साक्ष्य अधिनियम की धारा 111 क्या है
आज हम आपके लिए इस पेज पर साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की धारा 111 की जानकारी लेकर आये है | यहाँ हम आपको बताएँगे कि साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की धारा 111 किस प्रकार से परिभाषित की गई है और इसका क्या अर्थ है ? साक्ष्य अधिनियम की धारा 111 क्या है, इसके बारे में आप यहाँ जानेंगे |
उन संव्यवहारों में सद्भाव का साबित किया जाना जिनमें एक पक्षकार का सम्बन्ध सक्रिय विश्वास का है
इस पोर्टल के माध्यम से यहाँ साक्ष्य अधिनियम की धारा 111 क्या बताती है ? इसके बारे में पूर्ण रूप से बात होगी | साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर अन्य साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |
[Indian Evidence Act Sec. 111 in Hindi]
साक्ष्य अधिनियम धारा 75 क्या है
Indian Evidence Act (साक्ष्य अधिनियम) की धारा 111 के अनुसार :-
उन संव्यवहारों में सद्भाव का साबित किया जाना जिनमें एक पक्षकार का सम्बन्ध सक्रिय विश्वास का है
जहां कि उन पक्षकारों के बीच के संव्यवहार के सद्भाव के बारे में प्रश्न है, जिनमें से एक दूसरे के प्रति सक्रिय विश्वास की स्थिति में हैं, वहां उस संव्यवहार के सद्भाव को साबित करने का भार उस पक्षकार पर है जो सक्रिय विश्वास की स्थिति में है।
दृष्टांत
(क) कक्षीकार द्वारा अटर्नी के पक्ष में लिए गए विक्रय का सद्भाव कक्षीकार द्वारा लाए गए बाद में प्रश्नगत है । संव्यवहार का सद्भाव साबित करने का भार अटर्नी पर है।
(ख) पुत्र द्वारा, जो कि हाल ही में प्राप्त वय हुआ है, पिता को किए गए किसी विक्रय का सद्भाव पुत्र द्वारा लाए गए वाद में प्रश्नगत है। संव्यवहार के सद्भाव को साबित करने का भार पिता पर है।
साक्ष्य अधिनियम धारा 74 क्या है
According to Indian Evidence Act Section 111 – “Proof of good faith in transactions where one party is in relation of active confidence”–
Where there is a question as to the good faith of a transaction between parties, one of whom stands to the other in a position of active confidence, the burden of proving the good faith of the transaction is on the party who is in a position of active confidence.
Illustrations
(a) The good faith of a sale by a client to an attorney is in question in a suit brought by the client. The burden of proving the good faith of the transaction is on the attorney.
(b) The good faith of a sale by a son just come of age to a father is in question in a suit brought by the son. The burden of proving the good faith of the transaction is on the father.
साक्ष्य अधिनियम धारा 68 क्या है
मित्रों उपरोक्त वर्णन से आपको आज साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की धारा 111 के बारे में जानकारी हो गई होगी | कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा ? इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है | इसको अपने मित्रो के साथ शेयर जरूर करें |
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