सीआरपीसी की धारा 200 क्या है | Section 200 CRPC in Hindi


सीआरपीसी की धारा 200  क्या है

दंड प्रक्रिया सहिता में परिवादी की परीक्षाकिस प्रकार से किया जायेगा इस प्रक्रिया का प्रावधान सीआरपीसी (CrPC) की धारा 200 में  किया गया है | यहाँ हम आपको ये बताने का प्रयास करेंगे कि दंड प्रक्रिया सहिता (CrPC) की धारा 200 के लिए किस तरह अप्लाई होगी | दंड प्रक्रिया सहिता यानि कि CrPC की धारा 200 क्या है ? इसके सभी पहलुओं के बारे में विस्तार से यहाँ समझने का प्रयास करेंगे | आशा है हमारी टीम द्वारा किया गया प्रयास आपको पसंद आ रहा होगा |

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(CrPC Section 200) Dand Prakriya Sanhita Dhara 200 (परिवादी की परीक्षा) 

इस पेज पर दंड प्रक्रिया सहिता की धारा 200 परिवादी की परीक्षा  के बारे में क्या प्रावधान बताये गए हैं ? इनके बारे में पूर्ण रूप से इस धारा में चर्चा की गई है | साथ ही दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 200 कब नहीं लागू होगी ये भी बताया गया है ? इसको भी यहाँ जानेंगे, साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की अन्य महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी  ले सकते हैं |



सीआरपीसी की धारा 164 क्या है

CrPC (दंड प्रक्रिया संहिता की धारा ) की धारा 200 के अनुसार :-

परिवादी की परीक्षा-

परिवाद पर किसी अपराध का संज्ञान करने वाला मजिस्ट्रेट, परिवादी की और यदि कोई साक्षी उपस्थित है तो उनकी शपथ पर परीक्षा करेगा और ऐसी परीक्षा का सारांश लेखबद्ध किया जाएगा और परिवादी और साक्षियों द्वारा तथा मजिस्ट्रेट द्वारा भी हस्ताक्षरित किया जाएगा: परंतु जब परिवाद लिख कर किया जाता है तब मजिस्ट्रेट के लिए परिवादी या साक्षियों की परीक्षा करना आवश्यक न होगा

(क) यदि परिवाद अपने पदीय कर्तव्यों के निर्वहन में कार्य करने वाले या कार्य करने का तात्पर्य रखने वाले लोक सेवक द्वारा या न्यायालय द्वारा किया गया है, अथवा

(ख) यदि मजिस्ट्रेट जांच या विचारण के लिए मामले को धारा 192 के अधीन किसी अन्य मजिस्ट्रेट के हवाले कर देता है :

परंतु यह और कि यदि मजिस्ट्रेट परिवादी या साक्षियों की परीक्षा करने के पश्चात् मामले को धारा 192 के अधीन किसी अन्य मजिस्ट्रेट के हवाले करता है तो बाद वाले मजिस्ट्रेट के लिए उनकी फिर से परीक्षा करना आवश्यक न होगा।

According to Section. 200 –   “ Examination of complainant ”–

A Magistrate taking cognizance of an offence on complaint shall examine upon oath the complainant and the witnesses present, if any, and the substance of such examination shall be reduced to writing and shall be signed by the complainant and the witnesses, and also by the Magistrate:

Provided that, when the complaint is made in writing, the Magistrate need not examine the complainant and the witnesses-

(a) if a public servant acting or- purporting to act in the discharge of his official duties or a Court has made the complaint; or

(b) if the Magistrate makes over the case for inquiry or trial to another Magistrate under section 192: Provided further that if the Magistrate makes over the case to another Magistrate under section 192 after examining the complainant and the witnesses, the latter Magistrate need not re- examine them.

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धारा 200, (अग्रिम जमानत) दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 क्या कहती है जानिए आसान भाषा में :

धारा 200, “परिवादी की परीक्षा”  के बारे में बात करती है इसके अनुसार यहाँ इस बात की प्रक्रिया के बारे में बताया गया है कि किस प्रकार से परिवादी की परीक्षा की जाएगी | इस धारा में बताया गया है कि परिवाद पर किसी अपराध का संज्ञान करने वाला मजिस्ट्रेट, परिवादी की और यदि कोई साक्षी उपस्थित है तो उनकी शपथ पर परीक्षा करेगा और ऐसी परीक्षा का सारांश लेखबद्ध किया जाएगा और परिवादी और साक्षियों द्वारा तथा मजिस्ट्रेट द्वारा भी हस्ताक्षरित किया जाएगा |

साथ ही यहाँ यह भी कहा गया है कि परंतु जब परिवाद लिख कर किया जाता है तब मजिस्ट्रेट के लिए परिवादी या साक्षियों की परीक्षा करना आवश्यक न होगा |

(क) यदि परिवाद अपने पदीय कर्तव्यों के निर्वहन में कार्य करने वाले या कार्य करने का तात्पर्य रखने वाले लोक सेवक द्वारा या न्यायालय द्वारा किया गया है, अथवा

(ख) यदि मजिस्ट्रेट जांच या विचारण के लिए मामले को धारा 192 के अधीन किसी अन्य मजिस्ट्रेट के हवाले कर देता है :

परंतु यह बात साथ में और भी कही गई हैकि यदि मजिस्ट्रेट परिवादी या साक्षियों की परीक्षा करने के पश्चात् मामले को धारा 192 के अधीन किसी अन्य मजिस्ट्रेट के हवाले करता है तो बाद वाले मजिस्ट्रेट के लिए उनकी फिर से परीक्षा करना आवश्यक न होगा।

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आपको आज दंड प्रक्रिया संहिता  की धारा 200 परिवादी की परीक्षा  इसके  बारे में जानकारी हो गई होगी | कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा ?  इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप  कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है |

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