आईपीसी धारा 329 क्या है
आज हम आपके लिए इस पेज पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 329 की जानकारी लेकर आये है | यहाँ हम आपको बताएँगे कि भारतीय दंड सहिता (IPC) की धारा 329 किस प्रकार से परिभाषित की गई है और इसका क्या अर्थ है ? भारतीय दंड संहिता यानि कि आईपीसी (IPC) की धारा 329 क्या है, इसके बारे में आप यहाँ जानेंगे |
सम्पत्ति उदापित करने के लिए या अवैध कार्य कराने को मजबूर करने के लिए स्वेच्छया घोर उपहति कारित करना
इस पोर्टल के माध्यम से यहाँ धारा 329 क्या बताती है ? इसके बारे में पूर्ण रूप से बात होगी | साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर अन्य भारतीय दंड संहिता (IPC) की महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |
IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा) की धारा 329 के अनुसार :-
सम्पत्ति उदापित करने के लिए या अवैध कार्य कराने को मजबूर करने के लिए स्वेच्छया घोर उपहति कारित करना
“जो कोई इस प्रयोजन से स्वेच्छया घोर उपहति कारित करेगा कि उपहत व्यक्ति से या उससे हितबद्ध किसी व्यक्ति से कोई सम्पत्ति या मूल्यवान प्रतिभूति उदापित की जाए या उपडत व्यक्ति को या उससे डितबद्ध किसी व्यक्ति को कोई ऐसी बात, जो अवैध हो या जिससे किसी अपराध का किया जाना सुकर होता हो, करने के लिए मजबूर किया जाए. वह आजीवन कारावास] से. या दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।“
Section 329 – “ Voluntarily causing grievous hurt to extort property, or to constrain to an illegal act ”–
“Whoever voluntarily causes grievous hurt for the purpose of extorting from the sufferer or from any person interested in the sufferer any property or valuable security, or of constraining the sufferer or any person interested in such sufferer to do anything that is illegal or which may facilitate the commission of an offence, shall be punished with 1[imprisonment for life], or imprisonment of either description for a term which may extend to ten years, and shall also be liable to fine.”
लागू अपराध
सम्पत्ति उदापित करने के लिए या अवैध कार्य कराने को मजबूर करने के लिए स्वेच्छया घोर उपहति कारित करना
सजा – आजीवन कारावास या 10 साल कारावास + आर्थिक दण्ड |
यह एक ग़ैर- जमानती, संज्ञेय अपराध है और सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय है।
आईपीसी की धारा 329 में सजा (Punishment) क्या होगी
यहाँ भारतीय दंड संहिता में धारा 329 किये गए अपराध के लिए सजा को निर्धारित किया गया हैं | जो इस प्रकार है – सम्पत्ति उदापित करने के लिए या अवैध कार्य कराने को मजबूर करने के लिए स्वेच्छया घोर उपहति कारित करना, उसको आजीवन कारावास या 10 साल कारावास + आर्थिक दण्ड से दण्डित |
आईपीसी (IPC) की धारा 329 में जमानत (BAIL) का प्रावधान
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 329 में जिस अपराध की सजा के बारे में बताया गया है उस अपराध को एक ग़ैर- जमानती अपराध बताया गया है | यहाँ आपको मालूम होना चाहिए कि ग़ैर- जमानतीय अपराध होने पर इसमें जमानत मिलने में मुश्किल होती है, क्योंकी CrPC में यह ग़ैर- जमानतीय अपराध बताया गया है ।
मित्रों उपरोक्त वर्णन से आपको आज भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 329 के बारे में जानकारी हो गई होगी | कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा ? इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है | इसको अपने मित्रो के साथ शेयर जरूर करें |
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
सम्पत्ति उदापित करने के लिए या अवैध कार्य कराने को मजबूर करने के लिए स्वेच्छया घोर उपहति कारित करना | आजीवन कारावास या 10 साल कारावास + आर्थिक दण्ड | संज्ञेय | ग़ैर- जमानतीय | सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय (ट्रायल किया जा सकता) |
क्या शराब पीने के लिए रुपए500 मांगना और ना देने पर मारपीट कर चोटिल करना धारा 329 में परिभाषित अपराध है