आईपीसी धारा 365 क्या है
भारतीय दंड संहिता में ” किसी व्यक्ति का गुप्त रीति से और सदोष परिरोध करने के आशय से व्यपहरण या अपहरण ” करना एक अपराध माना गया है और इसको (IPC) की धारा 365 में परिभाषित (डिफाइन) किया गया है | यहाँ आज हम आपको इस पेज पर ये बताने का प्रयास करेंगे कि भारतीय दंड सहिता (IPC) की धारा 365 किस तरह अप्लाई होगी | भारतीय दंड संहिता यानि कि IPC की धारा 365 क्या है ? इसके सभी पहलुओं के बारे में विस्तार से यहाँ समझने का प्रयास करेंगे | आशा है हमारी टीम द्वारा किया गया प्रयास आपको पसंद आ रहा होगा | अगर आपके पास कोई सुझाव हो जो आप हम तक पहुंचना चाह रहे हो तो बेझिझक हमको कमेंट बॉक्स के माध्यम से लिखिए |
(IPC Section 365) किसी व्यक्ति का गुप्त रीति से और सदोष परिरोध करने के आशय से व्यपहरण या अपहरण
इस पेज पर भारतीय दंड सहिता की धारा 365 में “किसी व्यक्ति का गुप्त रीति से और सदोष परिरोध करने के आशय से व्यपहरण या अपहरण” करना एक अपराध हैं, इस अपराध के बारे में क्या प्रावधान बताये गए हैं, और इसमें कितनी सजा देने की बात कही गई है? इनके बारे में पूर्ण रूप से इस धारा में चर्चा की गई है | साथ ही भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 365 में जमानत के बारे में क्या बताया गया है ? इसको भी यहाँ जानेंगे, साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर अन्य महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी ले सकते हैं |
IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा ) की धारा 365 के अनुसार :-
किसी व्यक्ति का गुप्त रीति से और सदोष परिरोध करने के आशय से व्यपहरण या अपहरण
“किसी व्यक्ति का गुप्त रीति से और सदोष परिरोध करने के आशय से व्यपहरण या अपहरण-जो कोई | इस आशय से किसी व्यक्ति का व्यपहरण या अपहरण करेगा कि उसका गुप्त रीति से और सदोष परिरोध किया जाए, वह दाना मस किसी भाति के कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा, और जमान से भी दण्डनीय होगा”
According to Section. 365 – “Kidnapping or abducting with intent secretly and wrongfully to confine person”
“Whoever kidnaps or abducts any person with intent to cause that person to be secretly and wrongfully confined, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to seven years, and shall also be liable to fine”.
लागू अपराध (IPC Section 365)
किसी व्यक्ति का गुप्त रीति से और सदोष परिरोध करने के आशय से व्यपहरण या अपहरण करना
सजा – 7 साल के लिए कारावास + साथ ही आर्थिक दंड |
यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है और प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।
आईपीसी की धारा 365 में सजा (Punishment) क्या होगी
अगर किसी के द्वारा किसी व्यक्ति का गुप्त रीति से और सदोष परिरोध करने के आशय से व्यपहरण या अपहरण किया जाता है , उसके लिए दंड का निर्धारण भारतीय दंड संहिता में धारा 365 के तहत किया गया है | यहाँ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 365 में ऐसे कार्य के लिए सजा को निर्धारित किया गया हैं | इसके लिए उस व्यक्ति को जिसके द्वारा ऐसा किया जाता है, उसको – 7 साल के लिए कारावास + साथ ही आर्थिक दंड दिया जायेगा ऐसा प्रावधानित किया गया हैं । IPC की धारा 365 का यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।
आईपीसी (IPC) की धारा 365 में जमानत (BAIL) का प्रावधान
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 365 में जिस अपराध की सजा के बारे में बताया गया है उस अपराध को एक गैर-जमानती और संज्ञेय अपराध बताया गया है | यहाँ आपको मालूम होना चाहिए कि गैर–जमानतीय अपराध है, क्युकि इसको CrPC में संज्ञेय श्रेणी का गैर–जमानतीय अपराध बताया गया है | IPC की धारा 365 का यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।
मित्रों उपरोक्त वर्णन से आपको आज भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 365 के बारे में जानकारी हो गई होगी | इसमें क्या अपराध बनता है कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा | इस अपराध को कारित करने पर क्या सजा होगी ? इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, साथ ही इसमें जमानत के क्या प्रावधान होंगे ? यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है |
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
किसी व्यक्ति को कैद करने के लिए चुपके से और गलत तरीके के इरादे से व्यपहरण या अपहरण | 7 साल के लिए कारावास साथ ही जुर्माना के लये भी उत्तरदायी होगा | संज्ञेय | गैर-जमानती | प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय (ट्रायल किया जा सकता) |
पापा के उपर ब धारा 365 लगती ह कया