सीआरपीसी की धारा 46 क्या है
दंड प्रक्रिया सहिता में “गिरफ्तारी कैसे की जाएगी“ इसका प्रावधान सीआरपीसी (CrPC) की धारा 46 में किया गया है | यहाँ हम आपको ये बताने का प्रयास करेंगे कि दंड प्रक्रिया सहिता (CrPC) की धारा 46 के लिए किस तरह अप्लाई होगी | दंड प्रक्रिया सहिता यानि कि CrPC की धारा 46 क्या है ? इसके सभी पहलुओं के बारे में विस्तार से यहाँ समझने का प्रयास करेंगे | आशा है हमारी टीम द्वारा किया गया प्रयास आपको पसंद आ रहा होगा |
(CrPC Section 46) Dand Prakriya Sanhita Dhara 46 (गिरफ्तारी कैसे की जाएगी)
इस पेज पर दंड प्रक्रिया सहिता की धारा 46 में “गिरफ्तारी कैसे की जाएगी“ इसके बारे में क्या प्रावधान बताये गए हैं ? इनके बारे में पूर्ण रूप से इस धारा में चर्चा की गई है | साथ ही दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 46 कब नहीं लागू होगी ये भी बताया गया है ? इसको भी यहाँ जानेंगे, साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की अन्य महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी ले सकते हैं |
CrPC (दंड प्रक्रिया संहिता की धारा ) की धारा 46 के अनुसार :-
गिरफ्तारी कैसे की जाएगी-
(1) गिरफ्तारी करने में पुलिस अधिकारी या अन्य व्यक्ति, जो गिरफ्तारी कर रहा है, गिरफ्तार किए जाने वाले व्यक्ति के शरीर को वस्तुतः हुएगा या परिरुद्ध करेगा, जब तक उसने वचन या कर्म द्वारा अपने को अभिरक्षा में समर्पित न कर दिया हो।
परंतु जहां किसी स्त्री को गिरफ्तार किया जाना है वहां जब तक कि परिस्थितियों से इसके विपरीत उपदर्शित न हो, गिरफ्तारी की मौखिक इत्तिला पर अभिरक्षा में उसके समर्पण कर देने की उपधारणा की जाएगी और जब तक कि परिस्थितियों में अन्यथा अपेक्षित न हो या जब तक पुलिस अधिकारी महिला न हो, तब तक पुलिस अधिकारी महिला को गिरफ्तार करने के लिए उसके शरीर को नहीं छुएगा।]
(2) यदि ऐसा व्यक्ति अपने गिरफ्तार किए जाने के प्रयास का बलात् प्रतिरोध करता है या गिरफ्तारी से बचने का प्रयत्न करता है तो ऐसा पुलिस अधिकारी या अन्य व्यक्ति गिरफ्तारी करने के लिए आवश्यक सब साधनों को उपयोग में ला सकता है।
(3) इस धारा की कोई बात ऐसे व्यक्ति की जिस पर मृत्यु या आजीवन कारावास से दंडनीय अपराध का अभियोग नहीं है, मृत्यु कारित करने का अधिकार नहीं देती है।
(4) असाधारण परिस्थितियों के सिवाय, कोई स्त्री सूर्यास्त के पश्चात् और सूर्योदय से पहले गिरफ्तार नहीं की जाएगी और जहां ऐसी असाधारण परिस्थितियां विद्यमान हैं वहां स्त्री पुलिस अधिकारी, लिखित में रिपोर्ट करके, उस प्रथम श्रेणी के न्यायिक मजिस्ट्रेट की पूर्व अनुज्ञा अभिप्राप्त करेगी, जिसकी स्थानीय अधिकारिता के भीतर अपराध किया गया है या गिरफ्तारी की जानी है।]
According to Section. 46 – “ Arrest how made ”–
(1) In making an arrest the police officer or other person making the same shall actually touch or confine the body of the person to be arrested, unless there be a submission to the custody by word or action.
(2) If such person forcibly resists the endeavour to arrest him, or attempts to evade the arrest, such police officer or other person may use all me ans necessary to effect the arrest.
(3) Nothing in this section gives a right to cause the death of a person who is not accused of an offence punishable with death or with imprisonment for life.
(4) Save in exceptional circumstances, no women shall be arrested after sunset and before sunrise, and where such exceptional circumstances exist, the woman police officer shall, by making a written report, obtain the prior permission of the Judicial Magistrate of the first class within whose local jurisdiction the offence is committed or the arrest is to be made.
आपको आज दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 46 “गिरफ्तारी कैसे की जाएगी“ इसके बारे में जानकारी हो गई होगी | कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा ? इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है |