आईपीसी धारा 10 क्या है
आज हम आपके लिए इस पेज पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 10 की जानकारी लेकर आये है | यहाँ हम आपको बताएँगे कि भारतीय दंड सहिता (IPC) की धारा 10 किस प्रकार से परिभाषित की गई है और इसका क्या अर्थ है ? भारतीय दंड संहिता यानि कि आईपीसी (IPC) की धारा 10 क्या है, इसके बारे में आप यहाँ जानेंगे |
इस पोर्टल के माध्यम से यहाँ धारा 10 क्या बताती है ? इसके बारे में पूर्ण रूप से बात होगी | साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर अन्य भारतीय दंड संहिता (IPC) की महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |
IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा ) की धारा 10 के अनुसार :-
पुरुष। स्त्री –
“पुरुष” शब्द किसी भी आयु के मानव नर का द्योतक है; “स्त्री” शब्द किसी भी आयु की मानव नारी का द्योतक है।
According to Section 10 – “Man”, “Woman” –
“ The word “man” denotes a male human being of any a the word “woman” denotes a female human being of any age”.
IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा ) की धारा 10 का अर्थ
इस धारा का अर्थ है कि इस संहिता में “पुरुष” शब्द जहाँ भी आएगा वह उसको किसी भी आयु के मानव नर के बारे में समझा जायेगा; और “स्त्री” शब्द जहाँ भी आएगा वह उसको किसी भी किसी भी आयु की मानव नारी के बारे में समझा जायेगा।
मित्रों उपरोक्त वर्णन से आपको आज भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 10 के बारे में जानकारी हो गई होगी | इसमें क्या अपराध बनता है कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा | इस अपराध को कारित करने पर क्या सजा होगी ? इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है | इसको अपने मित्रो के साथ शेयर जरूर करें |