आईपीसी धारा 176 क्या है | IPC 176 in Hindi | धारा 176 में सजा और जमानत


आईपीसी धारा 176 क्या है

भारतीय दंड संहिता में “सूचना या इत्तिला देने के लिए वैध रूप से आबद्ध व्यक्ति द्वारा लोक सेवक को सूचना या इत्तिला देने का लोप” इसके लिए प्रावधान (IPC) की धारा 176 में  किया गया है | यहाँ हम आपको ये बताने का प्रयास करेंगे कि भारतीय दंड सहिता (IPC) की धारा 176 किस तरह अप्लाई होगी | भारतीय दंड संहिता यानि कि IPC की धारा 176 क्या है ? इसके सभी पहलुओं के बारे में विस्तार से यहाँ समझने का प्रयास करेंगे | आशा है हमारी टीम द्वारा किया गया प्रयास आपको पसंद आ रहा होगा | पसंद आने पर आर्टिकल शेयर जरूर करें |

(IPC Section 176) सूचना या इत्तिला देने के लिए वैध रूप से आबद्ध व्यक्ति द्वारा लोक सेवक को सूचना या इत्तिला देने का लोप

इस पेज पर भारतीय दंड सहिता की धारा 176 मेंसूचना या इत्तिला देने के लिए वैध रूप से आबद्ध व्यक्ति द्वारा लोक सेवक को सूचना या इत्तिला देने का लोप के बारे में क्या प्रावधान बताये गए हैं, इनके बारे में पूर्ण रूप से इस धारा में चर्चा की गई है | साथ ही भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 176 में जमानत के बारे में क्या बताया गया है ? इसको भी यहाँ जानेंगे, साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर अन्य महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी  ले सकते हैं |

सूचना या इत्तिला देने के लिए वैध रूप से आबद्ध व्यक्ति द्वारा लोक सेवक को सूचना या इत्तिला देने का लोप

आईपीसी धारा 172 क्या है



IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा ) की धारा 176 के अनुसार :-

सूचना या इत्तिला देने के लिए वैध रूप से आबद्ध व्यक्ति द्वारा लोक सेवक को सूचना या इत्तिला देने का लोप

जो कोई किसी लोक सेवक को, ऐसे लोक सेवक के नाते किसी विषय पर कोई सूचना देने या इत्तिला देने के लिए वैध रूप से आबद्ध होते हुए. विधि द्वारा अपेक्षित प्रकार से और समय पर ऐसी सूचना या इत्तिला देने का साशय लोप करेगा, वह सादा कारावास से, जिसकी अवधि एक मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो पांच सौ रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से.

अथवा, यदि दी जाने के लिए अपेक्षित सूचना या इत्तिला किसी अपराध के किए जाने के विषय में हो, या किसी अपराध के किए जाने का निवारण करने के प्रयोजन से या किसी अपराधी को पकड़ने के लिए अपेक्षित हो, तो वह सादा करावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो एक हजार रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से,

“[अथवा, यदि दी जाने के लिए अपेक्षित सूचना या इत्तिला दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1898 (1898 का 5) की धारा 565 की उपधारा (1) के अधीन दिए गए आदेश द्वारा अपेक्षित है, तो वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी या जुर्माने से, जो एक हजार रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से.] दंडित किया जाएगा ।

आईपीसी धारा 174 क्या है

Section. 176 –   “Omission to produce 1[document or electronic record] to public servant by person legally bound to produce it ”–

Whoever, being legally bound to give any notice or to furnish information on any subject to any public servant, as such, intentionally omits to give such notice or to furnish such information in the manner and at the time required by law, shall be punished with simple imprisonment for a term which may extend to one month, or with fine which may extend to five hundred rupees, or with both;

or, if the notice or information required to be given respects the commission of an offence, or is required for the purpose of preventing the commission of an offence, or in order to the apprehension of an offender, with simple imprisonment for a term which may extend to six months, or with fine which may extend to one thousand rupees, or with both;

[or, if the notice or information required to be given is re­quired by an order passed under sub-section (1) of section 565 of the Code of Criminal Procedure, 1898 (5 of 1898) with imprison­ment of either description for a term which may extend to six months, or with fine which may extend to one thousand rupees, or with both.

आईपीसी धारा 177 क्या है

लागू अपराध (IPC Section 176)

1. सूचना या इत्तिला देने के लिए कानूनी तौर पर आबद्ध व्यक्ति द्वारा लोक सेवक को सूचना या इत्तिला देने का साशय लोप।

सजा – 1 महीने कारावास या 500 रुपए आर्थिक दण्ड या दोनों।

यह एक जमानती, गैरसंज्ञेय अपराध है और किसी भी मेजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

2. यदि दी जाने वाली अपेक्षित सूचना या इत्तिला किसी अपराध होने के विषय में हो।

सजा – 6 महीने कारावास या 1 हजार रुपए रुपए आर्थिक दण्ड या दोनों।

यह एक जमानती, गैरसंज्ञेय अपराध है और किसी भी मेजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

3. यदि दी जाने वाली अपेक्षित सूचना या इत्तिला इस संहिता की धारा 565 की उपधारा (1) के अधीन दिए गए आदेश द्वारा अपेक्षित है।

सजा – 6 महीने कारावास या 1 हजार रुपए रुपए आर्थिक दण्ड या दोनों।

यह एक जमानती, गैरसंज्ञेय अपराध है और किसी भी मेजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं  है।

आईपीसी धारा 182 क्या है

आईपीसी की धारा 176 में सजा (Punishment) क्या होगी

सूचना या इत्तिला देने के लिए कानूनी तौर पर आबद्ध व्यक्ति द्वारा लोक सेवक को सूचना या इत्तिला देने का साशय लोप के लिए दंड का निर्धारण  भारतीय दंड संहिता में धारा 176 के तहत किया गया है | यहाँ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 176 में ऐसा अपराध करने पर

1. सूचना या इत्तिला देने के लिए कानूनी तौर पर आबद्ध व्यक्ति द्वारा लोक सेवक को सूचना या इत्तिला देने का साशय लोप।

सजा – 1 महीने कारावास या 500 रुपए आर्थिक दण्ड या दोनों।

यह एक जमानती, गैरसंज्ञेय अपराध है और किसी भी मेजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

2. यदि दी जाने वाली अपेक्षित सूचना या इत्तिला किसी अपराध होने के विषय में हो।

सजा – 6 महीने कारावास या 1 हजार रुपए रुपए आर्थिक दण्ड या दोनों।

यह एक जमानती, गैरसंज्ञेय अपराध है और किसी भी मेजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

3. यदि दी जाने वाली अपेक्षित सूचना या इत्तिला इस संहिता की धारा 565 की उपधारा (1) के अधीन दिए गए आदेश द्वारा अपेक्षित है।

सजा – 6 महीने कारावास या 1 हजार रुपए रुपए आर्थिक दण्ड या दोनों।

यह एक जमानती, गैर-संज्ञेय अपराध है और किसी भी मेजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

आईपीसी धारा 185 क्या है 

आईपीसी (IPC) की धारा 176 में  जमानत  (BAIL) का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 176 में जिस अपराध की सजा के बारे में बताया गया है उस अपराध को एक जमानती और गैर-संज्ञेय अपराध बताया गया है | यहाँ आपको मालूम होना चाहिए कि जमानतीय अपराध होने पर इसमें जमानत मिल जाती है,  क्योकि इसको CrPC में गैर-संज्ञेय श्रेणी का जमानतीय अपराध बताया गया है |

आपको आज भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 176, सूचना या इत्तिला देने के लिए कानूनी तौर पर आबद्ध व्यक्ति द्वारा लोक सेवक को सूचना या इत्तिला देने का साशय लोप के लिए दंड का निर्धारण  के बारे में जानकारी हो गई होगी | कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा | इस अपराध को कारित करने पर क्या सजा होगी ?  इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, साथ ही इसमें जमानत के क्या प्रावधान होंगे ? यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप  कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है |

आईपीसी धारा 186 क्या है 

अपराधसजासंज्ञेयजमानतविचारणीय
जानबूझकर किसी व्यक्ति द्वारा किसी लोक सेवक को नोटिस या सूचना देने के लिए बाध्य करना कानूनी रूप से ऐसी सूचना या सूचना देने के लिए बाध्य है1 महीने के लिए साधारण कारावास या जुर्माना या दोनोंगैर -संज्ञेयजमानतीयकिसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय (ट्रायल किया जा सकता)
यदि आवश्यक सूचना या सूचना एक अपराध के आयोग का सम्मान करती है, आदि6 महीने के लिए साधारण कारावास या जुर्माना या दोनोंगैर -संज्ञेयजमानतीयकिसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय (ट्रायल किया जा सकता)
यदि इस कोड की धारा 356 की उप-धारा 1 के तहत पारित आदेश द्वारा नोटिस या सूचना आवश्यक है    6 महीने की जेल या जुर्माना या दोनोंगैर -संज्ञेयजमानतीयकिसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय (ट्रायल किया जा सकता)

आईपीसी धारा 188 क्या है


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