आईपीसी धारा 309 क्या है
भारतीय दंड सहिता (IPC) में आत्महत्या करने का प्रयत्न धारा 309 में परिभाषित किया गया है | आज आपको हम यहाँ इस आर्टिकल में यही बताएंगे कि इस अपराध को कारित करने पर भारतीय दंड सहिता (IPC) की धारा 309 किस तरह अप्लाई होगी | यहाँ हम आपको भारतीय दंड संहिता यानि कि IPC की धारा 309 क्या है ? इसके सभी पहलुओं के बारे में विस्तार से यहाँ समझने का प्रयास करेंगे |
इस पोर्टल के माध्यम से यहाँ धारा 309 में सजा के बारे में क्या प्रावधान बताये गए हैं, और इसमें कितनी सजा देने की बात कही गई है इनके बारे में पूर्ण रूप से बात होगी | साथ ही भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 309 में जमानत के बारे में क्या बताया गया है ? सभी बातों को आज हम विस्तृत रूप से यहाँ जानेंगे, साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर अन्य महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |
आत्महत्या करने का प्रयत्न
IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा ) की धारा 309 के अनुसार :-
आत्महत्या करने का प्रयत्न
“जो कोई आत्महत्या करने का प्रयत्न करेगा, और उस अपराध के करने के लिए कोई कार्य करेगा, वह सादा कारावास से, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी, ‘[या जुर्माने से, या दोनों से.] दण्डित किया जाएगा।“
According to Section. 309 – “ Attempt to commit suicide”–
Whoever attempts to commit suicide and does any act towards the commission of such offence, shall he punished with simple imprisonment for a term which may extend to one year 1[or with fine, or with both].
लागू अपराध और जमानत
आत्महत्या करने का प्रयत्न।
सजा – 1 वर्ष का सादा कारावास या आर्थिक दण्ड या दोनों।
यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।
आईपीसी की धारा 309 में सजा (Punishment) क्या होगी
यहाँ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 309 में किये गए अपराध के लिए सजा को निर्धारित किया गया हैं | जो इस प्रकार है – “आत्महत्या करने का प्रयत्न”, यह अपराध माना जाता है | इसके लिए उस व्यक्ति को जिसके द्वारा ऐसा किया गया है उसको 1 वर्ष का सादा कारावास या आर्थिक दण्ड या दोनों। यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।
आईपीसी की धारा 309 में जमानत
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 148 में जिस अपराध की सजा के बारे में बताया गया है उस अपराध को एक जमानती और संज्ञेय अपराध बताया गया है | यहाँ आपको मालूम होना चाहिए कि संज्ञेय अपराध और जमानतीय होने पर यह अगर किसी व्यक्ति द्वारा यह अपराध कारित किया जाता है, तो उसके द्वारा न्यायालय में जमानत याचिका दायर करने पर न्यायालय द्वारा उसकी याचिका पर जमानत दी जानी चाहिए। क्योंकी यह जमानतीय और संज्ञेय अपराध है ।
मित्रों उपरोक्त वर्णन से आपको आज भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 309 के बारे में इस आर्टिक्ल के माध्यम से पूरी जानकारी हो गई होगी , कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा | इस अपराध को कारित करने पर क्या सजा होगी ? इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, साथ ही इसमें जमानत के क्या प्रावधान होंगे ? इसकी जानकारी भी दी है | यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
आत्महत्या का प्रयास | 1 वर्ष का सादा कारावास या आर्थिक दण्ड या दोनों | संज्ञेय | जमानतीय | प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय (ट्रायल किया जा सकता) |