सीआरपीसी की धारा 26 क्या है | Section 26 CRPC in Hindi


सीआरपीसी की धारा 26 क्या है

दंड प्रक्रिया सहिता में न्यायालय, जिनके द्वारा अपराध विचारणीय हैंइसका प्रावधान सीआरपीसी (CrPC) की धारा 26 में  किया गया है | यहाँ हम आपको ये बताने का प्रयास करेंगे कि दंड प्रक्रिया सहिता (CrPC) की धारा 26 के लिए किस तरह अप्लाई होगी | दंड प्रक्रिया सहिता यानि कि CrPC की धारा 26 क्या है ? इसके सभी पहलुओं के बारे में विस्तार से यहाँ समझने का प्रयास करेंगे | आशा है हमारी टीम द्वारा किया गया प्रयास आपको पसंद आ रहा होगा |

(CrPC Section 26) Dand Prakriya Sanhita Dhara 26 (न्यायालय, जिनके द्वारा अपराध विचारणीय)

इस पेज पर दंड प्रक्रिया सहिता की धारा 26 में “न्यायालय, जिनके द्वारा अपराध विचारणीय हैंइसके बारे में क्या प्रावधान बताये गए हैं ? इनके बारे में पूर्ण रूप से इस धारा में चर्चा की गई है | साथ ही दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 26 कब नहीं लागू होगी ये भी बताया गया है ? इसको भी यहाँ जानेंगे, साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की अन्य महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी  ले सकते हैं |

सीआरपीसी की धारा 10 क्या है



CrPC (दंड प्रक्रिया संहिता की धारा ) की धारा 26 के अनुसार :-

न्यायालय, जिनके द्वारा अपराध विचारणीय हैं

इस संहिता के अन्य उपबंधों के अधीन रहते हुए.

(क) भारतीय दंड संहिता (1860 का 45) के अधीन किसी अपराध का विचारण

(i) उच्च न्यायालय द्वारा किया जा सकता है, या

(ii) सेशन न्यायालय द्वारा किया जा सकता है, या

(iii) किसी अन्य ऐसे न्यायालय द्वारा किया जा सकता है जिसके द्वारा उसका विचारणीय होना प्रथम अनुसूची में दर्शित किया गया है:

[परंतु भारतीय दंड संहिता, (1860 का 45) की धारा 376 और धारा 376क, धारा 376ख, धारा 376ग, धारा 376घ या धारा 376] के अधीन किसी अपराध का विचारण यथासाध्य ऐसे न्यायालय द्वारा किया जाएगा, जिसमें महिला पीठासीन हो।]

(ख) किसी अन्य विधि के अधीन किसी अपराध का विचारण, जब उस विधि में इस निमित्त कोई न्यायालय उल्लिखित है, तब उस न्यायालय द्वारा किया जाएगा और जब कोई न्यायालय इस प्रकार उल्लिखित नहीं है तब

(i) उच्च न्यायालय द्वारा किया जा सकता है, या

(ii) किसी अन्य ऐसे न्यायालय द्वारा किया जा सकता है जिसके द्वारा उसका विचारणीय होना प्रथम अनुसूची में दर्शित किया गया है।

सीआरपीसी की धारा 9 क्या है

According to Section. 26 –“ Courts by which offences are triable ”–

Subject to the other provisions of this Code,-

(a) Any offence under the Indian Penal Code (45 of 1860) may be tried by-

(i) the High Court, or

(ii) the Court of Session, or

(iii) any other court by which such offence is shown in the First Schedule to be triable;

1[“Provided that any [“offence under section 376, section 376A, section 376B, section 376C, section 376D or section 376E of the Indian Penal Code”] (45 of 1860) shall be tried as far as practicable by a Court presided over by a woman.”]

(b) Any offence under any other law shall, when any court is mentioned in this behalf in such law, be tried by such court and when no court is so mentioned, may be tried by.

(i) the High Court, or

(ii) any other court by which such offence is shown in the First Schedule to be triable.

सीआरपीसी की धारा 8 क्या है 

आपको आज  दंड प्रक्रिया संहिता  की धारा 26 “कार्यपालक मजिस्ट्रेटों का अधीनस्थ होनाइसके  बारे में जानकारी हो गई होगी | कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा ?  इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप  कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है |

सीआरपीसी की धारा 7 क्या है

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