सीआरपीसी की धारा 91 क्या है
दंड प्रक्रिया सहिता में “दस्तावेज या अन्य चीज पेश करने के लिए समन “किस प्रकार से किया जायेगा इस प्रक्रिया का प्रावधान सीआरपीसी (CrPC) की धारा 91 में किया गया है | यहाँ हम आपको ये बताने का प्रयास करेंगे कि दंड प्रक्रिया सहिता (CrPC) की धारा 91 के लिए किस तरह अप्लाई होगी |
दंड प्रक्रिया सहिता यानि कि CrPC की धारा 91 क्या है ? इसके सभी पहलुओं के बारे में विस्तार से यहाँ समझने का प्रयास करेंगे | आशा है हमारी टीम द्वारा किया गया प्रयास आपको पसंद आ रहा होगा |
(CrPC Section 91) Dand Prakriya Sanhita Dhara 91 (दस्तावेज या अन्य चीज पेश करने के लिए समन)
इस पेज पर दंड प्रक्रिया सहिता की धारा 91 दस्तावेज या अन्य चीज पेश करने के लिए समन के बारे में क्या प्रावधान बताये गए हैं ? इनके बारे में पूर्ण रूप से इस धारा में चर्चा की गई है | साथ ही दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 91 कब नहीं लागू होगी ये भी बताया गया है ? इसको भी यहाँ जानेंगे, साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की अन्य महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी ले सकते हैं |
CrPC (दंड प्रक्रिया संहिता की धारा ) की धारा 91 के अनुसार :-
दस्तावेज या अन्य चीज पेश करने के लिए समन–
(1) जब कभी कोई न्यायालय या पुलिस थाने का कोई भारसाधक अधिकारी यह समझता है कि किसी ऐसे अन्वेषण, जांच, विचारण, या अन्य कार्यवाही के प्रयोजनों के लिए, जो इस संहिता के अधीन ऐसे न्यायालय या अधिकारी के द्वारा या समक्ष हो रही हैं, किसी दस्तावेज या अन्य चीज का पेश किया जाना आवश्यक या वांछनीय है तो जिस व्यक्ति के कब्जे या शक्ति में ऐसी दस्तावेज या चीज के होने का विश्वास है उसके नाम ऐसा न्यायालय एक समन या ऐसा अधिकारी एक लिखित आदेश उससे यह अपेक्षा करते हुए जारी कर सकता है कि उस समन या आदेश में उल्लिखित समय और स्थान पर उसे पेश करे अथवा हाजिर हो और उसे पेश करे।
(2) यदि कोई व्यक्ति, जिससे इस धारा के अधीन दस्तावेज या अन्य चीज पेश करने की ही अपेक्षा की गई है उसे पेश करने के लिए स्वयं हाजिर होने के बजाय उस दस्तावेज या चीज को पेश करवा दे तो यह समझा जाएगा कि उसने उस अपेक्षा का अनुपालन कर दिया है।
(3) इस धारा की कोई बात-
(क) भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 (1872 का 1) की धारा 123 और 124 या बैंककार बही साक्ष्य अधिनियम, 1891 (1891 का 13) पर प्रभाव डालने वाली नहीं समझी जाएगी; अथवा
(ख) डाक या तार प्राधिकारी की अभिरक्षा में किसी पत्र, पोस्टकार्ड, तार या अन्य दस्तावेज या किसी पार्सल या चीज को लागू होने वाली नहीं समझी जाएगी।
According to Section. 91 – “ Summons to produce document or other thing ”–
(1) Whenever any Court or any officer in charge of a police station considers that the production of any document or other thing is necessary or desirable for the purposes of any investigation, inquiry, trial or other proceeding under this Code by or before such Court or officer, such Court may issue a summons, or such officer a written order, to the person in whose possession or power such document or thing is believed to be, requiring him to attend and produce it, or to produce it, at the time and place stated in the summons or order.
(2) Any person required under this section merely to produce a document or other thing shall be deemed to have complied with the requisition if he causes such document or thing to be produced instead of attending personally to produce the same.
(3) Nothing in this section shall be deemed-
(a) to affect sections 123 and 124 of the Indian Evidence Act, 1872 (1 of 1872 ), or the Bankers’ Books Evidence Act, 1891 (13 of 1891 ) or
(b) to apply to a letter, postcard, telegram or other document or any parcel or thing in the custody of the postal or telegraph authority.
धारा 91, दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 क्या कहती है जानिए आसान भाषा में :
धारा 91, “दस्तावेज या अन्य चीज पेश करने के लिए समन” के बारे में बात करती है इसके अनुसार यहाँ इस बात की प्रक्रिया के बारे में बताया गया है कि किस प्रकार से दस्तावेज या अन्य चीज पेश करने के लिए समन को भेजा जायेगा और ये किस प्रकार से इसके पहुंचाया जायेगा |
इसमें बताया गया है कि जब कभी कोई न्यायालय या पुलिस थाने का कोई भारसाधक अधिकारी यह समझता है कि किसी ऐसे अन्वेषण, जांच, विचारण, या अन्य कार्यवाही के प्रयोजनों के लिए, जो इस संहिता के अधीन ऐसे न्यायालय या अधिकारी के द्वारा या समक्ष हो रही हैं, किसी दस्तावेज या अन्य चीज का पेश किया जाना आवश्यक या वांछनीय है तो जिस व्यक्ति के कब्जे या शक्ति में ऐसी दस्तावेज या चीज के होने का विश्वास है उसके नाम ऐसा न्यायालय एक समन या ऐसा अधिकारी एक लिखित आदेश उससे यह अपेक्षा करते हुए जारी कर सकता है कि उस समन या आदेश में उल्लिखित समय और स्थान पर उसे पेश करे अथवा हाजिर हो और उसे पेश करे।
आपको आज दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 91 दस्तावेज या अन्य चीज पेश करने के लिए समन इसके बारे में जानकारी हो गई होगी | कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा ? इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है |
Sir,husbnd private job karte h event management ki….unke paas khud k naam pr property bhi h…or wo adultory me bhi h…kai bank accounts h…but maayeke me rehne ki vajah se…mere liye possible nahi ho paa raha h k main proof laakar court ko de saku…husbnd ki details kaise court me present karu…or isme lagbagh kitna kharcha aata h….please suggest me 🙏🙏🙏
aap mayke aaram se rest le sab ho jayega ,shadu ke bad mayke hi rahna tha to shadi kyo ki mayke hi rahti.
Dhara 91 ruling mil jayenge
क्या 156/3 की विवेचना का आदेश होने,पर दौरान विवेचना कोर्ट अभियुक्त की तरफ से 91Crpc ke प्रार्थना पत्र को स्वीकार कर दस्तावेज तलाब कर सकता है यदि हाँ तो कोई निर्णय बताया
यदि कोई 1 सीआरपीसीनोटिस देने के बाद भी दस्तावेज नहीं प्रस्तुत नहीं करता है तो उसके विरुद्ध क्या कार्रवाई की जाएगी
यदि कोई व्यक्ति जो किसी लोक सेवक के समक्ष दस्तावेज पेश करने के लिए विधि के अंतर्गत आप बंद होते हुए भी उसे पेश करने में जानबूझकर लोप करता है तो उसे भारतीय दंड संहिता की धारा 175 के अंतर्गत एक माह का साधारण कारावास या ₹500 तक का अर्थदंड अथवा दोनों से दंडित किया जा सकता है