साक्ष्य अधिनियम धारा 31 क्या है | Indian Evidence Section 31 in Hindi


साक्ष्य अधिनियम की धारा 31 क्या है

आज हम आपके लिए इस पेज पर साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की धारा 31 की जानकारी लेकर आये है | यहाँ हम आपको बताएँगे  कि साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की धारा 31 किस प्रकार से परिभाषित की गई है और इसका क्या अर्थ है ? साक्ष्य अधिनियम की धारा 31 क्या है, इसके बारे में आप यहाँ जानेंगे |

स्वीकृतियां निश्चायक सबूत नहीं हैं किंतु विबंध कर सकती हैं

इस पोर्टल के माध्यम से यहाँ साक्ष्य अधिनियम की धारा 31 क्या बताती है ? इसके बारे में पूर्ण रूप से बात होगी | साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर अन्य साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |

[Indian Evidence Act Sec. 31 in Hindi]

साक्ष्य अधिनियम धारा 30 क्या है



Indian Evidence Act (साक्ष्य अधिनियम) की धारा 31 के अनुसार :-

 स्वीकृतियां निश्चायक सबूत नहीं हैं किंतु विबंध कर सकती हैं

स्वीकृतियां, स्वीकृत विषयों का निश्चायक सबूत नहीं हैं, किन्तु एतस्मिन्पश्चात् अन्तर्विष्ट उपबन्धों के अधीन विबंध के रूप में प्रवर्तित हो सकेंगी।

According to Indian Evidence Act Section 31 –   “Admissions not conclusive proof, but may estop”–

Admissions are not conclusive proof of the matters admitted but they may operate as estoppels under the provisions hereinafter contained.

साक्ष्य अधिनियम धारा 32 क्या है

मित्रों उपरोक्त वर्णन से आपको आज साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की धारा 31 के बारे में जानकारी हो गई होगी | कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा ?  इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप  हमें  कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है | इसको अपने मित्रो के साथ शेयर जरूर करें |

साक्ष्य अधिनियम धारा 17 क्या है

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