आईपीसी धारा 447 क्या है
भारतीय दंड संहिता में ” आपराधिक अतिचार के लिए दंड ” को (IPC) की धारा 447 में परिभाषित (डिफाइन) किया गया है | यहाँ हम आपको बताने जा रहे हैं कि भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 447 किस तरह अप्लाई होगी | भारतीय दंड संहिता यानि कि IPC की धारा 447 क्या है ? इसके सभी पहलुओं के बारे में विस्तार से यहाँ समझने का प्रयास करेंगे | आशा है हमारी टीम द्वारा किया गया प्रयास आपको पसंद आ रहा होगा
(IPC Section 447) – आपराधिक अतिचार के लिए दंड
इस पोर्टल के माध्यम से भारतीय दंड सहिता की धारा 447 में “आपराधिक अतिचार के लिए दंड ” के बारे में क्या प्रावधान बताये गए हैं, और इस दंड के अंतर्गत कितनी सजा देने की बात कही गई है? इस बारे में पूर्ण रूप से इसी धारा में चर्चा की गई है, साथ ही भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 447 में जमानत के बारे में क्या बताया गया है ? इसको भी यहाँ जानेंगे, साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर अन्य महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी ले सकते हैं |
IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा ) की धारा 447 के अनुसार :-
आपराधिक अतिचार के लिए दंड-
“जो कोई आपराधिक अतिचार करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो पांच सौ रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से, दंडित किया जाएगा “।
S. 447 – “Punishment for criminal trespass ”–
“Whoever commits criminal trespass shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to three months, with fine or which may extend to five hundred rupees, or with both”.
लागू अपराध (IPC Section 447)
आपराधिक अतिचार के लिए दंड–
सजा – 3 माह का कारावास या 500 रुपए तक का आर्थिक दण्ड, या दोनों दिए जा सकते हैं |
यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
यह अपराध पीड़ित पति और पत्नी द्वारा समझौता करने योग्य है।
Note: दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा अपने एक निर्णय में कहा गया है कि अगर शिकायतकर्ता का उस सम्पत्ति पर क़ब्ज़ा नहीं है तब इस दशा में IPC की धारा 447 के तहत उस पर कोई मुकदमा नहीं हो सकता |
आईपीसी की धारा 447 में सजा (Punishment) क्या होगी
आपराधिक अतिचार के लिए दंड का निर्धारण भारतीय दंड संहिता में धारा 447 के तहत किया गया है | यहाँ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 447 में आपराधिक अतिचार के लिए सजा को निर्धारित किया गया हैं | इसके लिए उस व्यक्ति को जिसके द्वारा ऐसा किया जाता है, उसको – 3 माह का कारावास या 500 रुपए तक का आर्थिक दण्ड, या फिर दोनों हो सकते हैं ।
आईपीसी (IPC) की धारा 447 में जमानत (BAIL) का प्रावधान
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 447 में जिस अपराध की सजा के बारे में बताया गया है उस अपराध को एक जमानती और संज्ञेय अपराध बताया गया है | यहाँ आपको मालूम होना चाहिए कि जमानतीय अपराध होने पर इसमें जमानत मिल जाती है , CrPC में यह जमानतीय अपराध बताया गया है ।
मित्रों उपरोक्त वर्णन से आपको आज भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 447 के बारे में जानकारी हो गई होगी | इसमें क्या अपराध बनता है कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा | इस अपराध को कारित करने पर क्या सजा होगी ? इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, साथ ही इसमें जमानत के क्या प्रावधान होंगे ? यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है |
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
आपराधिक अतिचार के लिए दंड | 2 माह के लिए कारावास या 500 रुपए तक जुर्माना या दोनों | संज्ञेय | जमानतीय | कोई भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय (ट्रायल किया जा सकता) |