आईपीसी धारा 426 क्या है
आज हम आपके लिए इस पेज पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 426 की जानकारी लेकर आये है | यहाँ हम आपको बताएँगे कि भारतीय दंड सहिता (IPC) की धारा 426 किस प्रकार से परिभाषित की गई है और इसका क्या अर्थ है ? भारतीय दंड संहिता यानि कि आईपीसी (IPC) की धारा 426 क्या है, इसके बारे में आप यहाँ जानेंगे |
रिष्टि के लिए दण्ड
इस पोर्टल के माध्यम से यहाँ धारा 426 क्या बताती है ? इसके बारे में पूर्ण रूप से बात होगी | साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर अन्य भारतीय दंड संहिता (IPC) की महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |
IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा) की धारा 426 के अनुसार :-
रिष्टि के लिए दण्ड
जो कोई रिष्टि करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दंडित किया जाएगा ।
Section 426 – “Punishment for mischief”–
Whoever commits mischief shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to three months, or with fine, or with both.
लागू अपराध
रिष्टि के लिए दण्ड
सजा – 3 मास के लिए कारावास या जुर्माने से, या दोनों से दण्डित किया जा सकता
यह एक जमानती, गैर-संज्ञेय अपराध है और कोई भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
आईपीसी की धारा 426 में सजा (Punishment) क्या होगी
यहाँ भारतीय दंड संहिता में धारा 426 में किये गए अपराध के लिए सजा को निर्धारित किया गया हैं | जो इस प्रकार है – रिष्टि (शरारत) करना, उसको 3 मास के लिए कारावास या जुर्माने से, या दोनों दण्ड से दण्डित किया जा सकता है |
आईपीसी (IPC) की धारा 426 में जमानत (BAIL) का प्रावधान
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 426 में जिस अपराध की सजा के बारे में बताया गया है उस अपराध को एक गैर – संज्ञेय जमानतीय अपराध बताया गया है | यहाँ आपको मालूम होना चाहिए कि जमानतीय अपराध होने पर इसमें जमानत मिल जाती है क्योंकी CrPC में यह जमानतीय अपराध बताया गया है ।
मित्रों उपरोक्त वर्णन से आपको आज भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 426 के बारे में जानकारी हो गई होगी | कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा ? इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है | इसको अपने मित्रो के साथ शेयर जरूर करें |
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
रिष्टि (शरारत) के लिए दण्ड | 3 मास के लिए कारावास या जुर्माने से, या दोनों से | गैर -संज्ञेय | जमानतीय | कोई भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय |