आईपीसी धारा 448 क्या है
भारतीय दंड संहिता में “गॄह-अतिचार करना ” एक अपराध माना गया है और इसके लिए दण्ड का प्रावधान (IPC) की धारा 448 में किया गया है | यहाँ हम आपको ये बताने का प्रयास करेंगे कि भारतीय दंड सहिता (IPC) की धारा 448 किस तरह अप्लाई होगी | भारतीय दंड संहिता यानि कि IPC की धारा 448 क्या है ? इसके सभी पहलुओं के बारे में विस्तार से यहाँ समझने का प्रयास करेंगे | आशा है हमारी टीम द्वारा किया गया प्रयास आपको पसंद आ रहा होगा |
(IPC Section 448) गृह-अतिचार के लिए दंड-
इस पेज पर भारतीय दंड सहिता की धारा 448 में “गॄह-अतिचार करने के लिए दण्ड” के बारे में क्या प्रावधान बताये गए हैं, और इसमें कितनी सजा देने की बात कही गई है? इनके बारे में पूर्ण रूप से इस धारा में चर्चा की गई है | साथ ही भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 448 में जमानत के बारे में क्या बताया गया है ? इसको भी यहाँ जानेंगे, साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर अन्य महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी ले सकते हैं |
IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा ) की धारा 448 के अनुसार :-
गृह-अतिचार के लिए दंड-
जो कोई गृह-अतिचार करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो एक हजार रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से, दंडित किया जाएगा ।
According to Section. 448 – “Punishment for house-trespass”–
“ Whoever commits house-trespass shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to one year, or with fine which may extend to one thousand rupees, or with both”.
लागू अपराध (IPC Section 448)
गॄह-अतिचार करना
सजा – 1 वर्ष तक का कारावास, या 1 हजार रुपए तक का आर्थिक दण्ड, या दोनों दिए जा सकते है।
यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी मेजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
यह अपराध पीड़ित व्यक्ति (जिसकी संपत्ति पर अतिचार हुआ हो) द्वारा समझौता करने योग्य है।
आईपीसी की धारा 448 में सजा (Punishment) क्या होगी
गॄह-अतिचार करना अपराध माना गया है , इसके लिए दंड का निर्धारण भारतीय दंड संहिता में धारा 448 के तहत किया गया है | यहाँ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 448 में ऐसा अपराध करने पर – 1 वर्ष तक का कारावास, या 1 हजार रुपए तक का आर्थिक दण्ड, या दोनों दिए जा सकते है ।
आईपीसी (IPC) की धारा 448 में जमानत (BAIL) का प्रावधान
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 448 में जिस अपराध की सजा के बारे में बताया गया है उस अपराध को एक जमानती और गैर- संज्ञेय अपराध बताया गया है | यहाँ आपको मालूम होना चाहिए कि जमानतीय अपराध होने पर इसमें जमानत जमानत मिल जाती है क्योकि इसको CrPC में संज्ञेय श्रेणी का जमानतीय अपराध में बताया गया है |
आपको आज भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 448 के बारे में जानकारी हो गई होगी | इसमें क्या अपराध बनता है, कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा | इस अपराध को कारित करने पर क्या सजा होगी ? इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, साथ ही इसमें जमानत के क्या प्रावधान होंगे ? यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है |
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
गॄह-अतिचार करना | 1 वर्ष तक का कारावास, या 1 हजार रुपए तक का आर्थिक दण्ड, या दोनों | संज्ञेय | जमानतीय | किसी भी मेजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय (ट्रायल किया जा सकता) |