सीआरपीसी की धारा 117 क्या है
दंड प्रक्रिया सहिता में “प्रतिभूति देने का आदेश“ इसका प्रावधान सीआरपीसी (CrPC) की धारा 117 में किया गया है | यहाँ हम आपको ये बताने का प्रयास करेंगे कि दंड प्रक्रिया सहिता (CrPC) की धारा 117 के लिए किस तरह अप्लाई होगी | दंड प्रक्रिया सहिता यानि कि CrPC की धारा 117 क्या है ? इसके सभी पहलुओं के बारे में विस्तार से यहाँ समझने का प्रयास करेंगे | आशा है हमारी टीम द्वारा किया गया प्रयास आपको पसंद आ रहा होगा |
(CrPC Section 117) Dand Prakriya Sanhita Dhara 117 (प्रतिभूति देने का आदेश)
इस पेज पर दंड प्रक्रिया सहिता की धारा 117 में “प्रतिभूति देने का आदेश“ इसके बारे में क्या प्रावधान बताये गए हैं ? इनके बारे में पूर्ण रूप से इस धारा में चर्चा की गई है | साथ ही दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 117 कब नहीं लागू होगी ये भी बताया गया है ? इसको भी यहाँ जानेंगे, साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की अन्य महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी ले सकते हैं |
CrPC (दंड प्रक्रिया संहिता की धारा ) की धारा 117 के अनुसार :-
प्रतिभूति देने का आदेश–
यदि ऐसी जांच से यह साबित हो जाता है कि, यथास्थिति, परिशांति कायम रखने के लिए या सदाचार बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है कि वह व्यक्ति, जिसके बारे में वह जांच की गई है, प्रतिभुओं सहित या रहित, बंधपत्र निष्पादित करे तो मजिस्ट्रेट तद्नुसार आदेश देगा:
परंतु-
(क) किसी व्यक्ति को उस प्रकार से भिन्न प्रकार की या उस रकम से अधिक रकम की या उस अवधि से दीर्घतर अवधि के लिए प्रतिभूति देने के लिए आदिष्ट न किया जाएगा, जो धारा 111 के अधीन दिए गए आदेश में विनिर्दिष्ट है;
(ख) प्रत्येक बंधपत्र की रकम मामले की परिस्थितियों का सम्यक ध्यान रख कर नियत की जाएगी और अत्यधिक न होगी:
(ग) जब वह व्यक्ति, जिसके बारे में जांच की जाती है, अवयस्क है, तब बंधपत्र केवल उसके प्रतिभुओं द्वारा निष्पादित किया जाएगा।
According to Section. 117 – “ Order to Give Security ”–
If, upon such inquiry, it is proved that it is necessary for keeping the peace or maintaining good behaviour, as the case may be, that the person in respect of whom the inquiry is made should execute a bond with or without sureties, the with Magistrate shall make an order accordingly:
Provided that-
(a) no person shall be ordered to give security of a nature different from, or of an amount larger than, or for a period longer than, that specified in the order made under section 111;
(b) the amount of every bond shall be fixed with due regard to the circumstances of the case and shall not be excessive;
(c) when the person in respect of whom the inquiry is made is a minor, the bond shall be executed only by his sureties.
आपको आज दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 117 “प्रतिभूति देने का आदेश“ इसके बारे में जानकारी हो गई होगी | कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा ? इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है |