आईपीसी धारा 45 क्या है
आज हम आपके लिए इस पेज पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 45 की जानकारी लेकर आये है | यहाँ हम आपको बताएँगे कि भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 45 किस प्रकार से परिभाषित की गई है और इसका क्या अर्थ है ? भारतीय दंड संहिता यानि कि आईपीसी (IPC) की धारा 45 क्या है, इसके बारे में आप यहाँ जानेंगे |
इस पोर्टल के माध्यम से यहाँ धारा 45 क्या बताती है ? इसके बारे में पूर्ण रूप से बात होगी | साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर अन्य भारतीय दंड संहिता (IPC) की महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |
जीवन का अर्थ
IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा ) की धारा 45 के अनुसार :-
जीवन
“जब तक कि संदर्भ से तत्प्रतिकूल प्रतीत न हो, जीवन शब्द मानव के जीवन का द्योतक है ।“
According to Section 45 – “Life”–
“The word “life” denotes the life of a human being, unless the contrary appears from the context.”
मित्रों उपरोक्त वर्णन से आपको आज भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 45 के बारे में जानकारी हो गई होगी | कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा? इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है | इसको अपने मित्रो के साथ शेयर जरूर करें |