आईपीसी धारा 510 क्या है
आज हम आपके लिए इस पेज पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 510 की जानकारी लेकर आये है | यहाँ हम आपको बताएँगे कि भारतीय दंड सहिता (IPC) की धारा 510 किस प्रकार से परिभाषित की गई है और इसका क्या अर्थ है ? भारतीय दंड संहिता यानि कि आईपीसी (IPC) की धारा 510 क्या है, इसके बारे में आप यहाँ जानेंगे |
इस पोर्टल के माध्यम से यहाँ धारा 510 क्या बताती है ? इसके बारे में पूर्ण रूप से बात होगी | साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर अन्य भारतीय दंड संहिता (IPC) की महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |
IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा) की धारा 510 के अनुसार :-
मत्त व्यक्ति द्वारा लोक स्थान में अवचार
जो कोई मत्तता की हालत में किसी लोक स्थान में, या किसी ऐसे स्थान में, जिसमें उसका प्रवेश करना अतिचार हो, आएगा और वहां इस प्रकार का आचरण करेगा जिससे किसी व्यक्ति को क्षोभ हो, वह सादा कारावास से, जिसकी अवधि चौबीस घंटे तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो दस रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से, दंडित किया जाएगा ।
According to Section 510 – “Misconduct in public by a drunken person ”–
“Whoever, in a state of intoxication, appears in any public place, or in any place which it is a trespass in him to enter, and there conducts himself in such a manner as to cause annoyance to any person, shall be punished with simple imprisonment for a term which may extend to twenty-four hours, or with fine which may extend to ten rupees, or with both.”
लागू अपराध
नशे की हालत में किसी व्यक्ति को क्षुब्ध करने के लिए लोक स्थान में प्रवेश करना।
सजा – 24 घंटे सादा कारावास या 10 रुपए आर्थिक दण्ड या दोनों।
यह एक जमानती, गैर-संज्ञेय अपराध है और कोई भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
आईपीसी की धारा 510 में सजा (Punishment) क्या होगी
यहाँ भारतीय दंड संहिता में धारा 510 किये गए अपराध के लिए सजा को निर्धारित किया गया हैं | जो इस प्रकार है – नशे की हालत में किसी व्यक्ति को क्षुब्ध करने के लिए लोक स्थान में प्रवेश करना। उसको सजा – 24 घंटे सादा कारावास या 10 रुपए आर्थिक दण्ड या दोनों दण्ड से दण्डित किया जा सकता है |
आईपीसी (IPC) की धारा 510 में जमानत (BAIL) का प्रावधान
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 510 में जिस अपराध की सजा के बारे में बताया गया है उस अपराध को एक जमानती और गैर -संज्ञेय अपराध बताया गया है | यहाँ आपको मालूम होना चाहिए कि जमानतीय अपराध होने पर इसमें जमानत मिल जाती है क्योंकी CrPC में यह जमानतीय अपराध बताया गया है ।
मित्रों उपरोक्त वर्णन से आपको आज भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 510 के बारे में जानकारी हो गई होगी | कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा ? इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है | इसको अपने मित्रो के साथ शेयर जरूर करें |
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
नशे की हालत में किसी व्यक्ति को क्षुब्ध करने के लिए लोक स्थान में प्रवेश करना। | 24 घंटे सादा कारावास या 10 रुपए आर्थिक दण्ड या दोनों। | गैर -संज्ञेय | जमानतीय | कोई भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय (ट्रायल किया जा सकता) |