घरेलू हिंसा अधिनियम धारा 21 क्या है


घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 21 क्या है

आज हम आपके लिए इस पेज पर घरेलू हिंसा अधिनियम (Domestic Violence Act) की धारा 21 की जानकारी लेकर आये है | यहाँ हम आपको बताएँगे  कि घरेलू हिंसा अधिनियम (Domestic Violence Act) की धारा 21 किस प्रकार से परिभाषित की गई है और इसका क्या अर्थ है ? घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 21 क्या है, इसके बारे में आप यहाँ जानेंगे |

अभिरक्षा आदेश

इस पोर्टल के माध्यम से यहाँ धारा 21 क्या बताती है ? इसके बारे में पूर्ण रूप से बात होगी | साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर अन्य घरेलू हिंसा अधिनियम (Domestic Violence Act) की महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |

[Domestic violence act Sec. 21 in Hindi]



घरेलू हिंसा अधिनियम धारा 1 क्या है
घरेलू हिंसा अधिनियम धारा 2 क्या है
घरेलू हिंसा अधिनियम धारा 3 क्या है
घरेलू हिंसा अधिनियम धारा 4 क्या है
घरेलू हिंसा अधिनियम धारा 5 क्या है
घरेलू हिंसा अधिनियम धारा 6 क्या है
घरेलू हिंसा अधिनियम धारा 7 क्या है
घरेलू हिंसा अधिनियम धारा 8 क्या है
घरेलू हिंसा अधिनियम धारा 9 क्या है
घरेलू हिंसा अधिनियम धारा 10 क्या है

घरेलू हिंसा अधिनियम धारा 22 क्या है

Domestic Violence (घरेलू हिंसा अधिनियम) की धारा 21 के अनुसार :-

अभिरक्षा आदेश

तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि में अन्तर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, मजिस्ट्रेट, इस अधिनियम के अधीन संरक्षण आदेश या किसी अन्य अनुतोष के लिए आवेदन की सुनवाई के किसी प्रक्रम पर व्यथित व्यक्ति को या उसकी ओर से आवेदन करने वाले व्यक्ति को किसी सन्तान की अस्थायी अभिरक्षा दे सकेगा और यदि आवश्यक हो प्रत्यर्थी द्वारा ऐसी सन्तान को देखने का प्रबन्ध विनिर्दिष्ट कर सकेगा :

परन्तु, यदि मजिस्ट्रेट की यह राय है कि प्रत्यर्थी की कोई भेंट सन्तान के हितों के लिए हानिकारक हो सकती है तो मजिस्ट्रेट ऐसी भेंट करने को अनुज्ञात करने से इन्कार करेगा।

According to Section 21 –    “Custody orders ”

“Notwithstanding anything contained in any other law for the time being in force, the Magistrate may, at any stage of hearing of the application for protection order or for any other relief under this Act grant temporary custody of any child or children to the aggrieved person or the person making an application on her behalf and specify, if necessary, the arrangements for visit of such child or children by the respondent:

Provided that if the Magistrate is of the opinion that any visit of the respondent may be harmful to the interests of the child or children, the Magistrate shall refuse to allow such visit.

घरेलू हिंसा अधिनियम धारा 23 क्या है

मित्रों उपरोक्त वर्णन से आपको आज घरेलू हिंसा अधिनियम (Domestic Violence Act) की धारा 21 के बारे में जानकारी हो गई होगी | कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा ?  इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप  हमें  कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है | इसको अपने मित्रो के साथ शेयर जरूर करें |

घरेलू हिंसा अधिनियम धारा 25 क्या है

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