 138 किस प्रकार से परिभाषित की गई है और इसका क्या अर्थ है ? साक्ष्य अधिनियम की धारा 138 क्या है, इसके बारे में आप यहाँ जानेंगे |
परीक्षाओं का क्रम
इस पोर्टल के माध्यम से यहाँ साक्ष्य अधिनियम की धारा 138 क्या बताती है ? इसके बारे में पूर्ण रूप से बात होगी | साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर अन्य साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |
[Indian Evidence Act Sec. 138 in Hindi]
साक्ष्य अधिनियम धारा 113 क्या है
Indian Evidence Act (साक्ष्य अधिनियम) की धारा 138 के अनुसार :-
परीक्षाओं का क्रम
साक्षियों से प्रथमतः मुख्यपरीक्षा होगी, तत्पश्चात् (यदि प्रतिपक्षी ऐसा चाहे तो) प्रतिपरीक्षा होगी, तत्पश्चात् (यदि उसे बुलाने वाला पक्षकार ऐसा चाहे तो) पुनःपरीक्षा होगी।
परीक्षा और प्रतिपरीक्षा को सुसंगत तथ्यों से सम्बन्धित होना होगा, किन्तु प्रतिपरीक्षा का उन तथ्यों तक सीमित रहना आवश्यक नहीं है, जिनकी साक्षी ने अपनी मुख्यपरीक्षा में परिसाक्ष्य दिया है।
पुन: परीक्षा की दिशा– पुनःपरीक्षा उन बातों के स्पष्टीकरण के प्रति उद्दिष्ट होगी जो प्रतिपरीक्षा में निर्दिष्ट हुए हों, तथा यदि पुनःपरीक्षा में न्यायालय की अनुज्ञा से कोई नई बात प्रविष्ट की गई हो, तो प्रतिपक्षी उस बात के बारे में अतिरिक्त प्रतिपरीक्षा कर सकेगा।
साक्ष्य अधिनियम धारा 113 A क्या है
According to Indian Evidence Act Section 138 – “Order of examinations”–
Witnesses shall be first examined-in-chief, then (if the adverse party so desires) cross-examined, then (if the party calling him so desires) re-examined.
The examination and cross-examination must relate to relevant facts but the cross-examination need not be confined to the facts to which the witness testified on his examination-in-chief.
Direction of re-examination. –– The re-examination shall be directed to the explanation of matters referred to in cross-examination; and, if new matter is, by permission of the Court, introduced in re-examination, the adverse party may further cross-examine upon that matter.
साक्ष्य अधिनियम धारा 113 B क्या है
मित्रों उपरोक्त वर्णन से आपको आज साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की धारा 138 के बारे में जानकारी हो गई होगी | कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा ? इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है | इसको अपने मित्रो के साथ शेयर जरूर करें |
साक्ष्य अधिनियम धारा 114 A क्या है