सीआरपीसी की धारा 177 क्या है
दंड प्रक्रिया सहिता में “जांच और विचारण का मामूली स्थान“ इसका प्रावधान सीआरपीसी (CrPC) की धारा 177 में किया गया है | यहाँ हम आपको ये बताने का प्रयास करेंगे कि दंड प्रक्रिया सहिता (CrPC) की धारा 177 के लिए किस तरह अप्लाई होगी | दंड प्रक्रिया सहिता यानि कि CrPC की धारा 177 क्या है ? इसके सभी पहलुओं के बारे में विस्तार से यहाँ समझने का प्रयास करेंगे | आशा है हमारी टीम द्वारा किया गया प्रयास आपको पसंद आ रहा होगा |
(CrPC Section 177) Dand Prakriya Sanhita Dhara 177 (जांच और विचारण का मामूली स्थान)
इस पेज पर दंड प्रक्रिया सहिता की धारा 177 में “जांच और विचारण का मामूली स्थान“ इसके बारे में क्या प्रावधान बताये गए हैं ? इनके बारे में पूर्ण रूप से इस धारा में चर्चा की गई है | साथ ही दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 177 कब नहीं लागू होगी ये भी बताया गया है ? इसको भी यहाँ जानेंगे, साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की अन्य महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी ले सकते हैं |
CrPC (दंड प्रक्रिया संहिता की धारा ) की धारा 177 के अनुसार :-
जांच और विचारण का मामूली स्थान–
प्रत्येक अपराध की जांच और विचारण मामूली तौर पर ऐसे न्यायालय द्वारा किया जाएगा जिसकी स्थानीय अधिकारिता के अंदर वह अपराध किया गया है।
According to Section. 177 – “Ordinary place of inquiry and trial ”–
Every offence shall ordinarily be inquired into and tried by a Court within whose local jurisdiction it was committed.
आपको आज दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 177 “जांच और विचारण का मामूली स्थान“ इसके बारे में जानकारी हो गई होगी | कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा ? इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है |