संविधान से जुड़ी बेहद महत्वपूर्ण जानकारी
ये सभी जानते है कि भारत देश 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हुआ था | स्वतंत्रता के लगभग 28 माह बाद यानि की 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ और इसी के साथ भारत एक लोकतांत्रिक और गणतंत्र देश बन गया | यह संविधान भारतीयों द्वारा भारत की जनता के लिए बनाया गया था । हम देखते है कि भारत को अंग्रेजी शासन से स्वतंत्रता वर्ष 1947 में प्राप्त हो गई थी, परन्तु 26 जनवरी को ही संविधान क्यों लागू हुआ था ? आज इसी का उत्तर हम खोजने का प्रयास करेंगे इसके बारें में आपको इस पेज पर विस्तार से बताएंगे |
इस पोर्टल के माध्यम से यहाँ 26 जनवरी को ही क्यों लागू हुआ संविधान? इसके बारे में पूर्ण रूप से बात होगी | साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर अन्य संविधान की महत्वपूर्ण बातों और उसकी प्रमुख विशेषताओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से संविधान के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |
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26 जनवरी को संविधान लागू होनें का कारण
जब हम 26 जनवरी को ही संविधान लागू होनें का कारण के बारे में बात करते हैं या सोचते हैं तो हम पाते हैं कि इसमें नेहरु जी की अहम् भूमिका थी उनको 26 जनवरी की तारीख से बेहद लगाव था, उसका कारण ये था कि 26 जनवरी 1930 के दिन ही कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में रावी नदी के किनारे पूर्ण स्वाधीनता की मांग पहली बार की गई थी और साथ में तिरंगा भी फहराया गया था |
अगर बात किया जाये उस समय के कांग्रेस के प्रेसीडेंट की तो वो पंडित जवाहर लाल नेहरू ही थे, चूंकि स्वाधीनता तो 15 अगस्त, 1947 को प्राप्त हो चुकी थी, लेकिन नेहरू जी चाहते थे, कि पूर्ण स्वाधीनता की मांग वाली तारीख को इतिहास मे स्मरण करनें के लिए संविधान को 26 जनवरी को ही लागू किया जाए, इसीलिए 26 नवंबर 1949 को संविधान को स्वीकार करने के बावजूद संविधान के नागरिकता जैसे कुछ प्रावधानों को ही लागू किया गया और आधिकारिक रूप से 2 माह के बाद अगले वर्ष अर्थात 26 जनवरी 1950 में संविधान को पूर्ण रूप से लागू किया गया |
संविधान सभा का गठन भारत के स्वतंत्रता प्राप्त करने के पश्चात किया गया था। संविधान सभा ने अपना कार्य 9 दिसंबर 1946 से आरंभ किया । दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान 2 साल, 11 माह, 18 दिन में तैयार हुआ । संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को 26 नवंबर 1949 को भारत का संविधान सौंपा गया, इसलिए 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में प्रति वर्ष मनाया जाता है । संविधान सभा ने संविधान निर्माण के समय कुल 114 दिन बैठक की, इसकी बैठकों में प्रेस और जनता को भाग लेने की आजादी थी ।
अनेक सुधारों और संशोधनों के बाद सभा के 308 सदस्यों ने 24 जनवरी 1950 को संविधान की दो हस्तलिखित कॉपियों पर हस्ताक्षर किए । इसके दो दिन बाद संविधान 26 जनवरी को यह देश भर में लागू हो गया । 26 जनवरी का महत्व बनाए रखने के लिए इसी दिन संविधान निर्मात्री सभा (कांस्टीट्यूएंट असेंबली) द्वारा स्वीकृत संविधान में भारत के गणतंत्र स्वरूप को मान्यता प्रदान की गई ।
संविधान सभा की प्रारूप समिति के सदस्य (Member of Drafting Committee Constituent Assembly)
- डॉ. बी. आर. अम्बेडकर
- एन. गोपालास्वामी आयंगर
- अल्लादी कृष्णा स्वामी
- के. एम. मुन्शी
- मुहम्मद सदाउल्ला
- बी. एल. मित्तर ( अस्वस्थ होने के कारण त्यागपत्र दे दिया और उनके स्थान पर एन माधवन राव को नियुक्त किया गया।)
- डी. पी. खेतान ( इनकी मृत्यु 1948 में हो गई और उनके स्थान पर टी. कृष्णमाचारी को सदस्य बना दिया गया)
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संविधान की मूल प्रतियां हाथ से लिखी गई थी
भारतीय संविधान की जो दो प्रतियां थी उनको हिंदी भाषा और अंग्रेजी भाषा में हाथ से लिखा गया था। हाथ से लिखी गई भारतीय संविधान की मूल प्रतियों को आज भी संसद भवन के पुस्तकालय में सुरक्षित रखा गया है । भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में डॉ.राजेंद्र प्रसाद ने गवर्नमैंट हाऊस में 26 जनवरी 1950 को शपथ ली थी । गणतंत्र दिवस की पहली परेड 1955 को दिल्ली के राजपथ पर हुई थी, 29 जनवरी को विजय चौक पर बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी का आयोजन किया जाता है जिसमें भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना के बैंड सम्मिलित होते हैं ।
मित्रों उपरोक्त वर्णन से आपको आज 26 जनवरी को ही क्यों लागू हुआ संविधान ! इसके बारे में जानकारी हो गई होगी | 26 जनवरी को ही क्यों लागू हुआ संविधान इसके बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इससे सम्बन्धित या अन्य किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है | इसको अपने मित्रो के साथ शेयर जरूर करें |