सीआरपीसी की धारा 18 क्या है
दंड प्रक्रिया सहिता में “विशेष महानगर मजिस्ट्रेट“ इसका प्रावधान सीआरपीसी (CrPC) की धारा 18 में किया गया है | यहाँ हम आपको ये बताने का प्रयास करेंगे कि दंड प्रक्रिया सहिता (CrPC) की धारा 18 के लिए किस तरह अप्लाई होगी | दंड प्रक्रिया सहिता यानि कि CrPC की धारा 18 क्या है ? इसके सभी पहलुओं के बारे में विस्तार से यहाँ समझने का प्रयास करेंगे | आशा है हमारी टीम द्वारा किया गया प्रयास आपको पसंद आ रहा होगा |
(CrPC Section 18) Dand Prakriya Sanhita Dhara 18 (विशेष महानगर मजिस्ट्रेट)
इस पेज पर दंड प्रक्रिया सहिता की धारा 18 में “विशेष महानगर मजिस्ट्रेट“ इसके बारे में क्या प्रावधान बताये गए हैं ? इनके बारे में पूर्ण रूप से इस धारा में चर्चा की गई है | साथ ही दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 18 कब नहीं लागू होगी ये भी बताया गया है ? इसको भी यहाँ जानेंगे, साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की अन्य महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी ले सकते हैं |
CrPC (दंड प्रक्रिया संहिता की धारा ) की धारा 18 के अनुसार :-
विशेष महानगर मजिस्ट्रेट
(1) यदि केंद्रीय या राज्य सरकार उच्च न्यायालय से ऐसा करने के लिए अनुरोध करती है तो उच्च न्यायालय किसी व्यक्ति को जो सरकार के अधीन कोई पद धारण करता है या जिसने कोई पद धारण किया है, अपनी स्थानीय अधिकारिता के भीतर किसी महानगर क्षेत्र में विशेष मामलों के या विशेष वर्ग के मामलों के संबंध में महानगर मजिस्ट्रेट को इस संहिता द्वारा या उसके अधीन प्रदत्त या प्रदत्त की जा सकने वाली सभी या कोई शक्तियां प्रदत्त कर सकता है:
परंतु ऐसी कोई शक्ति किसी व्यक्ति को प्रदान नहीं की जाएगी जब तक उसके पास विधिक मामलों के संबंध में ऐसी अर्हता या अनुभव नहीं है जो उच्च न्यायालय, नियमों द्वारा विनिर्दिष्ट करे।
(2) ऐसे मजिस्ट्रेट विशेष महानगर मजिस्ट्रेट कहलाएंगे और एक समय में एक वर्ष से अनधिक की इतनी अवधि के लिए नियुक्त किए जाएंगे जितनी उच्च न्यायालय, साधारण या विशेष आदेश द्वारा, निर्दिष्ट करे।
(3) यथास्थिति, उच्च न्यायालय या राज्य सरकार किसी महानगर मजिस्ट्रेट को, महानगर क्षेत्र के बाहर किसी स्थानीय क्षेत्र में प्रथम वर्ग के न्यायिक मजिस्ट्रेट की शक्तियों का प्रयोग करने के लिए सशक्त कर सकती है।
According to Section. 18 – “ Special Metropolitan Magistrates ”–
(1) The High Court may, if requested by any Central or State Government so to do, confer upon any person who holds or has held any post under the Government, all or any of the powers conferred or conferrable by or under this Code on a Metropolitan Magistrate, in respect to particular cases or to particular classes of cases in any metropolitan area within its local jurisdiction;
(2) Provided that no such power shall be conferred on a person unless he possesses such qualification or experience in relation to legal affairs as the High Court may, by rules, specify.
(3) Such Magistrates shall be called Special Metropolitan Magistrates and shall be appointed for such term, not exceeding one year at a time, as the High Court may, by general or special order, direct.
The High Court or the State Government, as the case may be, may empower any Special Metropolitan Magistrate to exercise, in any local area outside the metropolitan area, the powers of a Judicial Magistrate of the first class.
आपको आज दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 18 “विशेष महानगर मजिस्ट्रेट“ इसके बारे में जानकारी हो गई होगी | कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा ? इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है |