अक्सर आप कॉपी राइट और कॉपी राइट एक्ट के बारे में सुनते होंगे लेकिन मन में सोचते होंगे आखिर ये शब्द कॉपी राइट किस चीज़ से सम्बंधित है | साहित्य जगत हो या बॉलीवुड इसमें अक्सर कॉपी राइट के झगड़े आम हो चले हैं। तो दोस्तों आज इस आर्टिकल में हम आपके लिए यह ख़ास विषय लेकर आये हैं जिसमे हम जानेगे कि आखिर क्या है ये कॉपी राइट, इसके लिए कोई अधिनियम है अगर है तो इसे कब लागू किया, साथ ही कॉपी राइट और उसके महत्व के बारे में भी हम यहाँ चर्चा करेंगे |
आज के इस आर्टिकल में हम आपसे यही चर्चा करेंगे कि क्या है Copyright Act 1957 | प्रतिलिप्यधिकार अधिनियम क्या है ? Copyright Act 1957 | प्रतिलिप्यधिकार अधिनियम के (Rules) रूल्स क्या होंगे ? इन्ही सब बातो को आज हम देखेंगे |इस पोर्टल के माध्यम से यहाँ Copyright Act 1957 in Hindi | प्रतिलिप्यधिकार अधिनियम | PDF Download के बारे में पूर्ण रूप से बात होगी | साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर अन्य कानूनी प्रक्रिया की महत्वपूर्ण बातों के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से कानूनी प्रक्रिया के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |
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कॉपीराइट (Copyright) क्या होता है ?
जब भी बात कॉपी राइट की आती है तो हमारे जहन में साहित्य जगत और बॉलीवुड जैसे शब्द आते हैं क्योंकि यही हमने कॉपी राइट के मामले हमेशा से सुने हैं | लेकिन ये आखिर ये कॉपी राइट क्या होता है | आइये समझते हैं इसको कि आखिर ये कॉपी राइट क्या चीज़ है | कॉपीराइट या प्रतिलिप्यधिकार, बौद्धिक संपदा (Intellectual Property ) का एक रूप है।
किसी लेखक के द्वारा कोई लेख या प्रकाशन किया जाता है तब इसको एक निश्चित समय के लिए उस लेख या प्रकाशन पर विशेष अधिकार ही कॉपीराइट या प्रतिलिप्यधिकार अधिकार या बौद्धिक संपदा अधिकार होता है । सरल शब्दों में कहे तो प्रतिलिप्यधिकार या कॉपीराइट किसी भी चीज के वर्णन में हैं। यदि आप कोई अच्छी कहानी लिखें, या कोई गाने का संगीत बनाये, या फिर आपकी कोई अनोखी इन सबमे यह किसी चीज़ का वर्णन होगा। इन सब पर अधिकार है इसका अर्थ है आपका कॉपीराइट है । यदि कोई उसे प्रकाशित करना चाहे तो उसे आपकी अनुमति के बिना नहीं कर सकता है।
हम ये भी कह सकते हैं कि – कॉपीराइट स्वामित्व, स्वामी को कुछ अपवादों के साथ कार्य का उपयोग करने का अनन्य अधिकार देता है | जब किसी व्यक्ति द्वारा किसी काम को जैसे हमने ऊपर बताया गाना लिखना संगीत तैयार करना या कोई कहानी जोकि मूल रूप में हो, भौतिक माध्यम में संग्रहित हो, तो उस काम का कॉपीराइट अपने आप उसे मिल जाता है |
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कॉपीराइट (Copyright Act) प्रतिलिप्यधिकार अधिनियम 1957
“Copyright” कानून (Law) एक ऐसा अधिनियम है, जिसके द्वारा किसी व्यक्ति के ओरिजनल कार्यो को कानूनी रूप से प्रोटेक्शन मिलता है ताकि व्यक्ति के ओरिजनल कार्यो के अधिकारों की सुरक्षा की जा सके | भारतवर्ष में सन् 1957 में कॉपीराइट अधिनियम, 1957 (The Copyright Act, 1957) कानून बना | Copyright Act 1957 द्वारा ही भारत मे कॉपीराइट कानून के विषय को शासित किया जाता है | यह अधिनियम 1957 का संख्यांक 14 कहलाता है | इस अधिनियम के अंतर्गत किसी व्यक्ति को उसके ओरिजनल कार्य के लिए विशेष अधिकार दिए जाते है | कॉपीराइट (Copyright Act) प्रतिलिप्यधिकार अधिनियम 1957 में कई प्रकार के कार्यो को शामिल किया गया है जिन पर हम आगे चर्चा करेंगे | कॉपीराइट अधिनियम, 1957 (The Copyright Act, 1957) में 15 अध्याय और 79 धाराएं हैं |
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कौन कौन से कार्य कॉपीराइट के अंतर्गत आते हैं
इसके अंतर्गत विभन्न प्रकार के कार्यों को शामिल किया गया है जोकि इस प्रकार है –
- साहित्य कार्य (Literary works): सबसे पहले आता है साहित्यक कार्य जिसमे लिखने से सम्बंधित सभी कार्य समाहित है उदाहरण के लिए किताब लिखना, कहानी कविता लिखना, कोई लेख लिखना इसी के अंतर्गत आते है |
- संगीत सम्बंधी कार्य (Musical works): इसके अंतर्गत संगीतकार द्वारा बनाये गए संगीत रचना या गाने को शामिल किया गया है |
- नाटकीय कार्य (Dramatic works): इसके अंतर्गत प्ले, ड्रामा, कोई स्क्रिप्ट, स्क्रीनप्ले आदि इसमें शामिल होते है |
- कलात्मक कार्य (Artistic work): इसमें वे कार्य समाहित होते हैं जो किसी व्यक्ति की कलात्मक कौशल को प्रदर्शित करते हैं जैसे- पेंटिंग, ड्राइंग और स्कल्पचर इत्यादि |
- सिनेमैटोग्राफ फिल्म: इसके अंतर्गत विसुअल रिकॉर्डिंग अर्थात दृश्य रिकॉर्डिंग का कोई भी कार्य जैसे वीडियो फिल्म्स , मूवीज या कोई भी सिनेमेटोग्राफी से सम्बंधित कार्य शामिल है |
- आर्किटेक्चर ब्लूप्रिंट: एक भवन के डिज़ाइन का ब्लूप्रिंट तैयार करना आर्किटेक्चर के अंतगत आता है |
- साउंड रिकॉर्डिंग: कोई भी ध्वनि रिकॉर्डिंग जैसे म्यूजिक, पॉडकास्ट या अन्य साउंड्स इसके अंर्तगत आते है |
- कंप्यूटर प्रोग्राम या सॉफ्टवेयर: किसी व्यक्ति द्वारा या IT कंपनी द्वारा बनाये गए सॉफ्टवेयर या कंप्यूटर प्रोग्राम भी कॉपी राइट के अंतर्गत आते हैं |
क्या बिना कॉपीराइट कानून के उल्लंघन किए किसी कार्य का उपयोग करना संभव है?
इसका उत्तर है हां, लेकिन कुछ इसकेलिए कंडीशन निर्धारित की गई है | ये बात ध्यान देने योग्य है कि आपकी सामग्री को किसी कॉपीराइट उल्लंघन के दावे के जवाब में निकाला जा सकता है, भले ही आपने…
- कॉपीराइट स्वामी को श्रेय दिया हो |
- उल्लंघनकारी सामग्री से कमाई नहीं की है |
- विचाराधीन सामग्री की प्रतिलिपि के लिए शुल्क दिया हो |
- समान सामग्री को इंटरनेट पर कहीं और भी देखा है |
- सामग्री को हार्ड या डिजिटल कॉपी सहित खरीदा हो |
- सामग्री को स्वयं टीवी, मूवी थिएटर या रेडियो से रिकॉर्ड किया हो |
- सामग्री की स्वयं किसी पुस्तक, मूवी पोस्टर या फ़ोटोग्राफ़ से प्रतिलिपि बनाई है |
- यह उल्लिखित किया हो कि “किसी कॉपीराइट उल्लंघन के लिए अभिप्रेत नहीं है” |
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Copyright Infringement क्या होता है?
जब भी किसी व्यक्ति के द्वारा अगर कॉपीराइट सामग्री को बिना उसके ओरजिनल मालिक की आज्ञा लिए इस्तेमाल करना Copyright infringement कहलाता है | आपके बता दें कि कॉपीराइट अधिनियम, 1957 के अंतर्गत एक ओरजिनल मालिक को उसके कार्य के ऊपर एक्सक्लूसिव कानूनी अधिकार प्राप्त रहते है जो उसे विभिन्न प्रकार के लाभ प्रदान करते है | कॉपीराइट अधिनियम, 1957 के अनुसार कॉपीराइट स्वामी को प्राप्त अधिकारों का उल्लंघन करना अपराध है |
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कॉपीराइट रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया के बारे में
- इसके सबसे पहले ऑफिसियल वेबसाइट http://copyright.gov.in पर जाना होगा |
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- आवेदन को आनलाइन भरने के विकल्प मिलेगा |
- कॉपीराइट रजिस्ट्रेशन के लिए फार्म 904 भरा जायेगा |
- कॉपीराइट रजिस्ट्रेशन का फार्म भरने के लिए आपको अपने पर्सनल डिटेल जैसे- नाम, पता, राष्ट्रीयता के बारे में बताना होगा |
- जिस काम का कॉपीराइट कराना उसको बताना होगा |
- काम की प्रवृत्ति- इसमें आप अपने जिस काम पर कॉपीराइट कराना चाहते हैं, उसका संक्षिप्त विवरण भरना होगा |
- अगर किसी वेबसाइट का कॉपीराइट करना हो तो उसका यूआरएल देना होगा |
- प्रकाशन का विवरण- इसमें आपको काम के प्रकाशन, शुरू होने का दिन या फिर प्रकाशक या रिसर्च संबंधी काम देना होगा |
आवेदन के साथ निम्न प्रमाणपत्र संलग्न करना होगा
- अनापत्ति प्रमाण पत्र |
- काम की तीन प्रतियां |
- प्रकाशक से अनापत्ति प्रमाण पत्र |
- प्रकाशक का नाम, पता, नागरिकता |
कॉपीराइट और ट्रेडमार्क के बीच क्या अंतर है?
कॉपीराइट बस बौद्धिक संपदा का एक रूप है | यह ट्रेडमार्क जैसा नहीं होता है, जो अन्य लोगों द्वारा ब्रांड के नामों, मोटो, लोगो और अन्य स्रोज पहचानकर्ताओं की उद्देश्यों से उपयोग किए जाने से रक्षा करता है | कॉपीराइट कानून ट्रेडमार्क से बिलकुल अलग कानून है |
कॉपीराइट एक्ट में सजा क्या है?
कॉपीराइट एक्ट के उल्लंघन के लिए दोषी पाए जाने पर 1 साल तक की सजा के साथ आर्थिक जुर्माने का प्रावधान है | कॉपीराइट उल्लंघन पर डैमेज क्लेम भी किया जा सकता है |
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कॉपीराइट का अधिकार ऑरिजिनेटर का कब तक रहता है?
यहाँ गौर करने वाली बात है कि ऑरिजिनेटर यानी लेखक व मूल स्वामी का अधिकार उसके मृत्यु के 60 साल तक अपनी कार्य लेखन या जो भी है उस पर कॉपीराइट का लीगल अधिकार होता है। इसके बाद नहीं।
आज के इस आर्टिकल के द्वारा आपको Copyright Act 1957 in Hindi | प्रतिलिप्यधिकार अधिनियम | PDF Download इसके बारे में जानकारी हो गई होगी | Copyright Act 1957 in Hindi | प्रतिलिप्यधिकार अधिनियम इसके बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इससे सम्बन्धित या अन्य किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है | इसको अपने मित्रो के साथ शेयर जरूर करें |