क्या आपको पता है कि हमारे देश में ऐसा भी कानून है जो वन्य-जीवों पर अत्याचार करने पर दंड का प्रावधान करता है | इसका उत्तर है बिलकुल हमारे देश में ऐसा एक कानून है जो वन्य-जीवों की रक्षा के लिए बनाया गया है इसको Wildlife Protection Act 1972 या वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के नाम से जाना जाता है | आज हम इसी के बारे में विस्तार से बात करेंगे | आज हम इस लेख में Wildlife Protection Act 1972 in Hindi | वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के बारे में जानेंगे साथ ही ये भी देखेंगे वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 क्या है |
इस पोर्टल के माध्यम से यहाँ Wildlife Protection Act 1972 in Hindi | वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 इसके बारे में पूर्ण रूप से बात होगी | साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर अन्य संविधान की महत्वपूर्ण बातों और उसकी प्रमुख विशेषताओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से संविधान के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 (Wildlife Protection Act)
सरकार द्वारा वन्य जीव अपराधों की रोकथाम, अवैध शिकार पर लगाम और वन्यजीव उत्पादों के अवैध व्यापार पर रोक लगाने के लिए 1972 में वन्य जीव संरक्षण अधिनियम लाया गया था | वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 का मुख्य उद्देश्य वन्य जीवों के अवैध शिकार, उनकी अवैध व्यापार को रोकना है | यह अधिनियम जंगल के जानवरों, पक्षियों और पौधों को भी संरक्षण देता है |
हम देखते हैं कि वन्यजीव संरक्षण अधिनियम में कुल मिलाकर 6 अनुसूचियाँ हैं और इन्ही के माध्यम से वन्यजीव को सुरक्षा प्रदान की जाती है तथा इसके उलंघन करने पर सजा का प्रावधान वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 में निहित है | समय समय पर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम में संशोधन भी होता रहता है | इसमें जनवरी 2003 में संशोधित किया गया था और कानून के तहत अपराधों के लिये सज़ा एवं जुर्माने और अधिक कठोर बना दिया गया।
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वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की अनुसूची
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची को हम मुख्य रूप से चार श्रेणी में विभक्त कर सकते हैं |
- प्रथम श्रेणी में इस अधिनियम की अनुसूची 1 और अनुसूची 2 के दूसरे भाग वन्य जीवन को पूर्ण सुरक्षा प्रदान की गई हैं सबसे ज्यादा कठोरतम सजा का प्रावधान इसी में किया गया है |
- दुसरे श्रेणी में अनुसूची 3 और अनुसूची 4 के द्वारा भी वन्य जीवों को संरक्षण प्रदान किया गया हैं लेकिन इसमें सजा बहुत कम है |
- तीसरी श्रेणी में अनुसूची 5 के बारे में बात करे तो इसमें वे जानवर और वन्य जीवों को शामिल किया गया हैं जिनका शिकार हो सकता है |
- चौथी श्रेणी अनुसूची 6 से सम्बंधित है जोकि संरक्षित पौधों की खेती और रोपण पर रोक लगाने के बारे में प्रावधानित है |
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वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के अंतर्गत वन्यजीव को पकड़ना या पकड़ने की कोशिश करना, उनको नुकसान पहुँचाना पूरी तरह से प्रतिबंधित है | साथ ही वन्य जीवों के लिए बनाये गए अभयारण्य में आग लगाने, हथियारों के साथ प्रवेश करने पर भी रोक लगायी गई है | आपको बता दें कि अनुसूची 1 में आने वाले जानवरों को highly endangered के रूप में माना गया है | जैसे बाघ, चिंकारा, ब्लैक बक आदि इसी श्रेणी में आते हैं, इसलिए अनुसूची 1 में आने वाले जीवों को नुकसान पहुँचाने पर सजा भी सबसे अधिक और कठोरतम होती है |
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वन्य जीव संरक्षण अधिनियम में सजा का प्रावधान (SECTION 51)
वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के अंतर्गत सजा का प्रावधान (SECTION 51) में वन्यजीवों के शिकार करने पर कड़ी सजा देने का है | इस अधिनियम की अनुसूची 1 और अनुसूची 2 के तहत अवैध शिकार, अभयारण्य या राष्ट्रीय उद्यान को क्षति पहुँचाने पर कम से कम 3 साल की सजा का प्रावधान है जोकि 7 साल तक के लिए बढ़ाई जा सकती है और साथ ही दस रुपये जुर्माना होगा | ऐसा दूसरी बार अपराध करने पर 3 से 7 की जेल की सजा निश्चित की गई है और जुर्माना 25 हजार तक लगाए जाने का प्रावधान है |
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वन्यजीव संरक्षण अधिनियम से सम्बंधित चुनौतियाँ
- यहाँ पर देखने वाली बात ये है कि वन्यजीव संरक्षण अधिनियम द्वारा स्थापित संरक्षण का जो मॉडल बनाया गया है वो दुर्लभ प्रजातियों की सुरक्षा के लिये मानव मुक्त क्षेत्रों को बनाने पर आधारित है।
- यह मॉडल कुछ प्रजातियों की रक्षा करने में सफल रहा है लेकिन इस तरह से मानव मुक्त क्षेत्रों के निर्माण का दृष्टिकोण उन देशों के लिये बेहतर है जहाँ कम घनी आबादी और अधिक विकसित गैर-ग्रामीण अर्थव्यवस्था वाले देश हैं।
- भारत में इस प्रकार के बफर ज़ोनों के आस-पास के क्षेत्रों में स्थानान्तरण से लोगों के आर्थिक अधिकारों के साथ समझौता करने में सक्षम बनाया है।
- आपको बता दें कि वर्तमान सरकार की वन्यजीव कार्य-योजना मसौदे के रूप में वर्ष 2017-2031 की अवधि में वन्यजीव संरक्षण को दिशा-निर्देश करने के लिये स्थानीय आबादी का समर्थन प्राप्त करना इसकी सफलता हेतु आवश्यक है।
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वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 | Wildlife Protection Act 1972 in Hindi
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 (Wildlife Protection Act, 1972) में 7 अध्याय तथा 63 धाराएं और कुल मिलाकर 6 अनुसूचियाँ निहित है | आप नीचे दिए गए लिंक से वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 | Wildlife Protection Act 1972 | Rules & Summary PDF Download कर सकते हैं |
Download Here : वन्यजीव संरक्षण अधिनियम | Wildlife Protection Act 1972 | PDF Download
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उपरोक्त वर्णन से आपको आज Wildlife Protection Act 1972 in Hindi | वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 इसके बारे में जानकारी हो गई होगी | Wildlife Protection Act 1972 | वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इससे सम्बन्धित या अन्य किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है | इसको अपने मित्रो के साथ शेयर जरूर करें |
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