आईपीसी धारा 171E क्या है | IPC Section 171E in Hindi – सजा का प्रावधान


आईपीसी धारा 171E क्या है

आज हम आपके लिए इस पेज पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 171E की जानकारी लेकर आये है | यहाँ हम आपको बताएँगे  कि भारतीय दंड सहिता (IPC) की धारा 171E किस प्रकार से परिभाषित की गई है और इसका क्या अर्थ है ? भारतीय दंड संहिता यानि कि आईपीसी (IPC)  की धारा 171E क्या है,  इसके बारे में आप यहाँ जानेंगे |

रिश्वत के लिए दण्ड

इस पोर्टल के माध्यम से यहाँ धारा 171E क्या बताती है ? इसके बारे में पूर्ण रूप से बात होगी | साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर अन्य भारतीय दंड संहिता (IPC) की महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |

आईपीसी धारा 170 क्या है



IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा) की धारा 171E के अनुसार :-

रिश्वत के लिए दण्ड

जो कोई रिश्वत का अपराध करेगा, वह दोनों में से किसी भांत के कारावास से, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा :

परंतु सत्कार के रूप में रिश्वत केवल जुर्माने से ही दण्डित की जाएगी ।

स्पष्टीकरण

“सत्कार” से रिश्वत का वह रूप अभिप्रेत है जो परितोषण, खाद्य, पेय, मनोरंजन या रसद के रूप में है।

Section 171E –    “Punishment for bribery ”–

Whoever commits the offence of bribery shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to one year, or with fine, or with both:

Provided that bribery by treating shall be punished with fine only.

Explanation.

“Treating” means that form of bribery where the gratification consists in food, drink, entertainment, or provi­sion.]

आईपीसी धारा 174 क्या है

 लागू अपराध

रिश्वत के लिए दण्ड

सजा 1 साल के लिए साधारण कारावास या जुर्माना या दोनों

यह एक जमानती, असंज्ञेय अपराध है और प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

आईपीसी धारा 177 क्या है

आईपीसी की धारा 171E में सजा (Punishment) क्या होगी

यहाँ भारतीय दंड संहिता में धारा 171E में किये गए अपराध के लिए सजा को निर्धारित किया गया हैं | जो इस प्रकार है – रिश्वत के लिए दण्ड, उसको, 1 साल के लिए साधारण कारावास या जुर्माना या दोनों दण्ड  से दण्डित किया जा सकता है |

आईपीसी धारा 182 क्या है

आईपीसी (IPC) की धारा 171E में  जमानत  (BAIL) का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 171E में जिस अपराध की सजा के बारे में बताया गया है उस अपराध को एक असंज्ञेय जमानतीय अपराध बताया गया है | यहाँ आपको मालूम होना चाहिए कि जमानतीय अपराध होने पर इसमें जमानत मिल जाती है क्योंकी CrPC में यह जमानतीय अपराध बताया गया है ।

मित्रों उपरोक्त वर्णन से आपको आज भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 171E के बारे में जानकारी हो गई होगी | कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा ?  इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप  हमें  कमेंट  बॉक्स  के  माध्यम  से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है | इसको अपने मित्रो के साथ शेयर जरूर करें |

आईपीसी धारा 185 क्या है 

अपराधसजासंज्ञेयजमानतविचारणीय
रिश्वत के लिए दण्ड1 साल के लिए साधारण कारावास या जुर्माना या दोनोंअसंज्ञेयजमानतीयप्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय

आईपीसी धारा 186 क्या है


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