घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 34 क्या है
आज हम आपके लिए इस पेज पर घरेलू हिंसा अधिनियम (Domestic Violence Act) की धारा 34 की जानकारी लेकर आये है | यहाँ हम आपको बताएँगे कि घरेलू हिंसा अधिनियम (Domestic Violence Act) की धारा 34 किस प्रकार से परिभाषित की गई है और इसका क्या अर्थ है ? घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 34 क्या है, इसके बारे में आप यहाँ जानेंगे |
संरक्षण अधिकारी द्वारा किए अपराध का संज्ञान
इस पोर्टल के माध्यम से यहाँ धारा 34 क्या बताती है ? इसके बारे में पूर्ण रूप से बात होगी | साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर अन्य घरेलू हिंसा अधिनियम (Domestic Violence Act) की महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |
[Domestic violence act Sec. 34 in Hindi]
घरेलू हिंसा अधिनियम धारा 30 क्या है
Domestic Violence (घरेलू हिंसा अधिनियम) की धारा 34 के अनुसार :-
संरक्षण अधिकारी द्वारा किए अपराध का संज्ञान
संरक्षण अधिकारी के विरुद्ध कोई अभियोजन या अन्य विधिक कार्यवाही तक तक नहीं होगी जब तक राज्य सरकार या इस निमित्त उसके द्वारा प्राधिकृत किसी अधिकारी की पूर्व मंजूरी से कोई परिवाद फाइल नहीं किया जाता है।
According to Section 34- “Cognizance of offence committed by Protection Officer ”–
“No prosecution or other legal proceeding shall lie against the Protection Officer unless a complaint is filed with the previous sanction of the State Government or an officer authorised by it in this behalf.”
घरेलू हिंसा अधिनियम धारा 31 क्या है
मित्रों उपरोक्त वर्णन से आपको आज घरेलू हिंसा अधिनियम (Domestic Violence Act) की धारा 34 के बारे में जानकारी हो गई होगी | कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा ? इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है | इसको अपने मित्रो के साथ शेयर जरूर करें |
घरेलू हिंसा अधिनियम धारा 33 क्या है
आईपीसी 498a 406 323 ऑब्लिक 34