आईपीसी धारा 117 क्या है
आज हम आपके लिए इस पेज पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 117 की जानकारी लेकर आये है | यहाँ हम आपको बताएँगे कि भारतीय दंड सहिता (IPC) की धारा 117 किस प्रकार से परिभाषित की गई है और इसका क्या अर्थ है ? भारतीय दंड संहिता यानि कि आईपीसी (IPC) की धारा 117 क्या है, इसके बारे में आप यहाँ जानेंगे |
लोक साधारण द्वारा या दस से अधिक व्यक्तियों द्वारा अपराध किए जाने का दुष्प्रेरण
इस पोर्टल के माध्यम से यहाँ धारा 117 क्या बताती है ? इसके बारे में पूर्ण रूप से बात होगी | साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर अन्य भारतीय दंड संहिता (IPC) की महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |
IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा) की धारा 117 के अनुसार :-
लोक साधारण द्वारा या दस से अधिक व्यक्तियों द्वारा अपराध किए जाने का दुष्प्रेरण
जो कोई लोक साधारण द्वारा, या दस से अधिक व्यक्तियों की किसी भी संख्या या वर्ग द्वारा किसी अपराध के किए जाने का दुष्प्रेरण करेगा, वह दोनों में से किसी A भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।
दृष्टांत
क, एक लोक स्थान में एक प्लेकार्ड चिपकाता है, जिसमें एक पंथ को जिसमें दस से अधिक सदस्य हैं, एक विरोधी पंथ के सदस्यों पर जब कि वे जुलूस निकालने में लगे हुए हों, आक्रमण करने के प्रयोजन से, किसी निश्चित समय और स्थान पर मिलने के लिए उकसाया गया है । क ने इस धारा में परिभाषित अपराध किया है ।
Section 117 – “ Abetting commission of offence by the public or by more than ten persons”–
Whoever abets the commission of an offence by the public generally or by any number or class of persons exceeding ten, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to three years, or with fine, or with both.
Illustration –
A affixes in a public place a placard instigating a sect consisting of more than ten members to meet at a certain time and place, for the purpose of attacking the members of an adverse sect, while engaged in a procession. A has committed the offence defined in this section.
लागू अपराध
लोक साधारण द्वारा या दस से अधिक व्यक्तियों द्वारा अपराध किए जाने का दुष्प्रेरण
सजा – 3 वर्ष कारावास या आर्थिक दण्ड या दोनों।
जमानत, संज्ञान और अदालती कार्रवाई, किए गये अपराध अनुसार होगी।
यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।
आईपीसी की धारा 117 में सजा (Punishment) क्या होगी
यहाँ भारतीय दंड संहिता में धारा 117 किये गए अपराध के लिए सजा को निर्धारित किया गया हैं | जो इस प्रकार है – लोक साधारण द्वारा या दस से अधिक व्यक्तियों द्वारा अपराध किए जाने का दुष्प्रेरण, उसको 3 वर्ष कारावास या आर्थिक दण्ड या दोनों दण्ड से दण्डित किया जा सकता है | यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।
आईपीसी (IPC) की धारा 117 में जमानत (BAIL) का प्रावधान
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 117 में जिस अपराध की सजा के बारे में बताया गया है उस अपराध को जमानत, संज्ञान और अदालती कार्रवाई, किए गये अपराध अनुसार होगी।
मित्रों उपरोक्त वर्णन से आपको आज भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 117 के बारे में जानकारी हो गई होगी | कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा ? इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है | इसको अपने मित्रो के साथ शेयर जरूर करें |
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
जनता या दस से अधिक व्यक्तियों द्वारा दुष्प्रेरण का अपराध | 3 साल या जुर्माना या दोनों | किये गए अपराध के समान | किये गए अपराध के समान | उस अदालत के द्वारा जिसमे किया गया अपराध जाने योग्य है |