एससी एसटी अधिनियम (एक्ट) की धारा 5 क्या है
आज हम आपके लिए इस पेज पर एससी एसटी एक्ट (SC ST Act) की धारा 5 की जानकारी लेकर आये है | यहाँ हम आपको बताएँगे कि एससी एसटी एक्ट (SC-ST Act) की धारा 5 किस प्रकार से परिभाषित की गई है और इसका क्या अर्थ है ? एससी एसटी एक्ट की धारा 5 क्या है, इसके बारे में आप यहाँ जानेंगे |
पश्चातवर्ती दोषसिद्धि के लिए वर्धित दंड
इस पोर्टल के माध्यम से यहाँ धारा 5 क्या बताती है ? इसके बारे में पूर्ण रूप से बात होगी | साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर अन्य एससी एसटी एक्ट (SC-ST Act) की महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |
[SC – ST Act Sec. 5 in Hindi]
एससी एसटी अधिनियम (एक्ट) धारा 2 क्या है
SC ST Act (एससी एसटी एक्ट) की धारा 5 के अनुसार :-
पश्चातवर्ती दोषसिद्धि के लिए वर्धित दंड
कोई व्यक्ति जो, इस अध्याय के अधीन किसी अपराध के लिए पहले ही दोषसिद्ध हो चुका है, दूसरे अपराध या उसके पश्चात्वर्ती किसी अपराध के लिए दोषसिद्ध किया जाता है, वह कारावास से जिसकी अवधि एक वर्ष से कम नहीं होगी किंतु जो उस अपराध के लिए उपबंधित दंड तक हो सकेगी, दंडनीय होगा।
According to SC-ST Act Section 5 – “Enhanced punishment subsequent conviction”–
“Whoever, having already been convicted of an offence under this Chapter is convicted for the second offence or any offence subsequent to the second offence, shall be punishable with imprisonment for a term which shall not be less than one year but which may extend to the punishment provided for that offence.”
एससी एसटी अधिनियम (एक्ट) धारा 4 क्या है
मित्रों उपरोक्त वर्णन से आपको आज एससी एसटी एक्ट (SC-ST Act) की धारा 5 के बारे में जानकारी हो गई होगी | कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा ? इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है | इसको अपने मित्रो के साथ शेयर जरूर करें |
एससी एसटी अधिनियम (एक्ट) धारा 6 क्या है