आईपीसी धारा 501 क्या है
आज हम आपके लिए इस पेज पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 501 की जानकारी लेकर आये है | यहाँ हम आपको बताएँगे कि भारतीय दंड सहिता (IPC) की धारा 501 किस प्रकार से परिभाषित की गई है और इसका क्या अर्थ है ? भारतीय दंड संहिता यानि कि आईपीसी (IPC) की धारा 501 क्या है, इसके बारे में आप यहाँ जानेंगे |
मानहानिकारक जानी हुई बात को मुद्रित या उत्कीर्ण करना
इस पोर्टल के माध्यम से यहाँ धारा 501 क्या बताती है ? इसके बारे में पूर्ण रूप से बात होगी | साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर अन्य भारतीय दंड संहिता (IPC) की महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |
IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा) की धारा 501 के अनुसार :-
मानहानिकारक जानी हुई बात को मुद्रित या उत्कीर्ण करना
जो कोई किसी बात को यह जानते हुए या विश्वास करने का अच्छा कारण रखते हुए कि ऐसी बात किसी व्यक्ति के लिए मानहानिकारक है, मुद्रित करेगा, या उत्कीर्ण करेगा, वह सादा कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।
IPC Section 501 – “ Printing or engraving matter known to be defamatory ”–
“Whoever prints or engraves any matter, knowing or having good reason to believe that such matter is defamatory of any person, shall be punished with simple imprisonment for a term which may extend to two years, or with fine, or with both.”
लागू अपराध
1. मानहानिकारक विषय मुद्रित या उत्कीर्ण करना, यह जानते हुए कि उसमें लोक अभियोजक द्वारा राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति या राज्य के राज्यपाल या संघ राज्य क्षेत्र के प्रशासक या मंत्री के खिलाफ उनके सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में उनके आचरण के संबंध में की गई शिकायत अनुसार स्थापित मानहानि है।
सजा – 2 वर्ष सादा कारावास या आर्थिक दण्ड या दोनों।
यह एक जमानती, गैर–संज्ञेय अपराध है और सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय है।
2. किसी अन्य मामले में मानहानिकारक विषय मुद्रित या उत्कीर्ण करना ।
सजा – 2 वर्ष सादा कारावास या आर्थिक दण्ड या दोनों।
यह एक जमानती, गैर–संज्ञेय अपराध है और प्रथम श्रेणी के न्यायधीश द्वारा विचारणीय है।
यदि मानहानि का अपराध निजी व्यक्ति के विरुद्ध है तो अपमानित व्यक्ति द्वारा समझौता करने योग्य है।
धारा 501 क्या हैं? | IPC 501 In Hindi
भारतीय दंड संहिता अधिनियम की धारा 501 एक ऐसी धारा हैं जिसमे अगर आप की वजह से किसी की मानहानि होती हैं तो ऐसे में आपको आर्थिक दंड या जेल या दोनों भुगतना पड़ता हैं।
सरल शब्दों में समझे तो अगर आप किसी का जानबूझ कर अपमान करते हैं ओर ऐसे में सामने वाले का मानसिक या शारिरिक अपमान होता हैं तो यह मानहानि कहलाती है। ऐसी स्तिथि में पीड़ित आपके खिलाफ IPC की धारा 501 के तहत आपके कोर्ट में केस कर सकता है ओर फलतः आपको आर्थिक और मानसिक नुकसान हो सकता हैं।
आईपीसी की धारा 501 में सजा (Punishment) क्या होगी
यहाँ भारतीय दंड संहिता में धारा 501 किये गए अपराध के लिए सजा को निर्धारित किया गया हैं | जो इस प्रकार है – मानहानिकारक जानी हुई बात को मुद्रित या उत्कीर्ण करना उसको सजा – 2 वर्ष सादा कारावास या आर्थिक दण्ड या दोनों दण्ड से दण्डित किया जा सकता है |
आईपीसी (IPC) की धारा 501 में जमानत (BAIL) का प्रावधान
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 501 में जिस अपराध की सजा के बारे में बताया गया है उस अपराध को एक जमानती और गैर -संज्ञेय अपराध बताया गया है | यहाँ आपको मालूम होना चाहिए कि जमानतीय अपराध होने पर इसमें जमानत मिल जाती है क्योंकी CrPC में यह जमानतीय अपराध बताया गया है ।
मित्रों उपरोक्त वर्णन से आपको आज भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 501 के बारे में जानकारी हो गई होगी | कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा ? इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है | इसको अपने मित्रो के साथ शेयर जरूर करें |
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
मुद्रण या उत्कीर्णन मामले को जानने के लिए राष्ट्रपति या उप राष्ट्रपति या किसी राज्य के राज्यपाल या किसी केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासक या किसी मंत्री के खिलाफ उनके सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में उनके आचरण के संबंध में मानहानिकारक है, जब किसी पर स्थापित किया जाता है | 2 साल या जुर्माना या दोनों के लिए सरल कारावास | गैर -संज्ञेय | जमानतीय | प्रथम श्रेणी के न्यायधीश द्वारा विचारणीय (ट्रायल किया जा सकता) |
किसी अन्य मामले में मानहानिकारक विषय मुद्रित या उत्कीर्ण करना | 2 साल या जुर्माना या दोनों के लिए सरल कारावास | गैर -संज्ञेय | जमानतीय | सेशन न्ययालय द्वारा विचारणीय (ट्रायल किया जा सकता) |