आईपीसी धारा 511 क्या है
यहाँ इस पेज पर भारतीय दंड संहिता में “आजीवन कारावास या अन्य कारावास से दण्डनीय अपराधों को करने के प्रयत्न करने के लिए दण्ड-” इसको भारतीय दंड संहिता में IPC की धारा 511 में परिभाषित (डिफाइन) किया गया है | इस अपराध को कारित करने पर भारतीय दंड सहिता (IPC) की धारा 511 किस तरह अप्लाई होगी | यहाँ हम आपको भारतीय दंड संहिता यानि कि IPC की धारा 511 क्या है ? इसके सभी पहलुओं के बारे में विस्तार से यहाँ बताने का प्रयास करेंगे |
इस पोर्टल के माध्यम से यहाँ इस आर्टिकल में धारा 511 में दण्ड के बारे में क्या प्रावधान बताये गए हैं, और इसमें कितनी सजा देने की बात कही गई है? इनके बारे में पूर्ण रूप यहाँ जानकारी मिलेगी | साथ ही भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 511 में जमानत के बारे में क्या बताया गया है ? सभी बातों को आज हम विस्तृत रूप से यहाँ जानेंगे, साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर अन्य महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |
IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा ) की धारा 511 के अनुसार :-
आजीवन कारावास या अन्य कारावास से दण्डनीय अपराधों को करने के प्रयत्न करने के लिए दण्ड-
“जो कोई इस संडिता द्वारा ‘[आजीवन कारावास] से या कारावास से दण्डनीय अपराध करने का, या ऐसा अपराध कारित किए जाने का प्रयत्न करेगा, और ऐसे प्रयत्न में अपराध करने की दिशा में कोई कार्य करेगा, जहां कि ऐसे प्रयत्न के दण्ड के लिए कोई अभिव्यक्त उपबन्ध इस संहिता द्वारा नहीं किया गया है, वहां वह [उस अपराध के लिए उपबन्धित किसी भांति के कारावास से उस अवधि के लिए, जो, यथास्थिति, आजीवन कारावास से आधे तक की या उस अपराध के लिए उपबन्धित दीर्घतम अवधि के आधे तक की हो सकेगी] या ऐसे जुर्माने से, जो उस अपराध के लिए उपबन्धित है, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा” ।
दृष्टांत
(क) क, एक सन्दूक तोड़कर खोलता है और उसमें से कुछ आभूषण चुराने का प्रयत्न करता है । सन्दूक इस प्रकार खोलने के पश्चात् उसे ज्ञात होता है कि उसमें कोई आभूषण नहीं है | उसने चोरी करने की दिशा में कार्य किया है, और इसलिए. वह इस धारा के अधीन दोषी है |
(ख) क, य की जेब में हाथ डालकर य की जेब से चुराने का प्रयत्न करता है | य की जेब में कुछ न होने के परिणामस्वरूप क अपने प्रयत्न में असफल रहता है | क इस धारा के अधीन दोषी है |
S. 511 – “Punishment for attempting to commit offences punishable with imprisonment for life or other imprisonment”–
“Whoever attempts to commit an offence punishable by this Code with 1[imprisonment for life] or imprisonment, or to cause such an offence to be committed, and in such attempt does any act towards the commission of the offence, shall, where no express provision is made by this Code for the punishment of such attempt, be punished with 2[imprisonment of any description provided for the offence, for a term which may extend to one-half of the imprisonment for life or, as the case may be, one-half of the longest term of imprisonment provided for that offence], or with such fine as is provided for the offence, or with both”.
Illustrations:
(a) A makes an attempt to steal some jewels by breaking open a box, and finds after so opening the box, that there is no jewel in it. He has done an act towards the commission of theft, and therefore is guilty under this section.
(b) A makes an attempt to pick the pocket of Z by thrusting his hand into Z’s pocket. A fails in the attempt in consequence of Z’s having nothing in his pocket. A is guilty under this section.
लागू अपराध
आजीवन कारावास से या अन्य कारावास से दण्डनीय अपराध करने का, या ऐसा अपराध कारित किए जाने का प्रयत्न करना
सजा – आजीवन कारावास या दीर्घतम अवधि से आधी अवधि के लिए कारावास या आर्थिक दंड या दोनों दिए जा सकते हैं
यहाँ जमानत, संज्ञान और अदालती कार्रवाई, किए गये अपराध या अपराध कारित किए जाने के प्रयत्न के अनुसार होगी।
अपराध का नेचर: यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।
आईपीसी की धारा 511 में सजा (Punishment) क्या होगी
“आजीवन कारावास या अन्य कारावास से दण्डनीय अपराधों को करने के प्रयत्न करने के लिए दण्ड- का प्रावधान भारतीय दंड संहिता में धारा 511 के तहत निर्धारित किया गया है | यहाँ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 511 में किये गए अपराध के लिए जिस सजा को निर्धारित किया गया हैं | उसमे उस व्यक्ति को जिसके द्वारा ऐसा किया गया है उसको आजीवन कारावास या दीर्घतम अवधि से आधी अवधि के लिए कारावास या आर्थिक दंड या दोनों दिए जा सकते हैं | अपराध का नेचर: यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।
आईपीसी (IPC) की धारा 511 में जमानत (BAIL) का प्रावधान
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 511 में जिस अपराध की सजा के बारे में बताया गया है यहाँ जमानत, संज्ञान और अदालती कार्रवाई, किए गये अपराध या अपराध कारित किए जाने के प्रयत्न के अनुसार होगी। यहाँ आपको मालूम होना चाहिए कि जमानतीय अपराध और होने पर इसमें जमानत मिलने में मुश्किल नहीं आती है क्योंकी CrPC में यह जमानतीय अपराध बताया गया है ।
मित्रों उपरोक्त वर्णन से आपको आज भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 511 के बारे में जानकारी हो गई होगी | इसमें क्या अपराध बनता है कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा | इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, साथ ही इसमें जमानत के क्या प्रावधान होंगे ? यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है | यह जानकारी अगर पसंद आयी हो तो शेयर जरूर करें |
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
आजीवन कारावास या कारावास के साथ दंडनीय अपराधों को अंजाम देने का प्रयास करना और ऐसे प्रयास में अपराध आयोग की दिशा में कोई कृत्य करना | आजीवन या कारावास से अधिक नहीं, अपराध के लिए प्रदान की गई सबसे लंबी अवधि का आधा, या जुर्माना, या दोनों दिए जा सकते हैं | किये गए अपराध के समान | किये गए अपराध के समान | वह न्यायलय जिसके द्वारा कि प्रयतित अपराध विचारणीय है |
आईपीसी (IPC) का क्या मतलब होता है