साक्ष्य अधिनियम की धारा 47 A क्या है
आज हम आपके लिए इस पेज पर साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की धारा 47 A की जानकारी लेकर आये है | यहाँ हम आपको बताएँगे कि साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की धारा 47 A किस प्रकार से परिभाषित की गई है और इसका क्या अर्थ है ? साक्ष्य अधिनियम की धारा 47 A क्या है, इसके बारे में आप यहाँ जानेंगे |
इलैक्ट्रानिक चिह्नक के बारे में राय कब सुसंगत है
इस पोर्टल के माध्यम से यहाँ साक्ष्य अधिनियम की धारा 47 A क्या बताती है ? इसके बारे में पूर्ण रूप से बात होगी | साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर अन्य साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |
[Indian Evidence Act Sec. 47 A in Hindi]
साक्ष्य अधिनियम धारा 31 क्या है
Indian Evidence Act (साक्ष्य अधिनियम) की धारा 47 A के अनुसार :-
इलैक्ट्रानिक चिह्नक के बारे में राय कब सुसंगत है
जब कि न्यायालय को किसी व्यक्ति के इलैक्ट्रानिक चिह्नक] के बारे में राय बनानी हो तब उस प्रमाणकर्ता प्राधिकारी की राय, जिसने [इलैक्ट्रानिक चिह्नक प्रमाणपत्र जारी किया है, सुसंगत तथ्य है ।
According to Indian Evidence Act Section 47 A – “Opinion as to digital signature, when relevant”–
When the Court has to form an opinion as to the 2[electronic signature] of any person, the opinion of the Certifying Authority which has issued the 3[electronic Signature Certificate] is a relevant fact.
मित्रों उपरोक्त वर्णन से आपको आज साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की धारा 47 A के बारे में जानकारी हो गई होगी | कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा ? इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है | इसको अपने मित्रो के साथ शेयर जरूर करें |