साक्ष्य अधिनियम की धारा 107 क्या है
आज हम आपके लिए इस पेज पर साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की धारा 107 की जानकारी लेकर आये है | यहाँ हम आपको बताएँगे कि साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की धारा 107 किस प्रकार से परिभाषित की गई है और इसका क्या अर्थ है ? साक्ष्य अधिनियम की धारा 107 क्या है, इसके बारे में आप यहाँ जानेंगे |
उस व्यक्ति की मृत्यु साबित करने का भार जिसका तीस वर्ष के भीतर जीवित होना ज्ञात है
इस पोर्टल के माध्यम से यहाँ साक्ष्य अधिनियम की धारा 107 क्या बताती है ? इसके बारे में पूर्ण रूप से बात होगी | साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर अन्य साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |
[Indian Evidence Act Sec. 107 in Hindi]
साक्ष्य अधिनियम धारा 75 क्या है
Indian Evidence Act (साक्ष्य अधिनियम) की धारा 107 के अनुसार :-
उस व्यक्ति की मृत्यु साबित करने का भार जिसका तीस वर्ष के भीतर जीवित होना ज्ञात है
जबकि प्रश्न यह है कि कोई मनुष्य जीवित है या मर गया है और यह दर्शित किया गया है कि वह तीस वर्ष के भीतर जीवित था, तब यह साबित करने का भार कि वह मर गया है उस व्यक्ति पर है, जो उसे प्रतिज्ञात करता है।
साक्ष्य अधिनियम धारा 74 क्या है
According to Indian Evidence Act Section 107 – “Burden of proving death of person known to have been alive within thirty years”–
When the question is whether a man is alive or dead, and it is shown that he was alive within thirty years, the burden of proving that he is dead is on the person who affirms it.
साक्ष्य अधिनियम धारा 68 क्या है
मित्रों उपरोक्त वर्णन से आपको आज साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की धारा 107 के बारे में जानकारी हो गई होगी | कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा ? इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है | इसको अपने मित्रो के साथ शेयर जरूर करें |
साक्ष्य अधिनियम धारा 65B क्या है