आईपीसी धारा 326 क्या है
भारतीय दंड संहिता में “खतरनाक आयुधों या साधनों द्वारा स्वेच्छया घोर उपहति कारित करना ” एक अपराध माना गया है और इसके लिए दण्ड का प्रावधान (IPC) की धारा 326 में किया गया है | यहाँ हम आपको ये बताने का प्रयास करेंगे कि भारतीय दंड सहिता (IPC) की धारा 326 किस तरह अप्लाई होगी | भारतीय दंड संहिता यानि कि IPC की धारा 326 क्या है ? इसके सभी पहलुओं के बारे में विस्तार से यहाँ समझने का प्रयास करेंगे | आशा है हमारी टीम द्वारा किया गया प्रयास आपको पसंद आ रहा होगा |

(IPC Section 326) खतरनाक आयुधों या साधनों द्वारा स्वेच्छया घोर उपहति कारित करना–
इस पेज पर भारतीय दंड सहिता की धारा 326 में “खतरनाक आयुधों या साधनों द्वारा स्वेच्छया घोर उपहति कारित करने के लिए दण्ड” के बारे में क्या प्रावधान बताये गए हैं, और इसमें कितनी सजा देने की बात कही गई है? इनके बारे में पूर्ण रूप से इस धारा में चर्चा की गई है | साथ ही भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 326 में जमानत के बारे में क्या बताया गया है ? इसको भी यहाँ जानेंगे, साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर अन्य महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी ले सकते हैं |
IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा ) की धारा 326 के अनुसार :-
खतरनाक आयुधों या साधनों द्वारा स्वेच्छया घोर उपहति कारित करना–
“उस दशा के सिवाय, जिसके लिए धारा 335 में उपबंध है, जो कोई असन, वेधन या काटने के किसी उपकरण द्वारा या किसी ऐसे उपकरण द्वारा, जो यदि आक्रामक आयुध के तौर पर उपयोग में लाया जाए. तो उससे मृत्यु कारित होना सम्भाव्य है, या अग्नि या किसी तप्त पदार्थ द्वारा, या किसी विष या संक्षारक पदार्थ द्वारा, या किसी विस्फोटक पदार्थ द्वारा, या किसी ऐसे पदार्थ द्वारा, जिसका श्वास में जाना या निगलना या रक्त में पहुंचना मानव शरीर के लिए हानिकारक है, या किसी जीवजन्तु द्वारा स्वेच्छया घोर उपहति कारित करेगा, वह [आजीवन कारावास] से, या दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा “।
Section. 326 – “Voluntarily causing grievous hurt by dangerous weapons or means ”–
“Whoever, except in the case provided for by section 335, voluntarily causes grievous hurt by means of any instrument for shooting, stabbing or cutting, or any instrument which, used as a weapon of offence, is likely to cause death, or by means of fire or any heated substance, or by means of any poison or any corrosive substance, or by means of any explosive substance, or by means of any substance which it is deleterious to the human body to inhale, to swallow, or to receive into the blood, or by means of any animal, shall be punished with 1[imprisonment for life], or with imprisonment of either description for a term which may extend to ten years, and shall also be liable to fine”.
लागू अपराध (IPC Section 326)
खतरनाक आयुधों या साधनों द्वारा स्वेच्छा से गंभीर आघात पहुंचाना
सजा – आजीवन कारावास या 10 साल का कारावास और आर्थिक दंड दिया जायेगा
यह एक गैर–जमानती, संज्ञेय अपराध है और प्रथम श्रेणी के मेजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
मध्य प्रदेश में सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय है |
यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।
आईपीसी की धारा 326 में सजा (Punishment) क्या होगी
खतरनाक आयुधों या साधनों द्वारा स्वेच्छा से गंभीर आघात पहुंचाना अपराध माना गया है , इसके लिए दंड का निर्धारण भारतीय दंड संहिता में धारा 326 के तहत किया गया है | यहाँ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 326 में ऐसा अपराध करने पर – आजीवन कारावास या 10 साल का कारावास और आर्थिक दंड दिया जायेगा |
आईपीसी (IPC) की धारा 326 में जमानत (BAIL) का प्रावधान
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 326 में जिस अपराध की सजा के बारे में बताया गया है उस अपराध को एक गैर-जमानती और संज्ञेय अपराध बताया गया है | यहाँ आपको मालूम होना चाहिए कि गैर – जमानतीय अपराध होने पर इसमें जमानत मिलने में मुश्किल आती है क्योकि इसको CrPC में संज्ञेय श्रेणी का गैर- जमानतीय अपराध में बताया गया है |
आपको आज भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 326 के बारे में जानकारी हो गई होगी | इसमें क्या अपराध बनता है, कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा | इस अपराध को कारित करने पर क्या सजा होगी ? इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, साथ ही इसमें जमानत के क्या प्रावधान होंगे ? यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है |
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
स्वेच्छा से खतरनाक हथियारों या साधनों से गंभीर चोट के कारण | आजीवन कारावास या 10 वर्ष कारावास + जुर्माना | संज्ञेय | गैर – जमानतीय | प्रथम श्रेणी के मेजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय (ट्रायल किया जा सकता) |
IPC 325,326 full details
https://nocriminals.org/ipc-section-325-in-hindi/
check it
क्या किसी को लकड़ी के डंडे से मारने पर यदि हाथ की हड्डी टूट जाती है तो क्या धारा ३२६ लगती है। यदि आदमी ४दिन में इलाज कराकर घर वापस आ जाता है कृपया बताए।
NO..BUT YE PROVE KRNA HOGA KI CHOT JYADA NHI THI..
Sir police 326 badlke 324 kalam kar sakti hai kay
Investigation me agar lagta hai….kewal tabhi…otherwise nahi..