आईपीसी धारा 454 क्या है | IPC Section 454 in Hindi – विवरण सजा का प्रावधान


आईपीसी धारा 454 क्या है

आज हम आपके लिए इस पेज पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 454 की जानकारी लेकर आये है | यहाँ हम आपको बताएँगे  कि भारतीय दंड सहिता (IPC) की धारा 454 किस प्रकार से परिभाषित की गई है और इसका क्या अर्थ है ? भारतीय दंड संहिता यानि कि आईपीसी (IPC)  की धारा 454 क्या है,  इसके बारे में आप यहाँ जानेंगे |

कारावास से दंडनीय अपराध करने के लिए प्रच्छन्न गृहअतिचार या गृह भेदन

इस पोर्टल के माध्यम से यहाँ धारा 454 क्या बताती है ? इसके बारे में पूर्ण रूप से बात होगी | साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर अन्य भारतीय दंड संहिता (IPC) की महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |

आईपीसी धारा 447 क्या है



IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा) की धारा 454 के अनुसार :-

कारावास से दंडनीय अपराध करने के लिए प्रच्छन्न गृह-अतिचार या गृह भेदन

“जो कोई कारावास से दंडनीय अपराध करने के लिए प्रच्छन्न गृह-अतिचार या गृह-भेदन करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा, तथा यदि वह अपराध, जिसका किया जाना आशयित हो, चोरी हो, तो कारावास की अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी।“

Section 454 – “Lurking house-trespass or house-breaking in order to commit offence punishable with imprisonment ”–

“Whoever commits lurking house-trespass or house-breaking, in order to the committing of any offence punishable with imprisonment, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to three years, and shall also be liable to fine; and if the offence intended to be committed is theft, the term of the imprisonment may be extended to ten years.”

आईपीसी धारा 448 क्या है

लागू अपराध

1. कारावास से दण्डनीय अपराध करने के लिए छिप कर गॄहअतिचार या गॄहभेदन करना।

सजा – 3 वर्ष कारावास + आर्थिक दण्ड।

यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी मेजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

2. यदि अपराध चोरी है।

सजा – 10 वर्ष कारावास + आर्थिक दण्ड।

यह एक गैरजमानती, संज्ञेय अपराध है और प्रथम श्रेणी के मेजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

यह समझौता करने योग्य नहीं है।

आईपीसी धारा 457 क्या है

आईपीसी की धारा 454 में सजा (Punishment) क्या होगी

यहाँ भारतीय दंड संहिता में धारा 454 किये गए अपराध के लिए सजा को निर्धारित किया गया हैं | जो इस प्रकार है – कारावास से दण्डनीय अपराध करने के लिए छिप कर गॄह-अतिचार या गॄह-भेदन करना, उसको

1. कारावास से दण्डनीय अपराध करने के लिए छिप कर गॄहअतिचार या गॄहभेदन करना।

सजा – 3 वर्ष कारावास + आर्थिक दण्ड।

यह एक गैरजमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी मेजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

2. यदि अपराध चोरी है।

सजा – 10 वर्ष कारावास + आर्थिक दण्ड।

यह एक गैरजमानती, संज्ञेय अपराध है और प्रथम श्रेणी के मेजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

यह समझौता करने योग्य नहीं है।

आईपीसी धारा 467 क्या है

आईपीसी (IPC) की धारा 454 में  जमानत  (BAIL) का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 454 में जिस अपराध की सजा के बारे में बताया गया है उस अपराध को एक ग़ैर- जमानती अपराध बताया गया है | यहाँ आपको मालूम होना चाहिए कि ग़ैर- जमानतीय अपराध होने पर इसमें जमानत मिलने में मुश्किल होती है, क्योंकी CrPC में यह ग़ैर- जमानतीय अपराध बताया गया है ।

आईपीसी धारा 468 क्या है

मित्रों उपरोक्त वर्णन से आपको आज भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 454 के बारे में जानकारी हो गई होगी | कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा ?  इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप  हमें  कमेंट  बॉक्स  के  माध्यम  से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है | इसको अपने मित्रो के साथ शेयर जरूर करें |

आईपीसी धारा 469 क्या है

अपराधसजासंज्ञेयजमानतविचारणीय
कारावास से दण्डनीय अपराध करने के लिए छिप कर गॄह-अतिचार या गॄह-भेदन करना।3 वर्ष कारावास + आर्थिक दण्डसंज्ञेयग़ैर- जमानतीयकिसी भी मेजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय
यदि अपराध चोरी है।10 साल कारावास + आर्थिक दण्डसंज्ञेयग़ैर- जमानतीयप्रथम श्रेणी के मेजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय (ट्रायल किया जा सकता)

आईपीसी धारा 471 क्या है

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