साक्ष्य अधिनियम की धारा 144 क्या है
आज हम आपके लिए इस पेज पर साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की धारा 144 की जानकारी लेकर आये है | यहाँ हम आपको बताएँगे कि साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की धारा 144 किस प्रकार से परिभाषित की गई है और इसका क्या अर्थ है ? साक्ष्य अधिनियम की धारा 144 क्या है, इसके बारे में आप यहाँ जानेंगे |
सूचक प्रश्न, कब पूछा जा सकेगा
इस पोर्टल के माध्यम से यहाँ साक्ष्य अधिनियम की धारा 144 क्या बताती है ? इसके बारे में पूर्ण रूप से बात होगी | साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर अन्य साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |
[Indian Evidence Act Sec. 144 in Hindi]
साक्ष्य अधिनियम धारा 113 क्या है
Indian Evidence Act (साक्ष्य अधिनियम) की धारा 144 के अनुसार :-
लेखबद्ध विषयों के बारे में साक्ष्य
किसी साक्षी से, जबकि वह परीक्षाधीन है, यह पूछा जा सकेगा कि क्या कोई संविदा, अनुदान या सम्पत्ति का अन्य ब्ययन, जिसके बारे में वह साक्ष्य दे रहा है, किसी दस्तावेज में अन्तर्विष्ट नहीं था, और यदि वह कहता है कि वह था, या यदि वह किसी ऐसी दस्तावेज की अन्तर्वस्तु के बारे में कोई कथन करने ही वाला है, जिसे न्यायालय की राय में, पेश किया जाना चाहिए, तो प्रतिपक्षी आक्षेप कर सकेगा कि ऐसा साक्ष्य तब तक नहीं दिया जाए जब तक ऐसी दस्तावेज पेश नहीं कर दी जाती, या जब तक वे तथ्य साबित नहीं कर दिए जाते, जो उस पक्षकार को, जिसने साक्षी को बुलाया है, उसका द्वितीबिक साक्ष्य देने का हक देते हैं।
स्पष्टीकरण-कोई साक्षी उन कथनों का, जो दस्तावेजों की अन्तर्वस्तु के बारे में अन्य व्यक्तियों द्वारा किए गए थे, मौखिक साक्ष्य दे सकेगा, यदि ऐसे कथन स्वयमेव सुसंगत तथ्य हैं।
दृष्टांत
प्रश्न यह है कि क्या क ने ख पर हमला किया।
ग अभिसाक्ष्य देता है कि उसने क को घ से यह कहते सुना है कि “ख ने मुझे एक पत्र लिखा था जिसमें मुझ पर चोरी का अभियोग लगाया था और मैं उससे बदला लूंगा”। यह कथन हमले के लिए क का आशय दर्शित करने वाला होने के नाते सुसंगत है और उसका साक्ष्य दिया जा सकेगा, चाहे पत्र के बारे में कोई अन्य साक्ष्य न भी दिया गया हो।
साक्ष्य अधिनियम धारा 113 A क्या है
According to Indian Evidence Act Section 144 – “Evidence as to matters in writing”–
Any witness may be asked, whilst under examination, whether any contract, grant or other disposition of property, as to which he is giving evidence, was not contained in a document, and if he says that it was, or if he is about to make any statement as to the contents of any document, which, in the opinion of the Court, ought to be produced, the adverse party may object to such evidence being given until such document is produced, or until facts have been proved which entitle the party who called the witness to give secondary evidence of it.
Explanation. –– A witness may give oral evidence of statements made by other persons about the contents of documents if such statements are in themselves relevant facts.
Illustration
The question is, whether A assaulted B.
C deposes that he heard A say to D–– “B wrote a letter accusing me of theft, and I will be revenged on him.” This statement is relevant, as showing A’s motive for the assault, and evidence may be given of it, though no other evidence is given about the letter.
साक्ष्य अधिनियम धारा 113 B क्या है
मित्रों उपरोक्त वर्णन से आपको आज साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की धारा 144 के बारे में जानकारी हो गई होगी | धारा 144 क्या है? इसके बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है | इसको अपने मित्रो के साथ शेयर जरूर करें |
साक्ष्य अधिनियम धारा 114 A क्या है