आईपीसी धारा 396 क्या है
आज हम आपके लिए इस पेज पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 396 की जानकारी लेकर आये है | यहाँ हम आपको बताएँगे कि भारतीय दंड सहिता (IPC) की धारा 396 किस प्रकार से परिभाषित की गई है और इसका क्या अर्थ है ? भारतीय दंड संहिता यानि कि आईपीसी (IPC) की धारा 396 क्या है, इसके बारे में आप यहाँ जानेंगे |
हत्यासहितडकैती
इस पोर्टल के माध्यम से यहाँ धारा 396 क्या बताती है ? इसके बारे में पूर्ण रूप से बात होगी | साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर अन्य भारतीय दंड संहिता (IPC) की महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |
IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा) की धारा 396 के अनुसार :-
हत्यासहितडकैती
यदि ऐसे पांच या अधिक व्यक्तियों में से जो संयुक्त होकर डकैती कर रहे हों, कोई एक व्यक्ति इस प्रकार डकैती करने में हत्या कर देगा, तो उन व्यक्तियों में से हर व्यक्ति मृत्यु से, या ‘[आजीवन कारावास] से. या कठिन कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा |
Section 396 – “ Dacoity with murder ”–
If any one of five or more persons, who are conjointly committing dacoity, commits murder in so committing dacoity, every one of those persons shall be punished with death, or 1[imprisonment for life], or rigorous imprisonment for a term which may extend to ten years, and shall also be liable to fine.
लागूअपराध
हत्या सहित डकैती।
सजा – मॄत्युदण्ड, या आजीवन कारावास, या 10 वर्ष कठिन कारावास + आर्थिक दण्ड।
यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय है।
यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।
आईपीसी की धारा 396 में सजा (Punishment) क्या होगी
यहाँ भारतीय दंड संहिता में धारा 396 में किये गए अपराध के लिए सजा को निर्धारित किया गया हैं | जो इस प्रकार है – रिष्टि (शरारत) करना, उसको मॄत्युदण्ड, या आजीवन कारावास, या 10 वर्ष कठिन कारावास + आर्थिक दण्ड से दण्डित किया जा सकता है |
आईपीसी (IPC) की धारा 396 में जमानत (BAIL) का प्रावधान
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 396 में जिस अपराध की सजा के बारे में बताया गया है उस अपराध को एक संज्ञेय गैर- जमानतीय अपराध बताया गया है | यहाँ आपको मालूम होना चाहिए कि गैर-जमानतीय अपराध होने पर इसमें जमानत मुश्किल से मिलती है क्योंकी CrPC में यह गैर–जमानतीय अपराध बताया गया है ।
मित्रों उपरोक्त वर्णन से आपको आज भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 396 के बारे में जानकारी हो गई होगी | कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा ? इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है | इसको अपने मित्रो के साथ शेयर जरूर करें |
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
हत्या सहित डकैती | मॄत्युदण्ड, या आजीवन कारावास, या 10 वर्ष कठिन कारावास + आर्थिक दण्ड। | संज्ञेय | गैर-जमानतीय | सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय |