सीआरपीसी की धारा 68 क्या है | Section 68 CRPC in Hindi


सीआरपीसी की धारा 68 क्या है

दंड प्रक्रिया सहिता में ऐसे मामलों में और जब तामील करने वाला अधिकारी उपस्थित न हो तब तामील का सबूत“ इसका प्रावधान सीआरपीसी (CrPC) की धारा 68 में  किया गया है | यहाँ हम आपको ये बताने का प्रयास करेंगे कि दंड प्रक्रिया सहिता (CrPC) की धारा 68 के लिए किस तरह अप्लाई होगी | दंड प्रक्रिया सहिता यानि कि CrPC की धारा 68 क्या है ? इसके सभी पहलुओं के बारे में विस्तार से यहाँ समझने का प्रयास करेंगे | आशा है हमारी टीम द्वारा किया गया प्रयास आपको पसंद आ रहा होगा |

(CrPC Section 68) Dand Prakriya Sanhita Dhara 68 (ऐसे मामलों में और जब तामील करने वाला अधिकारी उपस्थित हो तब तामील का सबूत)

इस पेज पर दंड प्रक्रिया सहिता की धारा 68 में “ऐसे मामलों में और जब तामील करने वाला अधिकारी उपस्थित न हो तब तामील का सबूतइसके बारे में क्या प्रावधान बताये गए हैं ? इनके बारे में पूर्ण रूप से इस धारा में चर्चा की गई है | साथ ही दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 68 कब नहीं लागू होगी ये भी बताया गया है ? इसको भी यहाँ जानेंगे, साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की अन्य महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी  ले सकते हैं |

सीआरपीसी की धारा 43 क्या है



CrPC (दंड प्रक्रिया संहिता की धारा ) की धारा 68 के अनुसार :-

ऐसे मामलों में और जब तामील करने वाला अधिकारी उपस्थित न हो तब तामील का सबूत

(1) जब न्यायालय द्वारा जारी किए गए समन की तामील उसकी स्थानीय अधिकारिता के बाहर की गई है तब और ऐसे किसी मामले में जिसमें वह अधिकारी जिसने समन की तामील की है, मामले की सुनवाई के समय उपस्थित नहीं है, मजिस्ट्रेट के समक्ष किया गया तात्पर्यित यह शपथपत्र कि ऐसे समन की तामील हो गई है और समन की दूसरी प्रति, जिसका उस व्यक्ति द्वारा जिसको समन परिदत्त या निविदत्त किया गया था, या जिसके पास वह छोड़ा गया था (धारा 62 या धारा 64 में उपबंधित प्रकार से), पृष्ठांकित होना तात्पर्यित है. साक्ष्य में ग्राह्य होगी और जब तक तत्प्रतिकूल साबित न किया जाए, उसमें किए गए कथन सही माने जाएंगे।

(2) इस धारा में वर्णित शपथपत्र समन की दूसरी प्रति से संलग्न किया जा सकता है और उस न्यायालय को भेजा जा सकता है।

सीआरपीसी की धारा 42 क्या है

According to Section. 68 –  “ Proof of service in such cases and when serving officer not present ”–

(1) When a summons issued by a Court is served outside its local jurisdiction, and in any case where the officer who has served a summons is not present at the hearing of the case, an affidavit, purporting to be made before a Magistrate, that such summons has been served, and a duplicate of the summons purporting to be endorsed (in the manner provided by section 62 or section 64) by the person to whom it was delivered or tendered or with whom it was left, shall be admissible in evidence, and the statements made therein shall be deemed to be correct unless and until the contrary is proved.

(2) The affidavit mentioned in this section may be attached to the duplicate of the summons and returned to the Court.

सीआरपीसी की धारा 41 क्या है

आपको आज  दंड प्रक्रिया संहिता  की धारा 68 “ऐसे मामलों में और जब तामील करने वाला अधिकारी उपस्थित न हो तब तामील का सबूतइसके  बारे में जानकारी हो गई होगी | कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा ?  इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप  कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है |

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