घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 37 क्या है
आज हम आपके लिए इस पेज पर घरेलू हिंसा अधिनियम (Domestic Violence Act) की धारा 37 की जानकारी लेकर आये है | यहाँ हम आपको बताएँगे कि घरेलू हिंसा अधिनियम (Domestic Violence Act) की धारा 37 किस प्रकार से परिभाषित की गई है और इसका क्या अर्थ है ? घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 37 क्या है, इसके बारे में आप यहाँ जानेंगे |
केन्द्रीय सरकार की नियम बनाने की शक्ति
इस पोर्टल के माध्यम से यहाँ धारा 37 क्या बताती है ? इसके बारे में पूर्ण रूप से बात होगी | साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर अन्य घरेलू हिंसा अधिनियम (Domestic Violence Act) की महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |
[Domestic Violence Act Sec. 37 in Hindi]
घरेलू हिंसा अधिनियम धारा 36 क्या है
Domestic Violence (घरेलू हिंसा अधिनियम) की धारा 37 के अनुसार :-
केन्द्रीय सरकार की नियम बनाने की शक्ति
(1) केन्द्रीय सरकार इस अधिनियम के उपबन्धों को कार्यान्वित करने के लिए अधिसूचना द्वारा नियम बना सकेगी।
(2) विशिष्टतया और पूर्वगामी शक्ति की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना ऐसे नियम निम्नलिखित सभी या किन्हीं विषयों के लिए उपवन्ध कर सकेंगे, अर्थात् :
(क) वे अर्हताएँ और अनुभव, जो धारा 8 की उपधारा (2) के अधीन किसी संरक्षण अधिकारी के पास होंगे;
(ख) धारा 8 की उपधारा (3) के अधीन संरक्षण अधिकारी और उसके अधीनस्थ अन्य अधिकारियों की सेवा के निबन्धन और शर्ते;
(ग) वह प्ररूप और रीति जिसमें धारा १ को उपधारा (1) के खण्ड (ख) के अधीन कोई घरेलू घटना रिपोर्ट बनाई जा सकेगी;
(घ) वह प्ररूप और रीति जिसमें, धारा 9 की उपधारा (1) के खण्ड (ग) के अधीन संरक्षण आदेश के लिए मजिस्ट्रेट को कोई आवेदन किया जा सकेगा;
(ङ) वह प्ररूप जिसमें, धारा 9 की उपधारा (1) के खण्ड (घ) के अधीन कोई परिवाद फाइल किया जाएगा;
(च) धारा 9 की उपधारा (1) के खण्ड (झ) के अधीन संरक्षण अधिकारी द्वारा किए जाने वाले अन्य कर्तव्य
(छ) धारा 10 की उपधारा (1) के अधीन सेवा प्रदाताओं के रजिस्ट्रीकरण को विनियमित करने के नियम;
(ज) वह प्ररूप जिसमें इस अधिनियम के अधीन अनुतोष की वांछा करने के लिए धारा 12 की उपधारा (1) के लिए कोई आवेदन और वे विशिष्टयाँ जो उस धारा की उपधारा (3) के अधीन ऐसे आवेदन में अन्तर्विष्ट होंगी।
(झ) धारा 13 की उपधारा (1) के अधीन सूचनाओं की तामील की युक्तियाँ
(ञ) धारा 13 की उपधारा (2) के अधीन संरक्षण अधिकारी द्वारा दी जाने वाली सूचना की तामील की घोषणा का प्ररूप;
(ट) परामर्श देने के लिए अर्हताएँ और अनुभव जो धारा 14 की उपधारा (1) के अधीन सेवा प्रदाता के किसी सदस्य के पास होंगे;
(ठ) वह प्ररूप, जिसमें कोई शपथपत्र, धारा 23 की उपधारा (2) के अधीन व्यथित व्यक्ति द्वारा फाइल किया जा सके।
(ड) कोई अन्य विषय, जो विहित किया जाना है या विहित किया जा सकेगा।
(3) इस धारा के अधीन बनाया गया प्रत्येक नियम बनाए जाने के पश्चात् यथाशीघ्र, संसद् के प्रत्येक सदन के समक्ष जब वह सत्र में हो, तीस दिन की अवधि के लिए रखा जाएगा। यह अवधि एक सत्र में अथवा दो या अधिक आनुक्रमिक सत्रों में पूरी हो सकेगी। यदि उस सत्र के या पूर्वोक्त आनुक्रमिक सत्रों के ठीक बाद के सत्र के अवसान के पूर्व, दोनों सदन उस नियम में कोई परिवर्तन करने के लिए सहमत हो जाएं तो तत्पश्चात् वह ऐसे परिवर्तित रूप में ही प्रभावी होगा। यदि उक्त अवसान के पूर्व दोनों सदन सहमत हो जाएं कि वह नियम नहीं बनाया जाना चाहिए तो तत्पश्चात् वह निष्प्रभाव हो जाएगा। किन्तु नियम के ऐसे परिवर्तित या निष्प्रभाव होने से उसके अधीन पहले की गई किसी बात की विधिमान्यता पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
घरेलू हिंसा अधिनियम धारा 35 क्या है
According to Section 37 – “Power of Central Government to make rules ”–
(1) The Central Government may, by notification, make rules for carrying out the provisions of this Act.
(2) In particular, and without prejudice to the generality of the foregoing power, such rules may provide for all or any of the following matters, namely:-
(a) the qualifications and experience which a Protection Officer shall possess under sub- section (2) of section 8;
(b) the terms and conditions of service of the Protection Officers and the other officers subordinate to him, under sub-section (3) of section 8;
(c) the form and manner in which a domestic incident report may be made under clause (b) of sub-section (1) of section 9;
(d) the form and the manner in which an application for protection order may be made to the Magistrate under clause (c) of sub-section (1) of section 9;
(e) the form in which a complaint is to be filed under clause (d) of sub-section (1) of section 9;
(f) the other duties to be performed by the Protection Officer under clause (i) of sub-section (1) of section 9;
(g) the rules regulating registration of service providers under sub-section (1) of section 10;
(h) the form in which an application under sub-section (1) of section 12 seeking reliefs under this Act may be made and the particulars which such application shall contain under sub- section (3) of that section;
(i) the means of serving notices under sub-section (1) of section 13;
(j) the form of declaration of service of notice to be made by the Protection Officer under sub- section (2) of section 13;
(k) the qualifications and experience in counselling which a member of the service provider shall possess under sub-section (1) of section 14;
(l) the form in which an affidavit may be filed by the aggrieved person under sub-section (2) of section 23;
(m) any other matter which has to be, or may be, prescribed.
(3) Every rule made under this Act shall be laid, as soon as may be after it is made, before each House of Parliament, while it is in session, for a total period of thirty days which may be comprised in one session or in two or more successive sessions, and if, before the expiry of the session immediately following the session or the successive sessions aforesaid, both Houses agree in making any modification in the rule or both Houses agree that the rule should not be made, the rule shall thereafter have effect only in such modified form or be of no effect, as the case may be; so, however, that any such modification or annulment shall be without prejudice to the validity of anything previously done under that rule.
घरेलू हिंसा अधिनियम धारा 34 क्या है
मित्रों उपरोक्त वर्णन से आपको आज घरेलू हिंसा अधिनियम (Domestic Violence Act) की धारा 37 के बारे में जानकारी हो गई होगी | कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा ? इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है | इसको अपने मित्रो के साथ शेयर जरूर करें |
घरेलू हिंसा अधिनियम धारा 33 क्या है