आईपीसी धारा 411 क्या है | IPC Section 411 in Hindi – विवरण, सजा का प्रावधान


आईपीसी धारा 411 क्या है

भारतीय दंड संहिता में चुराई हुई संपत्ति को बेईमानी से प्राप्त करनाएक अपराध माना गया है और इसको (IPC) की धारा 411 में परिभाषित (डिफाइन) किया गया है |  यहाँ हम आपको बताने जा रहे हैं कि भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 411 किस तरह अप्लाई होगी | भारतीय दंड संहिता यानि कि IPC की धारा 411 क्या है ? इसके सभी पहलुओं के बारे में विस्तार से यहाँ समझने का प्रयास करेंगे | आशा है हमारी टीम द्वारा किया गया प्रयास आपको पसंद आ रहा होगा

आईपीसी धारा 447 क्या है

(IPC Section 411) – चुराई हुई संपत्ति को बेईमानी से प्राप्त करना

इस पोर्टल के माध्यम से भारतीय दंड सहिता की धारा 411 में “चुराई हुई संपत्ति को बेईमानी से प्राप्त करना इस अपराध  के बारे में क्या प्रावधान बताये गए हैं, और इसमें कितनी सजा देने की बात कही गई है? इनके बारे में पूर्ण रूप से इस धारा में चर्चा की गई है | साथ ही भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 411 में जमानत के बारे में क्या बताया गया है ? इसको भी यहाँ जानेंगे, साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर अन्य महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी  ले सकते हैं |



आईपीसी धारा 420 क्या है

IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा ) की धारा 411 के अनुसार :-

चुराई हुई संपत्ति को बेईमानी से प्राप्त करना–

“जो कोई किसी चुराई हुई संपत्ति को, यह जानते हुए या विश्वास करने का कारण रखते हुए कि वह चुराई हुई संपत्ति है, बेईमानी से प्राप्त करेगा या रखेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा “|

S. 411 – “Dishonestly receiving stolen property”–

“Whoever dishonestly receives or retains any stolen property, knowing or having reason to believe the same to be stolen property, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to three years, or with fine, or with both”.

आईपीसी धारा 427 क्या है

 लागू अपराध (IPC Section 411)

चोरी की संपत्ति को बेईमानी से प्राप्त करना

सजा – 3 वर्ष का कारावास या आर्थिक दंड या दोनों दिए जा सकते हैं |

यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

यह अपराध पीड़ित व्यक्ति (जिसकी संपत्ति चोरी हुई है) के द्वारा समझौता करने योग्य है।

 आईपीसी धारा 471 क्या है 

आईपीसी की धारा 411 में सजा (Punishment) क्या होगी

किसी व्यक्ति के द्वारा को चोरी की संपत्ति को बेईमानी से प्राप्त करना अपराध है , उसके लिए दंड का निर्धारण भारतीय दंड संहिता में धारा 411 के तहत किया गया है | यहाँ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 411 में चोरी की संपत्ति को बेईमानी से प्राप्त करने पर इस अपराध के लिए सजा को निर्धारित किया गया हैं | इसके लिए उस व्यक्ति को जिसके द्वारा ऐसा किया जाता है,  उसको – 3 वर्ष कारावास या जुर्माना या फिर दोनों हो सकते हैं ।

आईपीसी धारा 494 क्या है

आईपीसी (IPC) की धारा 411 में  जमानत  (BAIL) का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 411 में जिस अपराध की सजा के बारे में बताया गया है उस अपराध को एक जमानती और गैर-संज्ञेय अपराध बताया गया है | यहाँ आपको मालूम होना चाहिए कि गैर – जमानतीय अपराध होने पर इसमें जमानत मिलने में मुश्किल आती है , क्योंकी CrPC में यह गैर – जमानतीय अपराध बताया गया है ।

मित्रों उपरोक्त वर्णन से आपको आज भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 411 के बारे में जानकारी हो गई होगी | इसमें क्या अपराध बनता है कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा | इस अपराध को कारित करने पर क्या सजा होगी ?  इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, साथ ही इसमें जमानत के क्या प्रावधान होंगे ? यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप  हमें  कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है |

आईपीसी धारा 498A क्या है

अपराधसजासंज्ञेयजमानतविचारणीय
चोरी की संपत्ति को बेईमानी से प्राप्त करना3 साल के लिए कारावास या जुर्माना  या दोनोंसंज्ञेयगैर – जमानतीयकोई भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय (ट्रायल किया जा सकता)

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3 thoughts on “आईपीसी धारा 411 क्या है | IPC Section 411 in Hindi – विवरण, सजा का प्रावधान”

  1. एक मुकदमे में सोने की चेन चोरी हो गई थी जब अभियुक्त पकड़ा उसके कब्जे से सोने की चेन के बदले रुपए बरामद हुए हैं उसने सोने की चेन गला कर भेज दिए बताइए क्या 411 धारा इसमें लगेगी

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