आईपीसी धारा 100 क्या है
यहाँ इस पेज पर भारतीय दंड संहिता में ” गम्भीर शरीर की प्राइवेट प्रतिरक्षा के अधिकार का विस्तार मृत्यु कारित करने पर कब होता है” इसको भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 100 में परिभाषित (डिफाइन) किया गया है | यहाँ हम आपको बताने जा रहे हैं कि भारतीय दंड सहिता (IPC) की धारा 100 किस तरह अप्लाई होगी | भारतीय दंड संहिता यानि कि IPC की धारा 100 क्या है, इसके बारे में भी आप यहाँ जानेंगे | इसके सभी पहलुओं के बारे में विस्तार से यहाँ समझने का प्रयास करेंगे |
इस पोर्टल के माध्यम से यहाँ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 100 के बारे में क्या बताया गया है ? धारा 100 के बारे सभी बातों को आज हम विस्तृत रूप से यहाँ जानेंगे, साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर अन्य महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |
IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा ) की धारा 100 के अनुसार :-
शरीर की प्राइवेट प्रतिरक्षा के अधिकार का विस्तार मृत्यु कारित करने पर कब होता है-
“शरीर की प्राइवेट प्रतिरक्षा के अधिकार का विस्तार पूर्ववर्ती अंतिम धारा में वर्णित निर्बन्धनों के अधीन रहते हुए, हमलावर की स्वेच्छया मृत्यु कारित करने या कोई अन्य अपहानि कारित करने तक है, यदि वह अपराध, जिसके कारण उस अधिकार के प्रयोग का अवसर आता है, एतस्मिनपश्चात् प्रगणित भांतियों में से किसी भी भांति का है, अर्थात् :–
पहला- ऐसा हमला जिससे युक्तियुक्त रूप से यह आशंका कारित हो कि अन्यथा ऐसे हमले का परिणाम मृत्यु होगा |
दूसरा- ऐसा हमला जिससे युक्तियुक्त रूप से आशंका कारित हो कि अन्यथा ऐसे हमले का परिणाम घोर उपहति होगा;
तीसरा- बलात्संग करने के आशय से किया गया हमला ;
चौथा– प्रकृति-विरुद्ध काम-तृष्णा की तृप्ति के आशय से किया गया हमला ;
पांचवां- व्यपहरण या अपहरण करने के आशय से किया गया हमला ;
छठा– इस आशय से किया गया हमला कि किसी व्यक्ति का ऐसी परिस्थितियों में सदोष परिरोध किया जाए, जिनसे उसे युक्तियुक्त रूप से यह आशंका कारित हो कि वह अपने को छुड़वाने के लिए लोक प्राधिकारियों की सहायता प्राप्त नहीं कर सकेगा” ।
सातवां –तेजाब फेकने का कार्य या प्रयास करना जिससे यथोचित रूप से आशंका कारित हो कि अन्यथा ऐसे कृत्य का परिणाम घोर क्षति होगा। (आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2013)।
S. 100 – “ When the right of private defence of the body extends to causing death ”–
“The right of private defence of the body extends, under the restrictions mentioned in the last preceding section, to the voluntary causing of death or of any other harm to the assailant, if the offence which occasions the exercise of the right be of any of the descriptions hereinafter enumerated, namely:—
(First) — Such an assault as may reasonably cause the apprehension that death will otherwise be the consequence of such assault;
(Secondly) — Such an assault as may reasonably cause the apprehension that grievous hurt will otherwise be the consequence of such assault;
(Thirdly) — An assault with the intention of committing rape;
(Fourthly) — An assault with the intention of gratifying unnatural lust;
(Fifthly) — An assault with the intention of kidnapping or abducting;
(Sixthly) — An assault with the intention of wrongfully confining a person, under circumstances which may reasonably cause him to apprehend that he will be unable to have recourse to the public authorities for his release.
(Seventh) — An act of throwing or administering acid or an attempt to throw or administer acid which may reasonably cause the apprehension that grievous hurt will otherwise be the consequence of such act. {Criminal Law (Amendment) Act, 2013 }
मित्रों उपरोक्त वर्णन से आपको आज भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 100 के बारे में जानकारी हो गई होगी | इसमें शरीर की प्राइवेट प्रतिरक्षा के अधिकार के विस्तार के अंतर्गत कब किसी की मृत्यु कारित की जा सकती है, कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा | इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है |
Jb koi rape krne ki koshish kre to ye acr us tym Shi h…?
bachav ke liye iske taht laagu hoga
Self defense ke liye agar aap rapist ko Marte ho to is act ke anusar Yeh sahi he
दूर व्यवहार से बचने के लिए और अपने बचाव के लिए लड़की जान ले सकती है
yes….but aise situation create ho gai thi isko prove krna hoga
Kisi ldki ke mrne ke baad .. Cendel jlane se acha .
Phle uhni logo ko jlado..
Right
ye sirf ladki pe lagu hota he ya mard pe bhi?
Agar kisi ladki ka koi rape kar raha hai to kya woh apni aatmraksha k liye jo uska rape kar raha hai usko jaan se mar Sakti hai ya nahi…I am asking this question because I have 1 daughter…..
yes….but aise situation create ho gai thi isko prove krna hoga…
Want to know in detail ipc 107
check here in details ipc 107 https://nocriminals.org/ipc-107-in-hindi/
माननीय सर क्या आपका संपर्क सूत्र मिल सकता है
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SIR JI MURDERY LOGO PAR DO BAR MURDER KI FIR DARJ HO CHUKI HAIN FIR NO 229 SINCE 2004 INDER PURI POLICE STATION 2 FIR NO. 34/19 SAME POLICE STATION DATE 13/02/2019 IPC 302 . 307 147.148.149.354.452.506.25/27 174A 83/83 PO LEKIN PHIR BHI SABHI LOGO KI JAMNTE HO CHUKI HAIN ABHI CASE CHARGE PAR HAIN MURDER LOGO PER 20SE 25 CASE LAGE HAVE HAIN SAME POLICE SATION INDER PURI NEW DELHI 110012 VAH PASSCO BHI LAGI HAIN MURDER LOGO KE MURDER KI NEWS ALL TV CHANNEL PAR AAJ BHI MAJHUT HAIN OR B C BHI HAIN BHUMI MAPHIYA BHI HAIN