सीआरपीसी की धारा 174 क्या है | Section 174 CRPC in Hindi


सीआरपीसी की धारा 174  क्या है

दंड प्रक्रिया सहिता में आत्महत्या, आदि पर पुलिस का जांच करना और रिपोर्ट देनाइसका प्रावधान सीआरपीसी (CrPC) की धारा 174 में  किया गया है | यहाँ हम आपको ये बताने का प्रयास करेंगे कि दंड प्रक्रिया सहिता (CrPC) की धारा 174 के लिए किस तरह अप्लाई होगी | दंड प्रक्रिया सहिता यानि कि CrPC की धारा 174 क्या है ? इसके सभी पहलुओं के बारे में विस्तार से यहाँ समझने का प्रयास करेंगे | आशा है हमारी टीम द्वारा किया गया प्रयास आपको पसंद आ रहा होगा |

सीआरपीसी की धारा 145 क्या है

(CrPC Section 174) Dand Prakriya Sanhita Dhara 174 (आत्महत्या, आदि पर पुलिस का जांच करना और रिपोर्ट देना) 

इस पेज पर दंड प्रक्रिया सहिता की धारा 174 में आत्महत्या, आदि पर पुलिस का जांच करना और रिपोर्ट देना  इसके बारे में क्या प्रावधान बताये गए हैं ? इनके बारे में पूर्ण रूप से इस धारा में चर्चा की गई है | साथ ही दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 174 कब नहीं लागू होगी ये भी बताया गया है ? इसको भी यहाँ जानेंगे, साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की अन्य महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी  ले सकते हैं |



सीआरपीसी की धारा 164 क्या है

CrPC (दंड प्रक्रिया संहिता की धारा ) की धारा 174 के अनुसार :-

आत्महत्या, आदि पर पुलिस का जांच करना और रिपोर्ट देना—

(1) जब पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी, या राज्य सरकार द्वारा उस निमित्त विशेषतया सशक्त किए गए किसी अन्य पुलिस अधिकारी को यह इत्तिला मिलती है कि किसी व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली है अथवा कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति द्वारा या जीव-जंतु द्वारा या किसी यंत्र द्वारा या दुर्घटना द्वारा मारा गया है, अथवा कोई व्यक्ति ऐसी परिस्थितियों में मरा है जिनसे उचित रूप से यह संदेह होता है कि किसी अन्य व्यक्ति ने कोई अपराध किया है तो वह मृत्यु समीक्षाएं करने के लिए सशक्त निकटतम कार्यपालक मजिस्ट्रेट को तुरंत उसकी सूचना देगा और जब तक राज्य सरकार द्वारा विहित किसी नियम द्वारा या जिला या उपखंड मजिस्ट्रेट के किसी साधारण या विशेष आदेश द्वारा अन्यथा निदिष्ट न हो वह उस स्थान को जाएगा जहाँ ऐसे मृत व्यक्ति का शरीर है और वहां पड़ोस के दो या अधिक प्रतिष्ठित निवासियों की उपस्थिति में अन्वेषण करेगा और मृत्यु के दृश्यमान कारण की रिपोर्ट तैयार करेगा जिसमें ऐसे घावों, अस्थिभंगों, नीलों और क्षति के अन्य चिह्नों का जो शरीर पर पाए जाएं, वर्णन होगा और यह कथन होगा कि ऐसे चिह्न किस प्रकार से और किस आयुध या उपकरण द्वारा (यदि कोई हो) किए गए प्रतीत होते हैं।

(2) उस रिपोर्ट पर ऐसे पुलिस अधिकारी और अन्य व्यक्तियों द्वारा, या उनमें से इतनों द्वारा जो उससे सहमत हैं, हस्ताक्षर किए जाएंगे और वह जिला मजिस्ट्रेट या उपखंड मजिस्ट्रेट को तत्काल भेज दी जाएगी। (3) ‘[जब

(i) मामले में किसी स्त्री द्वारा उसके विवाह की तारीख से सात वर्ष के भीतर आत्महत्या अंतर्वलित है ; या

(ii) मामला किसी स्त्री की उसके विवाह के सात वर्ष के भीतर ऐसी परिस्थितियों में मृत्यु से संबंधित है जो यह युक्तियुक्त संदेह उत्पन्न करती है कि किसी अन्य व्यक्ति ने ऐसी स्त्री के संबंध में कोई अपराध किया है ; या

(ii) मामला किसी स्त्री की उसके विवाह के सात वर्ष के भीतर मृत्यु से संबंधित है और उस स्त्री के किसी नातेदार ने उस निमित्त निवेदन किया है ; या

(iv) मृत्यु के कारण की बाबत कोई संदेह है ; या

(v) किसी अन्य कारण पुलिस अधिकारी ऐसा करना समीचीन समझता है, तब] ऐसे नियमों के अधीन रहते हुए, जो राज्य सरकार द्वारा इस निमित्त विहित किए जाएं, वह अधिकारी यदि मौसम ऐसा है और दूरी इतनी है कि रास्ते में शरीर के ऐसे सड़ने की जोखिम के बिना, जिससे उसकी परीक्षा व्यर्थ हो जाए, उसे भिजवाया जा सकता है तो शरीर को उसकी परीक्षा की दृष्टि से, निकटतम सिविल सर्जन के पास या राज्य सरकार द्वारा इस निमित्त नियुक्त अन्य अर्हित चिकित्सक के पास भेजेगा।

(4) निम्नलिखित मजिस्ट्रेट मृत्यु-समीक्षा करने के लिए सशक्त हैं, अर्थात् कोई जिला मजिस्ट्रेट या उपखंड मजिस्ट्रेट और राज्य सरकार द्वारा या जिला मजिस्ट्रेट द्वारा इस निमित्त विशेषतया सशक्त किया गया कोई अन्य कार्यपालक मजिस्ट्रेट।

According to Section. 174 –  “Police to enquire and report on suicide, etc. ”–

 (1) When the officer in charge of a police station or some other police officer specially empowered by the State Government in that behalf receives information that a person has committed suicide, or has been killed by another or by an animal or by machinery or by an accident, or has died under circumstances raising a reasonable suspicion that some other person has committed an offence, he shall immediately give intimation thereof to the nearest Executive Magistrate empowered to hold inquests, and, unless otherwise directed by any rule prescribed by the State Government, or by any general or special order of the District or Sub- divisional Magistrate, shall proceed to the place where the body of such deceased person is, and there, in the presence of two’ or more respectable inhabitants of the neighbourhood, shall make an investiga- tion, and draw up a report of the apparent cause of death, describing such wounds, fractures, bruises, and other marks of injury as may be found on the body, and stating in what manner, or by what weapon or instrument (if any); such marks appear to have been inflicted.

(2) The report shall be signed by such police officer and other persons, or by so many of them as concur therein, and shall be forthwith forwarded to the District Magistrate or the Sub- divisional Magistrate.

(3) 1 When-

(i) the case involves suicide by a woman within seven years of her marriage; or

(ii) the case relates to the death of a woman within seven years of her marriage in any circumstances raising a reasonable suspicion that some other person committed an offence in relation to such woman; or

(iii) the case relates to the death of a woman within seven years of her marriage and any relative of the woman has made a request in this behalf; or

(iv) there is any doubt regarding the cause of death; or

(v) the police officer for any other reason considers it expedient so to do, he shall. subject to such rules as the State Government may prescribe in this behalf, forward the body, with a view to its being examined, to the nearest Civil Surgeon, or other qualified medical man appointed in this behalf by the State Government, if the state of the weather and the distance admit of its being so forwarded without risk of such putrefaction on the road as would render such examination useless.

(4) The following Magistrates are empowered to hold inquests, namely, any District Magistrate or Sub- divisional Magistrate and any other Executive Magistrate specially empowered in this behalf by the State Government or the District Magistrate.

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आपको आज दंड प्रक्रिया संहिता  की धारा 174 आत्महत्या, आदि पर पुलिस का जांच करना और रिपोर्ट देना  इसके  बारे में जानकारी हो गई होगी | कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा ?  इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप  कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है |

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4 thoughts on “सीआरपीसी की धारा 174 क्या है | Section 174 CRPC in Hindi”

  1. श्रीमान
    अगर कोई व्यक्ति किसी जमीं पर अतिक्रमण कर रहा है।और उसपर मारपीट नोकझोंक होता है कोई पुलिस के पास जाता है तो पुलिस उस काम को रुकवा सकती है क्या जबकि उससे सन्ति भांग होने का अंदेशा है।

    प्रतिक्रिया
    • 173 clause 8 in CRPC
      इस धारा की कोई बात किसी अपराध के बारे में उपधारा (2) के अधीन मजिस्ट्रेट को रिपोर्ट भेज दी जाने के पश्चात् आगे और अन्वेषण को प्रवरित करने वाली नहीं समझी जाएगी तथा जहां ऐसे अन्वेषण पर पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी को कोई अतिरिक्त मौखिक या दस्तावेजी साक्ष्य मिले वहां वह ऐसे साक्ष्य के संबंध में अतिरिक्त रिपोर्ट या रिपोर्ट मजिस्ट्रेट को विहित प्ररूप में भेजेगा, और उपधारा (2) से (6) तक के उपबंध ऐसी रिपोर्ट या रिपोर्टों के बारे में, जहां तक हो सके, ऐसे लागू होंगे, जैसे वे उपधारा (2) के अधीन भेजी गई रिपोर्ट के संबंध में लागू होते हैं।

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